Jatashankar Prajapati Tag: मुक्तक 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jatashankar Prajapati 2 Sep 2022 · 1 min read वही मेरी कहानी हो जिसे जन्मों से चाहा है वही खा़बो की रानी हो, जिसे था पढ़ रहा जाना, वही मेरी कहानी हो। कि तुमको पा लिया है और जन्नत मिल गई मुझको, मै... Hindi · मुक्तक 1 445 Share Jatashankar Prajapati 30 Jul 2022 · 1 min read उसे ना कोख में देना खुदा ना बेटी वो देना, जो सबको यूं सताती हो, झुकाकर बाप की पगड़ी,खुद ही का घर बसाती हो। जो तोड़े तार राखी के, गले के हार की खातिर, उसे... Hindi · मुक्तक 171 Share Jatashankar Prajapati 27 Apr 2022 · 1 min read दिलदार आना बाकी है यूं उम्र दराज न कहो, अभी बहार आना बाकी है, चमन मे फूल, समंदर में ज्वार आना बाकी है। यूं ही नहीं गुजारनी है जिन्दगी मुफ़लिसी मे, करनी है दिल्लगी,अभी... Hindi · मुक्तक 2 2 886 Share Jatashankar Prajapati 14 Apr 2022 · 1 min read यही है भीम की महिमा कि जिसने तोड़ जंजीरें, हमें पानी पिलाया है, दिला के हक यहाँ सबका, हमें जीना सिखाया है। उसे यूँ भूलकर ना जी सकोगे यार तुम सुन लो, न भूलो भीम... Hindi · मुक्तक 5 2 444 Share Jatashankar Prajapati 9 Feb 2022 · 1 min read मगर हमको हँसाया है कि जिसने सींच कर हमको,जहाँ में आज लाया है, भले खाई ना खुद रोटी, मगर हमको खिलाया है। उसे मैं भूल कर क्यूँ त्याग दूँ इक बस तेरे खातिर, भले... Hindi · मुक्तक 193 Share Jatashankar Prajapati 2 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक नदी बेच दूँगा, नहर बेच दूँगा, मिले जो इजाजत, नजर बेच दूँगा। इरादे वफा पे यकीं कर के देखो, तुम्हारे लिए हर शहर बेच दूँगा। ✍️जटाशंकर"जटा" ०२-०२-२०२१ Hindi · मुक्तक 3 2 485 Share Jatashankar Prajapati 3 Feb 2020 · 1 min read एक मुक्तक भारत के इस अमन चैन को जग में ना बदनाम करो, माता के पावन आँचल का थोड़ा तुम सम्मान करो। मंदिर, मस्जिद,गिरजाघर ये सब ही घर की बातें हैं, सब... Hindi · मुक्तक 6 292 Share Jatashankar Prajapati 31 Jan 2020 · 1 min read कोई मंदिर बनाता है.... कोई मंदिर बनाता है, कोई मस्जिद सजाता है कोई पत्थर चलाता है कोई गोली चलाता है। ये कैसी आग है फैली जहां मे इस कदर भाई न कोई जी ही... Hindi · मुक्तक 4 1 539 Share Jatashankar Prajapati 23 Jan 2020 · 1 min read जो दोगे खून का कतरा लहु का मांग के कतरा जो सीना तान बैठा था नही मालूम था सबको जो उसने मान बैठा था। ये जिद थी जान देकर भी वतन आजाद करना है तभी... Hindi · मुक्तक 3 3 632 Share Jatashankar Prajapati 16 Jan 2020 · 1 min read मुझे गद्दार कहना तुम जो छींनू मैं तेरी रोटी मुझे गद्दार कहना तुम, मुकर जाऊँ कभी वादे से तो मक्कार कहना तुम। मुझे इल्जाम न दो आज ही इस बात की खातिर, न जां... Hindi · मुक्तक 3 249 Share Jatashankar Prajapati 13 Jan 2020 · 1 min read क्यूँ ऐसा प्यार करती हो कभी तुम ना ना करती हो कभी तुम हामी भरती हो, खुदा जाने मेरे हमदम क्यूँ ऐसा प्यार करती हो ? मैं तेरी याद मे रातों जगा करता हूँ क्यूँ... Hindi · मुक्तक 4 2 500 Share Jatashankar Prajapati 7 Jan 2020 · 1 min read जीना तुम ऐसे कभी दिनकर की किरणों मे, कभी बादल की छांवोंं मेंं कभी उन तंग गलियों में, कभी खुशहाल गाँवों मेंं बिता के चार दिन इस जिन्दगी के जाना तुम ऐसे फिजां... Hindi · मुक्तक 5 2 490 Share