हिमांशु Kulshrestha 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read जिंदगी जिंदगी एक अनवरत, अविरल सफ़र कभी आशा, आकांक्षा के दीयों से रौशन कभी टूटी ख्वाहिशों के अँधेरों से घिरी कभी बुझी राख सी, कभी मचलती आग सी उल्लासित छोटी छोटी... Poetry Writing Challenge-3 6 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हें यूँ ही मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-3 1 6 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read क्या करोगे.. ख़बर है तुम्हारी नाराज़गी की ए हुज़ूर ग़र ये रात आखिरी हुई हमारी तो क्या करोगे, जब हम ही ना रहेंगे तब नाराज़गी का क्या करोगे ... हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 8 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read कशमकश.. बड़ी अजीब सी कशमकश से रूबरू हूँ मैं अल्फाजों में ही बस समेट दूँ तुमको या फिर रूह में अपनी उतार लूँ मैं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 10 Share हिमांशु Kulshrestha 9 May 2024 · 1 min read ज़िद.. कितनी मासूम सी ज़िद थी उनकी इश्क़ तो करो उनसे पर, उम्मीद ए वफ़ा नहीं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 15 Share हिमांशु Kulshrestha 8 May 2024 · 1 min read सुकून.. किस क़दर सुकून है तन्हा रह जाने में न फ़िक्र किसी की, न अहसान न दिल के टूट जाने का डर!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 11 Share हिमांशु Kulshrestha 7 May 2024 · 1 min read लिखूँगा तुम्हें.. मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा महज चंद अशआर नहीं पूरा एक दीवान लिखूंगा तुम जो ये सोचती हो कि भूल जाऊंगा मैं महज एक वहम है तुम्हारा बेहद चाहा... Poetry Writing Challenge-3 1 11 Share हिमांशु Kulshrestha 6 May 2024 · 1 min read प्रणय गीत अपनी कलम से उकेर कर कागज पर दिल उतार देना, मधुर प्रेम की स्याही से अपने भर कर रंग अनूठे जज़्बातों को संवार देना. विरह के गीतों को अपनी देह... Poetry Writing Challenge-3 1 9 Share हिमांशु Kulshrestha 5 May 2024 · 1 min read मैने वक्त को कहा मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे थे चल वापिस उन घड़ियों में जिन्हें फिर जीना चाहता हूं एक और जिंदगी... कुछ भूल सुधारनी है... Quote Writer 10 Share हिमांशु Kulshrestha 4 May 2024 · 1 min read क्या हिसाब दूँ क्या हिसाब दूँ उन रातों का जो तेरे इन्तिज़ार में गुज़र गयी हमने सोचा था अब जल्द होगा सवेरा रात ही हरजाई थी तेरी यादों के साथ ठहर गई हिमांशु... Quote Writer 24 Share हिमांशु Kulshrestha 3 May 2024 · 1 min read तन्हाई में अपनी तन्हाई में अपनी जो तुम्हें दर्द का एहसास हो आवाज़ लगा लेना मुझे रहे ख्याल हाथ तुमने छोड़ा था हम आज भी है तेरे इंतजार में हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 17 Share हिमांशु Kulshrestha 3 May 2024 · 1 min read बड़ा काफ़िर बड़ा काफ़िर है ये इश्क़ रोके जुबां को तो आंखों से झलक जाता है बड़ा काफिर है ये इश्क़ इसे सब्र कहां आता है हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 20 Share हिमांशु Kulshrestha 2 May 2024 · 1 min read कैसा अजीब है कैसा अजीब है ये एहसास लगता है कभी जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे फ़िर लगता है कभी अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 24 Share हिमांशु Kulshrestha 1 May 2024 · 1 min read ख़ता हुई थी ख़ता हुई थी जो ज़ख्म अपने दिखा दिए उन्हें वफ़ा उन्होंने भी की नमक छिड़क के उन पे हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 22 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Apr 2024 · 1 min read आया जो नूर हुस्न पे आया जो नूर हुस्न पे अदा आई, ग़ुरूर आया वफ़ा तो आयी नहीं आई पर्देदारियां हज़ारों आफ़तें ले कर उस पर ये शबाब आया....!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 1 22 Share हिमांशु Kulshrestha 29 Apr 2024 · 1 min read इश्क चख लिया था गलती से इश्क चख लिया था गलती से जुबाँ पे आज भी दर्द के छाले हैं!!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 1 24 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Apr 2024 · 1 min read किस कदर किस कदर सुकून है इस मिट्टी के आगोश में जो समाया इसमे लौट कर फ़िर आया कहाँ इस बेदर्द दुनियाँ में हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 27 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Apr 2024 · 1 min read तुम तुम चंचल, सुकोमल सुनयना, सुकुमार कैसे बिताई रात मीठी नींद में सपनों में रात क्या देखा तुमने कुछ याद भी रहा क्या तुमको? गहरी नींद का मधुर कोई सपना देखा... Quote Writer 24 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Apr 2024 · 1 min read साथ.. तुम्हारे साथ ने कभी मुझे असमर्थता, अकेलेपन का आभास नहीं होने दिया.... तुम्हारा दूर रह कर भी हर घड़ी मेरे पास होने का एहसास मुझे अनन्त सम्भावनाओं की प्रेरणा देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 20 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Apr 2024 · 1 min read एक अधूरे सफ़र के एक अधूरे सफ़र के हमराह थे वो उनके जाने का गिला क्या शिकवा क्या हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 20 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Apr 2024 · 1 min read उन्हें हद पसन्द थीं उन्हें हद पसन्द थीं और एक हम थे जो बेहद हो गए हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 20 Share हिमांशु Kulshrestha 24 Apr 2024 · 1 min read किस कदर किस कदर तड़प तड़प के गुज़ारी है तन्हा तमाम रात किस्सा ए दिल उन्हें भी सुना लूँ तो क़रार आए हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 16 Share हिमांशु Kulshrestha 23 Apr 2024 · 1 min read सुना था, सुना था, कभी किसी से जो देर से मिलते हैं वो दूर तक साथ चलते हैं हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 23 Share हिमांशु Kulshrestha 21 Apr 2024 · 1 min read अगर प्रेम है अगर प्रेम है तो हो, इस क़दर समर्पण जिसमें पाने की चाह नहीं, लेकिन ख़ुद को समर्पित कर देने का जुनून ना पाने की फ़िक्र न खोने की चिंता, बस... Quote Writer 18 Share हिमांशु Kulshrestha 20 Apr 2024 · 1 min read धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो, धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो, तुम अब वापस मत आना !! जहां पर बसा रखा था तुम्हें वहां सब्र को बसा लिया है मैंने !! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 26 Share हिमांशु Kulshrestha 18 Apr 2024 · 1 min read इतना आसान होता इतना आसान होता तो... हर कोई कर लेता प्रेम कितने ही अंतर्द्वंदों, सामाजिक बेड़ियों, अनगिनत रूढ़ियों को दरकिनार कर... प्रस्फुटित होता है... प्रेम मानो बंजर पड़ी धरती पर बखेर कर... Quote Writer 25 Share हिमांशु Kulshrestha 16 Apr 2024 · 1 min read एक एक अरसा हुआ ख़ुद को ख़ामोशियों में दफ़्न कर लिया है मैंने अब हूँ सुकून में ख़ुद को शिद्दत से जी लिया करता हूँ मैं !!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 27 Share हिमांशु Kulshrestha 15 Apr 2024 · 1 min read खैरात में मिली खैरात में मिली ख़ुशी हमें पसंद नहीं हम तो गम में भी नवाबों की तरहे जीते है!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 35 Share हिमांशु Kulshrestha 13 Apr 2024 · 1 min read सियासत सियासत अब झूठ, फ़रेब मक्कारी का पर्याय हो गई है भूखे पेट का ज़िक्र नहीं थाली और हाथ में क्या है ये चर्चा की बात हो रही है बात बेरोजगारी,... Quote Writer 24 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Apr 2024 · 1 min read हम भी तो देखे हम भी तो देखे सरगोशिया इश्क़ की जुल्फों को अपनी मचलने दो पलकों को झुकाये बैठे हो क्यूँ मस्तियाँ.. अपनी आंखों की बिखरने दो गिरा के बिजलियाँ अपने हुस्न की... Quote Writer 1 1 30 Share हिमांशु Kulshrestha 10 Apr 2024 · 1 min read मैने वक्त को कहा मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे थे वापिस ले चल जहां फिर जीना चाहता हूं एक और जिंदगी... कुछ भूल सुधारनी है बिगड़ी बातें... Quote Writer 25 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Apr 2024 · 1 min read उन से कहना था उन से कहना था तुम बहुत दूर हुए जाते हो, फिर ये सोचा... बहुत दूर हो ही गए तो, अब क्या कहना हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 37 Share हिमांशु Kulshrestha 7 Apr 2024 · 1 min read प्रेम..... प्रेम..... जिसे हुआ वो फ़िर वो न रहे वो जो हुआ करते थे वो, वो हो गए , जो सोचा भी न था राधा को हुआ प्रेम और प्रेम का... Quote Writer 39 Share हिमांशु Kulshrestha 6 Apr 2024 · 1 min read समझ आती नहीं है समझ आती नहीं है अब... इश्क और प्यार की बातें बेवजह होती हुई तकरार की बातें कुछ अनकही कुछ अनसुनी बातेँ किस क़दर करते रहें समझौता जिंदगी तुझ से कभी... Quote Writer 29 Share हिमांशु Kulshrestha 4 Apr 2024 · 1 min read ग़र हो इजाजत ग़र हो इजाजत छोटी सी एक गुस्ताखी कर लें जो आओ तुम ख्वाबों में मेरे हम तुम्हें अपनी बाहों में भर लें हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 43 Share हिमांशु Kulshrestha 3 Apr 2024 · 1 min read शायद ... शायद ... तुम्हें याद भी ना रहे कोई तुम्हे शिद्दत से चाहता था जीता था तुम्हारे लिए दिल ग़र धड़कता था तो तुम्हारे लिए धड़कता था ...!! होगा फ़िर कुछ... Quote Writer 38 Share हिमांशु Kulshrestha 1 Apr 2024 · 1 min read वो जहां वो जहां अख़िरी साँस रहा करती है, सीने में कहीँ !! वहीँ मैंने खमोशी से रख लिया है तुम्हें!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 32 Share हिमांशु Kulshrestha 31 Mar 2024 · 1 min read गुलाबी शहतूत से होंठ गुलाबी शहतूत से होंठ जिनसे.. एक एक शब्द प्रेम से पगा ऐसे स्फुटित होता था सैकड़ों गुलमोहर जैसे एक साथ झर रहे हों वो शिद्दत से याद आ रही है... Quote Writer 42 Share हिमांशु Kulshrestha 29 Mar 2024 · 1 min read प्यार के प्यार के मायने बदल गए कुछ तुम बदले कुछ हम बदल गए कुछ इस तरह जैसे मौसम के फ़साने बदल गए हर पल.. आदत जब हो गयी गुफ्तुगू की तब... Quote Writer 45 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Mar 2024 · 1 min read राहों में राहों में यूँ ही चलते चलते एक दिन तुम मिल गईं थीं मुझे मैं आज भी तुम्हारी तलाश में भटक रहा हूँ वहीं कहीँ सोचता हूँ कहीं वो मेरा ख़्वाब... Quote Writer 44 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Mar 2024 · 1 min read मैं लिखूंगा तुम्हें मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा महज चंद अशआर नहीं पूरा एक दीवान लिखूंगा तुम जो ये सोचती हो कि भूल जाऊंगा मैं बस एक वहम है तुम्हारा बेहद चाहा... Quote Writer 1 36 Share हिमांशु Kulshrestha 26 Mar 2024 · 1 min read ख़ामोश सा शहर ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, किससे करें बात, कोई बोलता ही नही… हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 31 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Mar 2024 · 1 min read रंगीन हुए जा रहे हैं रंगीन हुए जा रहे हैं ख्यालात सारे महक उठी है हवाएँ तेरे रुखसार को रंगने की हसरतें मचलने लगी है फाल्गुन की दस्तक फ़िजा में घुल रही है शायद हिमांशु... Quote Writer 34 Share हिमांशु Kulshrestha 22 Mar 2024 · 1 min read उसका आना उसका आना और आ कर चले जाना मज़ाक सा लगता है तुम्हारा बेतकल्लुफ हो जाना बस, अब हादसा सा लगता है हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 27 Share हिमांशु Kulshrestha 22 Mar 2024 · 1 min read संन्यास के दो पक्ष हैं संन्यास के दो पक्ष हैं प्रेम और ध्यान... जहां संन्यास है, वहीं प्रेम है, वहीं ध्यान है ध्यान का अर्थ है अकेले में आनंदित होना एकांत में भी रसमग्न हो... Quote Writer 49 Share हिमांशु Kulshrestha 21 Mar 2024 · 1 min read तुम रूबरू भी तुम रूबरू भी न हो तो क्या तसव्वुर में बना लेता हूँ आँखे तुम्हारी और, नशा उनका ढाल कर लफ्जों में गज़ल बना लेता हूँ मैं हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 55 Share हिमांशु Kulshrestha 20 Mar 2024 · 1 min read तुम्हारे तुम्हारे जाने का कुछ ऐसा असर हुआ मुझ पर, ढूंढ़ते ढूंढ़ते तुम को ख़ुद को भी खो बैठे हम !!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 40 Share हिमांशु Kulshrestha 19 Mar 2024 · 1 min read भेज भी दो भेज भी दो इश्क़ थोड़ा सा बिन तुम्हारे बेहद तन्हा हो गए हैं हम हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 37 Share हिमांशु Kulshrestha 18 Mar 2024 · 1 min read ज़ेहन से ज़ेहन से हटती कब है तस्वीर तुम्हारी... ख्वाब,ख्याल, तसव्वुर ख़ामोशी, तन्हाई या महफ़िल कुछ भी तो नहीं तुमसे खाली... हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 31 Share हिमांशु Kulshrestha 16 Mar 2024 · 1 min read इश्क़ में इश्क़ में वफादारी के ज़माने अब कहाँ अब वफ़ा महज़ किस्से, किताबों में मिलती है हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 37 Share Page 1 Next