Godambari Negi Pundir Tag: घनाक्षरी 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Godambari Negi Pundir 2 Jun 2022 · 1 min read 'वट वृक्ष' साक्षात त्रिदेव वट, सब तरुओं से हट। अंतर अमिय घट, गमन परख झट।। दीर्घजीवी होती जड़, दूर रहे पतझड़। गहन भू तक गढ़, कहाए अक्षय वट।। हैं ब्रह्मा जड़ भीतर,... Hindi · घनाक्षरी 1 1 219 Share Godambari Negi Pundir 30 May 2022 · 1 min read "पिता कुटुंब की धुरी" पिता धुरी कुटुंब की, घूमे सब चहुंओर। श्रम-स्वेद बहा रहा, नाच रहा मन मोर।। ज़रूरत होती पूरी, होता है पिता ज़रूरी। मिले पिता अवलंब, मिलता जीवन छोर।।1 मनोबल देता पिता,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · घनाक्षरी 4 7 274 Share Godambari Negi Pundir 24 May 2022 · 1 min read 'ले चल पार ' पार मोहे लेकेे चल, आस मोहे देके चल। पतवार खेके चल, पाँव नाव टेके चल।। चल मांझी पार चल, नौका को उतार चल। धार को निहार चल, ले समीर सार... Hindi · घनाक्षरी 1 230 Share Godambari Negi Pundir 3 May 2022 · 1 min read 'श्रमशील' श्रम कर सब जग, बन जाता विकसित। बलशाली रहे तन, रक्षित जीवन।। सुन जग कर्म क्षेत्र, मत भूल खोल नेत्र। मुरझाए बिन श्रम, स्व मुख-बदन।। ओढ़ श्रम निद्रा तज, ले... Hindi · घनाक्षरी 184 Share Godambari Negi Pundir 25 Apr 2022 · 1 min read 'छोटा सा गाँव' गंगाजी के तट पर, नगर से हटकर, छोटा सा गाँव पुराना, बड़ा मनोरम। आँगन में शोभित हैं, आम्र नीम तरुवर, गेरू हाथ छाप द्वार, शोभा अनुपम। मनते तीज त्योहार, अनुरूप... Hindi · घनाक्षरी 1 247 Share Godambari Negi Pundir 20 Apr 2022 · 1 min read सती थी दक्ष की सुता सती,त्रिलोकी को निहारती, स्वीकारा शिव को पति,उचारे शिवम-शिवम। माने न पिता की बात, समझाती उसे मात, बीत जाए सारी रात, रहते नैन नम-नम। शिव ले बारात... Hindi · घनाक्षरी 1 2 227 Share