मनोज कर्ण Tag: ग़ज़ल 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 29 Sep 2024 · 1 min read *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क मैंने देखा नहीं है ख़्वाबों को, कभी हँसते हुए, मैंने देखा है ख़्वाबों को, ख़्वाब से ही मरते हुए, तन्हाई में होता है... Hindi · इश्क़ · ख्वाब · ग़ज़ल · फ़ुर्सत 2 89 Share मनोज कर्ण 2 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत ~~°~~°~~° दरीचे-ए-रूह से देखा जो, उसकी मासूमियत को, गिरते अश्क की हर बूंद में, बेगुनाही के सबूत दिखते हैं। पर इंसान की ये फितरत जो है, वो तो बेगुनाहों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · फितरत 10 4 795 Share