Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan" Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan" 3 Jan 2025 · 1 min read ओस बिंदु रजनी के अश्रु कणों के उपवन, प्रणयानिल के प्रस्वेद्य भ्रमर। तृण तुहिन के आशा का संचय। शशि के रश्मिरथी पवि मनोहर।। रवि रश्मियों के विकर्षक मधुकण , अवनी तल के... Hindi · कविता 23 Share Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan" 3 Jan 2025 · 1 min read शंख ध्वनि आत्म विजयिनी शंख ध्वनि फिर, गुंजित हो उठे हर मानव में। शक्ति सम्राट तू अखिल सृष्टि का, अतुल देवत्व शक्ति है मानव में।। विभा पुत्र तुम जग जननी के, अतुल... Hindi · कविता 43 Share