Rajeev kumar Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajeev kumar 24 Mar 2023 · 1 min read जब दे दिया दिल राही न बदला राहें न बदली न बदली मंज़ील जब दे दिया दिल । माना कि आसान नहीं फिर भी नहीं मुशिकल चाहे कोई भी मंज़ील जब दे दिया दिल... Hindi · कविता 107 Share Rajeev kumar 3 Jun 2022 · 1 min read पिता घर की खुशहाली पिता दुर करते तंगहाली पिता ख़ुद जीते बदहाली पिता परिवार उपवन और माली पिता तरक्की की सीढ़ी पिता पुजे गए हर पीढ़ी पिता घर रौशन और रौशनी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 211 Share Rajeev kumar 3 Jun 2022 · 1 min read पिता सागर की गहराई और हिमालय का सीना सा पिता शरद की ठीठूरती रातें और चिलचिलाती धुप का महीना सा पिता भले ही हो दीना सा पिता गृहरूपी अँगूठी का नगीना... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 285 Share Rajeev kumar 12 Aug 2021 · 1 min read बंजर धरती पे हरियाली किस पथ जाए किसान किस पथ जाए माली उस जड़ चेतन का ध्यान करें जिनकी महीमा हो निराली । असंभव नहीं संभव है कि बंजर धरती पे हरियाली । सींचेंगे... Hindi · कविता 3 527 Share