govind sharma Tag: ग़ज़ल/गीतिका 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid govind sharma 21 Jun 2017 · 1 min read गज़ल सारे रिश्ते खफ़ा हो गए, मुश्किलो में हवा हो गए।। है यकीं है यकीं बस यही मीत मेरे दफ़ा हो गए।। खामखा आ गई याद तो, अश्क़ सारे सदा हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share govind sharma 22 Apr 2017 · 1 min read राब्तो को आजमाना चाहिए एक गजल.. दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए, राब्तो को आजमाना चाहिए।। इल्म अपनों का कराने देखिये, मुश्किलो का वक़्त आना चाहिए, जिंदगी है मौत की आगोश में, ख्वाहिशो का ख्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share govind sharma 9 Apr 2017 · 1 min read जिंदगी ढूँढता किधर तन्हा एक गजल पेट की भूख से है घर तन्हा, जिंदगी ढूंढता किधर तन्हा।। टूटती आस की नजर देखो, ख्वाहिशो के सभी शजर तन्हा।। दिल्लगी में हुआ यही अक्सर, उम्र सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share govind sharma 12 Feb 2017 · 1 min read दो दिलो को पास लाती शायरी.... मापनी...2122,2122,212 प्यार को दिल में जगाती शायरी, दो दिलो को पास लाती शायरी।। गम ख़ुशी के साथ आती शायरी, उम्र भर रिश्ता निभाती शायरी।। खूबसूरत नज्म कहती हूर पे, आशिक़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 575 Share govind sharma 13 Jan 2017 · 1 min read घरो को घर बनाती… रात दिन है मुस्कुराती बेटियां, दो घरो को घर बनाती बेटियां। चाकरी करती है मगर थकती नहीं ग़मज़दा भी खिलखिलाती बेटियाँ ख्वाहिशो के आसमानों के तले, ख्वाब कितने है मिटाती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 856 Share govind sharma 4 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी को हँसाना नये साल में" रंज ओ गम मिटाना नये साल में, जिंदगी को हँसाना नये साल में।। छोड़ मसरूफियत की ये झूठी जबाँ हाथ आगे बढ़ाना नये साल में।। देख अहसास मेरे कभी इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 255 Share govind sharma 22 Dec 2016 · 1 min read हम मिले तो गुल खिलेंगे देखना..... अब हसी लम्हे बढेगे देखना, हम मिले तो गुल खिलेंगे देखना।। मुश्किलो के घन छटेंगे देखना, जिंदगी के गम मिटेंगे देखना।। आप की तस्वीर को बस देख के, हुस्न की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share govind sharma 17 Dec 2016 · 1 min read अगर उम्मीद है आसार बाकी है... जमी से आसमा का सार बाकी है, अगर उम्मीद है आसार बाकी है।। मुहब्बत की कहानी है यही मेरी, लबो से हूर का इजहार बाकी है। गरीबी ने कहा फरियाद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 342 Share