मनोज कर्ण Tag: फितरत 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 2 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत ~~°~~°~~° दरीचे-ए-रूह से देखा जो, उसकी मासूमियत को, गिरते अश्क की हर बूंद में, बेगुनाही के सबूत दिखते हैं। पर इंसान की ये फितरत जो है, वो तो बेगुनाहों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · फितरत 10 4 795 Share