Arun Prasad Tag: कविता 380 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम का मन कविता है इसका देह कविता की अभिव्यक्ति रचता रहा है एक कथा सुख से सुंदर या विचलित होकर व्यथा। नेह प्रफ़्फुलित हो तो परवाह चिंतित हो... Hindi · कविता 25 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read मृत्यु आते हुए मृत्यु आते हुए ------------------- पूर्णिमा शनैः शनैः कण-कण क्रन्दन करके हो जाता है अमावस। जीवन का लम्हा-लम्हा अफसोस करते हुए हो जाता है निष्कासन। देह में कुछ बदलता है। मन... Hindi · कविता 25 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read मेरी अनलिखी कविताएं मेरी अनलिखी कविताएं --------------------------- वह प्रारम्भिक युग था, सभ्यताओं में संस्कृतियाँ विकसित हुई थी। ध्वनियों से विकसित हो चुके थे स्वर। स्वर से भाषा। चाँद का सौन्दर्य अनकहा था। मेरा... Hindi · कविता 28 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read मैं अपनी कहानी कह लेता मैं अपनी कहानी कह लेता -------------------------------------- खगोलीय घटनाओं में श्याम विवर की कथा उजाले में होता हुआ अँधेरे में गुम है। यह है स्थापित सत्ता की सत्ताहीनता की व्यथा। विवर... Hindi · कविता 28 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read मैं बहुत कुछ जानता हूँ मैं बहुत कुछ जानता हूँ ----------------------------- जिन्दगी, मैं बहुत कुछ जानता हूँ तेरा हर अतीत, तेरा हर भविष्य। तुमने मेरा वर्तमान नहीं जिया, वह भी। किन्तु,मैंने तुझे पूरी संवेदना से... Hindi · कविता 26 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read मैं मजदूर हूँ मैं मजदूर हूँ ------------------- कहते हैं मैं एक मजदूर हूँ ये सारे लोग। विद्रोह नहीं कर पाते हैं क्योंकि, हमलोग। श्रम करते तो सब हैं,स्वेद बहता किन्तु,हमारा। तेरे श्रम में... Hindi · कविता 24 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read यहाँ गर्भ जनता है धर्म यहाँ गर्भ जनता है धर्म ------------------------------ गर्भ में शिशु पलते हैं वर्ण नहीं, जातियाँ नहीं। गर्भ से अश्रद्धा नहीं की जाती तथा निन्दा नहीं। शिशु,स्वरूप हैं रचना का। वाहक काल-रूप... Hindi · कविता 23 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read युद्ध का परिणाम युद्ध का परिणाम -------------------------- युद्ध का परिणाम विजय नहीं है। सिर्फ एक गौरव का दलन है। एक अहंकार का प्रदर्शन है। व्यक्तित्व में समाहित अमानुषिक प्रवृति का उद्भ्रांत उद्बोधन है।... Hindi · कविता 16 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read युद्ध का रास्ता युद्ध का रास्ता ---------------------- आक्रमण देता है युदध को रास्ता। इतिहास पलटो,देखो,तुम्हें मेरा वास्ता। भौतिक तो भौतिक मानसिक तो मानसिक युद्ध तो होता युद्ध ही है। चाहे हारा हुआ हो... Hindi · कविता 22 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read रौशनी मेरे लिए रौशनी मेरे लिए ---------------------------------------------------- हिस्सेदारी चाहना गुनाह नहीं है मुझे चाहिए रौशनी। जंगलों के बीच फंसा हुआ मैं मृतवत चाहिए ही संजीवनी। अंधेरे कोने में सिमटा हुआ हर छोर पहाड़ी... Hindi · कविता 20 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read शब्दों से कविता नहीं बनती शब्दों से कविता नहीं बनती ---------------------------------------- आग्रह से विचारों के कविता अंकुरती है। प्रेम हो या विछोह दर्पण बनती और सिहरती है। तब कविता बनती है। शब्दों से कविता नहीं... Hindi · कविता 26 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read शांति की शपथ शांति की शपथ -------------------------------- युद्ध नहीं दुहराने की शपथ युद्ध से थककर किए जाते रहे हैं। युद्ध में पराजय का प्रायश्चित्त और युद्ध में विजय का प्रसन्नचित्त। नए युद्ध की... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read शान्ति दूत शान्ति दूत ------------------------------------------- आकाशगंगा में युद्ध की होड़ है। आकृतियों के लिए। मरने–मारने पर उतारू एलेक्ट्रान,प्रोटान,न्यूट्रान। सारी शक्तियाँ जूझ रही वर्चस्व देने एक दूसरे अस्तित्व को। क्रूरता और विध्वंस युद्ध... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read सच कहना बचा रह जाता है सच कहना बचा रह जाता है ---------------------------------- जितना भी कहो सच कहना बचा रह जाता है। जिन्दगी छोटी हो या बढ़ी सुख से सराबोर अथवा दुःख से भरी। अनकहा कुछ... Hindi · कविता 39 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read सनातन चिंतन सनातन चिंतन --------------------------------------- देवताओं का विद्यमान होना सत्य तो है। देवताओं का जन्म नहीं,पहचान एक तथ्य तो है। देवता प्रकृति का नामकरण है, जल का देवता,अग्नि का देवता,पवन का देवता,सृष्टि... Hindi · कविता 22 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read समय समय ------------------------------------ समय का गर्भ नहीं होता। गर्भ धरने से समय लेता है जन्म। तब समय को गर्भ जन्मता है। समय सिर्फ सृजन से सापेक्ष है। बाकी समय में समय... Hindi · कविता 21 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read कविता की कथा कविता की कथा -------------------------------- हम कविता में कह देते हैं- आदर्श वाक्य। हम जीवन में सहते हैं निंद्य वाकया। विद्रोह अवश्य करो। कवि अपनी कविताओं में विद्रोह बहुत करता है।... Hindi · कविता 20 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना ----------------------- कुछ हास इधर लुढ़का देना मेरी उमर बीत गयी रोदन में। क्या कहूँ कि मैंने क्या-क्या रोया। मैंने है अपना तन रोया। मैंने है अपना मन रोया। जो... Hindi · कविता 23 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read पुराना साल-नया वर्ष पुराना साल-नया वर्ष ---------------------------------- कितने आँसू बहे आँख से कितनी बिखरी है खुशियाँ। किन-किन लोगों ने पिये अश्रु कण किस-किसने उछाले हँसी यहाँ। कितने भाग्य सौभाग्य बने। किस-किस का भाग्य... Hindi · कविता 23 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 3 min read पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से --------------------------------- ईश्वर हमारा निर्माता है कि जन्मदाता? वह हमें पाले,पोसे या मारे,रहेगा वही हमारा विधाता। जैसे पिता। ईश्वर हमारी पीढ़ियों की नींव। स्वच्छ,सुंदर और पुनीत।... Hindi · कविता 21 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read पत्थर पत्थर --------------------------- मैं शिल्पी। पत्थर उठा। मेरे हाथों में आया। बना देवता। मैं प्रमादी। टूटा पत्थर। मेरे हाथ में आया। लो काँच फूटा। मैं स्वार्थी। पत्थर बना। ममत्वहीन हृदय। कहर... Hindi · कविता 16 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read देह का आत्मीय देह का आत्मीय ---------------------- देह पहचान नहीं है। चेतना पहचान नहीं है। पहचान तो प्राण भी नहीं है। ज्ञान का जँगल जब व्यवस्थित होता है,तब उभरती है छाया की सटीक... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read देवता कुल के राक्षस देवता कुल के राक्षस ------------------------ परिभाषा नितांत आवश्यक है तय करने से पूर्व । निरंतन जो बना रहता है क्या? वह देवता। देवताओं के कुल में जो जाता है ‘मर’... Hindi · कविता 25 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read दहेज दहेज --------------- नीलामी ही तो है दहेज। कमसिन की हो या अघेड़ की। धनात्मक हो या ऋणात्मक। विवाह के बाद दहेज खत्म नहीं होते। दहॆज की कथा शुरू होती है।... Hindi · कविता 16 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read स्त्री बाकी है स्त्री बाकी है ------------------------------------------------ मेरे अस्तित्व में जन्म ही से बाकी रही है स्त्री। हर ही तत्व में सर्वांश शुन्य,बाकी रहती है स्त्री। स्त्री शक्ति के जन्म का प्रारंभ है,शिव... Hindi · कविता 16 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read रिसते रिश्ते रिसते रिश्ते -------------------------- सत्य रिश्ता नहीं, अथवा रिसता नहीं कौन? सा रिश्ता नहीं रिसा है. चीख,चिल्लाकर या मौन पिसा है. चीख,चिल्लाकर जिये रिश्ते अधिकार का समर है. मौन रहकर जिया... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read तुम्हारा मन दर्पण हो,वत्स (1) तुम्हारा मन दर्पण हो,वत्स ------------------------- तुम्हारा मन दर्पण हो कि पहचान सको स्वयं को अपनी कमियों के साथ प्रथम भाग्य के सहारे नहीं, कर्मठता को फिर। तुम्हारा तन अर्पण... Hindi · कविता 17 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read तुम मेरा इतिहास पढ़ो तुम मेरा इतिहास पढ़ो ------------------------------------- तुम मेरा इतिहास नहीं जानते। मेरे वर्तमान से नफरत करते हो। जब मैं राजा था, मैं सबका राजा था। मेरा शासन बराबरी का शासन था।... Hindi · कविता 20 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read तुम क्रोध नहीं करते तुम क्रोध नहीं करते -------------------------------------------------- तुम मरने से नहीं डरते। पर,तुम क्रोध नहीं करते। तुम जँगल में कन्द,मूल,फल तलाशते। मरने में गौरव महसूस करते। पर,तुम क्रोध नहीं करते। तुम गालियाँ... Hindi · कविता 21 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read गाँव सहमा हुआ आया है जीता गाँव सहमा हुआ आया है जीता ----------------------------------- गाँव सहमा हुआ आया है जीता। सारे घुटन और त्रास एकाकी पीता। गाँव शतरंज की बिसात सा बिछा है। कौन किसको खेलेगा बात-बात... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read गाँव में फिर गाँव में फिर ------------------------------------------------- फिर गाँव में गाँव ढूँढने आ गया वह। चलो देखें कि क्या-क्या पा गया वह। सूखकर वह नदी कांटा हुई थी। छू किनारे जो कभी बहती... Hindi · कविता 16 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read गाँव अकेला गाँव अकेला। गाँव अकेला गाँव अकेला। सदियों,शताब्दियों से अकेला । इस बटोही का सफर अकेला। सहता आया त्रास अकेला। भूख और हर प्यास अकेला। Hindi · कविता 18 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read ख्वाहिशें ख्वाहिशें ------------------- सपनों से निकलकर ख्वाहिशें अंगड़ाईयाँ लें,यह उनका अधिकार है। सृष्टि में पौरूष,सृष्टि का चमत्कार हैं। आदमी के लिए आदमी की ख्वाहिसें बुद्ध बनने की नहीं सम्राट बनने की... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read सत्ता काण्ड का प्रारम्भ सत्ता काण्ड का प्रारम्भ -------------------------------------------------------- वर्तमान से अतीत की ओर चलना वस्तुतः अतीत से वर्तमान की ओर लौटना है। सत्ता का गठन संगठन या अराजकता-हनन। वर्तमान कुछ तो कहे। पता... Hindi · कविता 17 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read उत्पादन धर्म का उत्पादन धर्म का -------------------- अच्छाईयों से नहीं इच्छाओं से उत्पन्न हुआ है धर्म। धर्म की इच्छाओं में शामिल हुआ है युद्ध,प्रहार,विजय,विनय-भंग। और पराजितों पर उच्छृँखल शासन का अनिवार्य अंग। सिद्धान्तों... Hindi · कविता 21 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read असहमति से सहमति तक असहमति से सहमति तक --------------------------------------- हम क्यों होते सहमत! हमारे वर्ण अलग थे। जीने के हमारे स्तर अलग थे। हमारे सोच और सोच की प्रक्रिया अलग थे। पसीने के हमारे... Hindi · कविता 23 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 2 min read अभाव अमर है अभाव अमर है ---------------------------------------------------------- सारी सम्पदा स्वतंत्र है होने के लिए हमारी,तुम्हारी,सबों की अभाव तब भी है हमारा,तुम्हारा,सबों का। लेन, देन अनवरत है दैहिक,अदैहिक अस्तित्वों में कोई सुभाव किन्तु,सुसंगत नहीं... Hindi · कविता 22 Share Arun Prasad 28 Oct 2024 · 1 min read अधिकार------ अधिकार------ ----------------------------- अधिकार उपयोग करने के लिए दिया जाय। जीने का, ठसक से। प्रस्तुत करते रहे हो उजड़ी हुई परिभाषा। निराश आशा। आधी-अधूरी समीक्षा नहीं करूँगी। अब और प्रतीक्षा नहीँ... Hindi · कविता 19 Share Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 447 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस --------------------------------------- शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस। हमें रहे बचाए सदा होने से परवश। हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे। स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे। प्राप्त हो गणतन्त्र को... Hindi · कविता 224 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो ----------------------------------------------------- हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो. कहीं गंगा न गुम जाये इसे सीमित करो यारो. पहेली क्यों बुझाने में लगे हो कौन दोषी है? पराभव आ... Hindi · कविता 222 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शीर्षहीन ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 409 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 287 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 401 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read इतिहास के अन्दर ---अरुण कुमार प्रसाद ------------------------------------ शृंखलाबद्ध है इतिहास। पृथ्वी का और ब्रह्मांड का भी। मनुष्य का बेतरतीब है सिर्फ। ब्रह्मांड में हर जर्रा भगवती का रूप है क्योंकि सब ही नयी... Hindi · कविता 362 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हम और तुम ------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा... Hindi · कविता 532 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read किसे कर्म कहें! ------------------------ किसे कर्म कहें? भारत को या महाभारत को? गीता ने पार्थ को जो बताया? अर्जुन का अनुशरण? दुर्योद्धन का असत्य घोषित सच्चा कथन? युधिष्ठिर का निर्णय जुए का? दु:शासन... Hindi · कविता 194 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read सात दिन सात सुख,दु:ख ------------------------------- सप्ताह का प्रथम दिन उत्सव सा महकता है। बिस्तर से उतरते हुए, देहरी से उतर रास्ते पर आते हुए मन शांत और मष्तिष्क निश्चिन्त। चुनौतियों से भिड़ने,देह प्रस्तुत। दोस्त... Hindi · कविता 319 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read दर्प ------------------------- दर्पण में अपना चेहरा देखकर दर्पण को चिढ़ाना दर्प है। समर्पित मन से खुद को अर्पण करना व्यक्तित्व-बिम्ब के विंदु,रेखाओं में और आकलन अपना खुद का खुद से संपर्क... Hindi · कविता 392 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 402 Share Page 1 Next