डा गजैसिह कर्दम 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डा गजैसिह कर्दम 21 Oct 2023 · 1 min read हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता कैसे जीवन कट पायेगा,मुझे कोई राह बता. हाल बुरा है तेरे पिता का,रोये बार बार माता निढाल पडी है तेरी,आजा एक बार. जार... Quote Writer 173 Share डा गजैसिह कर्दम 12 Sep 2023 · 1 min read हर मन को पावन कर जाओ हर मन को पावन कर जाओ =================== कोटि नमन तुम्हैं भीम जी कोटि नमन रविदास। पुन:पधारो देश में तुमसेही लगी है आस।। जन जन में खायी बढी नारी का सम्मान... Hindi 106 Share डा गजैसिह कर्दम 5 May 2023 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई Dr GAJAI SINGH kardam Quote Writer 1 202 Share डा गजैसिह कर्दम 29 Apr 2023 · 1 min read कागज के फूल कागज के फूल कागज के फूलों से भी आती हैं महक, जब कलम से शब्द उभरते हैं।। कांटो को भी हंसते देखा हमने, जब प्यार के फूल बरसते हैं।। Quote Writer 2 1 602 Share डा गजैसिह कर्दम 29 Apr 2023 · 1 min read आज बहुत दिनों के बाद आपके साथ आज बहुत दिनों के बाद आपके साथ Quote Writer 238 Share डा गजैसिह कर्दम 24 Apr 2018 · 1 min read भारत माता की चीख माता पर न्यौछावर जन , माता के टुकडे कर बैठे। खल ध्वंस करने चले साथ, आज वे पामर बन बैठे।। पाक बना,बंगला बना, भारत के हिस्से कर बैठे। अमर शहीदों... Hindi · कविता 1 2 308 Share डा गजैसिह कर्दम 14 Apr 2018 · 1 min read इंसान यहां कभी मरा ना हिन्दू, मरा नहीं मुसलमान यहां। इन्सां की बन्दूक से मरा है, सदा ही इन्सान यहां।। आॅसू टपके ना सिक्खों के, रोया नहीं ईसाई कभी। दंगा किया... Hindi · कविता 1 302 Share डा गजैसिह कर्दम 13 Apr 2018 · 1 min read हम विजय श्री ले आवत है। कंपित कर से तिलक कियो है दे विजय श्री का आशिर्वाद । कंपित होंठ कहें सुत से मातृभूमि करना आबाद ।। छलकत नैन ,कर काॅपत हैं होटन पै सिसकी आवत... Hindi · कविता 280 Share डा गजैसिह कर्दम 13 Apr 2018 · 1 min read विलासिता कमरे में बंद विलासिता बाहर के अंधकार के दर्द से बेखबर रात भर अठखेलियाॅ करती रही। भीतर की मिश्रित खिलखिलाती मधुर ध्वनि बाहर के अंधकार का मखौल उडाती रही। रजनी... Hindi · कविता 1 485 Share