गुप्तरत्न Tag: चाय पर शायरी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid गुप्तरत्न 27 May 2023 · 1 min read दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l फर्क करते करते मंदिर की पूजा और नमाज़ मेंl किस किस को इलज़ाम देती ,अपनी दर्द-ए-तन्हाई का ,l दब गई... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत · गुप्तरत्न · चाय पर शायरी · हिन्दी कविता 366 Share