Dr. Harimohan Gupt Tag: कविता 36 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Harimohan Gupt 15 Nov 2021 · 1 min read बाल दिवस बाल दिवस कल तक कोई बालक राही, भीख माँगता मिल जाता था, उसे बुला कर समझाता मैं, बुरी चीज है, भीख माँगना, मेहनत के बल पर तुम प्यारे, शीष उठा... Hindi · कविता 288 Share Dr. Harimohan Gupt 3 Nov 2021 · 1 min read दीपावली की शुभकामनाएं दीपावली की शुभ कामनायें बना कर देह का दीपक, जलाओ स्नेह की बाती, मिटे मन का अँधेरा भी, प्रकाशित हो धरा सारी| दिवाली रोज मन जाये, बढ़े धन धान्य जीवन... Hindi · कविता 1 227 Share Dr. Harimohan Gupt 24 Oct 2021 · 1 min read करवा चौथ हो या ईद का चाँद करवा चौथ हो, या ईद हो, चन्द्र दर्शन को शुभ जानते, दोनों ही धर्म अपनाकर, सब अपना सौभाग्य मानते | सभी में बढ़ता है सद्भाव, स्वयं ही आती सहज निकटता,... Hindi · कविता 2 623 Share Dr. Harimohan Gupt 17 Oct 2021 · 1 min read रावण रावण ईर्ष्या,द्वेष,दम्भ धरा पर अगर रहेंगे, तो फिर अहंकार का रावण यहीं रहेगा | शोषण, अनाचार से जो लंका बसायगा, व्यक्ति स्वयं ही जब जब अपना कोष भरेगा | पौराणिक... Hindi · कविता 2 1 452 Share Dr. Harimohan Gupt 2 Oct 2021 · 1 min read श्रद्धांजलि एक प्रश्न जाग्रत था मन में, मानव क्या जिन्दा रहता है, मर कर भी इस जग में ? रुक जाती है सांस,हृदय स्पंदन रुकता, लेकिन कुछ के वाणी के स्वर,... Hindi · कविता 2 270 Share Dr. Harimohan Gupt 6 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक पर्यावरण वृक्ष हों तो स्वच्छ हो वातावरण, दूर कर दें, छा गया जो आवरण, “ऐक पुत्र सौ वृक्ष” यही हो नारा, तब बदल सकते सभी पर्यावरण l सौ वृक्षों से... Hindi · कविता 1 1 369 Share Dr. Harimohan Gupt 18 May 2021 · 1 min read मुक्तक केवल मनोरंजन नहीं कवि धर्म है, साहित्य दे कुछ प्रेरणा कवि कर्म है | कर्तव्य पथ पर कवि चले, यह सोच ले, सम्मान पायेगा सदा यह मर्म है | डॉ... Hindi · कविता 1 309 Share Dr. Harimohan Gupt 17 May 2021 · 1 min read मुक्तक स्वार्थ भावना यदि मन में तो, वह ख़ास नहीं बनता, छल- छन्द रहा यदि मन में तो, विश्वास नहीं पलता | कर्मठ, सत्यव्रती का जग में, नाम लिखा जाता है,... Hindi · कविता 323 Share Dr. Harimohan Gupt 14 May 2021 · 1 min read मुक्तक तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा, देश की हो सहज सेवा, धर्म होता है हमारा | एक जुट हो कर करेंगे, फल तभी हमको मिलेगा, है यही... Hindi · कविता 2 335 Share Dr. Harimohan Gupt 14 Feb 2021 · 1 min read बसन्त त्योहार बसंत त्योहार--- प्रिय, बसन्त त्योहार, भेजता तुमको पाती | लहराती गेहूँ की बालें, फूले सरसों के ये खेत, ,मुझको आज याद हो आती। इन्हें देख हर्षित होता मन, ये प्रतीक... Hindi · कविता 2 3 238 Share Dr. Harimohan Gupt 31 Dec 2020 · 1 min read कोरोना गीत देश वासियो, बहिन भाइयो, मोदी का ऐलान, आप मानिए, “अगर जान है तो ही रहे जहान”| भारत ही क्यों, सब देशों में घमासान है, कोरोना के कारण सब ही परेशान... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 26 465 Share Dr. Harimohan Gupt 31 Dec 2020 · 1 min read नया वर्ष नया वर्ष आया है नया वर्ष, करते हम अभिनन्दन, हम से जो अग्रज हैं, उनका करते वन्दन। छोटों को शुभाशीष, मंगलमय हो जीवन। प्रेम सदाफूले बस, हम सब उत्साही... Hindi · कविता 1 1 325 Share Dr. Harimohan Gupt 13 Nov 2020 · 1 min read दीपावली की शुभ कामना दीपावली की शुभ कामनायें बना कर देह का दीपक, जलाओ स्नेह की बाती, मिटे मन का अँधेरा भी, प्रकाशित हो धरा सारी| दिवाली रोज मन जाये, बढ़े धन धान्य जीवन... Hindi · कविता 259 Share Dr. Harimohan Gupt 19 Oct 2020 · 1 min read ओ आफताब 2 ओ आफताब, अगर तुम्हें घमण्ड है प्रकाश का, तो समेटो अपनी रश्मियों को, हम भारत के हैं, नया सूरज उगाना जानते हैं। तुम्हें तो राहु ग्रसता है, लोग जाने... Hindi · कविता 1 1 476 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Jun 2020 · 1 min read जल से सम्बन्धित जल से सम्बन्धित सोरठा उत्तम यही विचार, सन्चित जल को हम करें, खोदें गड्ढे चार, वर्षा जल उसमें भरें | पानी है अनमोल, रक्खें इसे सँभाल कर, आदि पुरुष के... Hindi · कविता 2 1 533 Share Dr. Harimohan Gupt 31 Jan 2020 · 1 min read बसन्त पंचमी प्रिय, बसन्त त्योहार, भेजता तुमको पाती, लहराती गेहूँ की बालें, फूले सरसों के ये खेत, ,मुझको आज याद हो आती। इन्हें देख हर्षित होता मन, ये प्रतीक होते हैं सुख... Hindi · कविता 1 1 312 Share Dr. Harimohan Gupt 11 Jan 2020 · 1 min read आशियाँ अपना जला कर, आशियाँ अपना जला कर, कोनसा बदला लिया, दोस्त, दुश्मन का फरक तो,अब नजर आता नहीं l जेवरों को क्या दिखाएँ, अब मुलम्मा है चढ़ा, जिन्स असली है या नकली,अब समझ... Hindi · कविता 1 446 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Dec 2019 · 1 min read सोच रहा क्या मन में, पिंजरा तो खाली करना है, रहता किस उलझन में, प्राणी, सोच रहा क्या मन में l विखर जांयगे फूल सभी जो, महक रहे उपवन में, पंछी कहता उड़ो यहाँ से,... Hindi · कविता 259 Share Dr. Harimohan Gupt 14 Nov 2019 · 1 min read बाल दिवस बाल दिवस, गोष्ठी आयोजित, “रोको बालक श्रम” शीर्षक है | अगर राह में कोई बालक, श्रम करता ही दिख जायेगा, उससे मैं अब क्या कह पाऊँ? बालक छोडो तुम इस... Hindi · कविता · बाल कविता 1 205 Share Dr. Harimohan Gupt 26 Oct 2019 · 1 min read दीपावली की शुभ कामनाएं दीपावली की शुभ कामनायें बना कर देह का दीपक, जलाओ स्नेह की बाती, मिटे मन का अँधेरा भी, प्रकाशित हो धरा सारी| दिवाली रोज मन जाये, बढ़े धन धान्य जीवन... Hindi · कविता 1 1 213 Share Dr. Harimohan Gupt 14 Oct 2019 · 1 min read दीपक दीपक दीपक तल में तम आश्रित कर, जग में उजयारे को बाँटो, प्रेम और सदभाव ज्योति में, घृणा, द्वैष को ही तो छांटो l तिल तिल कर तुम जलते रहते,... Hindi · कविता 225 Share Dr. Harimohan Gupt 2 Oct 2019 · 1 min read गांधी जी को श्रद्धांजली एक प्रश्न जाग्रत था मन में, मानव क्या जिन्दा रहता, मर कर भी इस जग में ? रुक जाती है साँस, हृदय स्पन्दन रुकता, लेकिन कुछ के वाणी के स्वर,... Hindi · कविता 1 2 292 Share Dr. Harimohan Gupt 7 Sep 2019 · 1 min read इसरो के वैज्ञानिकों के प्रति, जब प्रताड़ित हो कभी संघर्ष में, या निराशा हो खड़ी उत्कर्ष में, हर विफलता से न विचलित हो कभी, तो सफलता भी मिले अपकर्ष में | डा० हरिमोहन गुप्त Hindi · कविता 166 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Aug 2019 · 1 min read मैं क्या लिखता, राम लिखाता, मैं क्या लिखता,राम लिखाता,वही स्वयम लिख जाता l उर में वह ही भाव जगाता, श्रेय मुझे मिल जाता l मैं भजता हूँ राम नाम को, बस उससे है नाता, अगर... Hindi · कविता 253 Share Dr. Harimohan Gupt 10 Feb 2019 · 1 min read बसन्त प्रिय, बसन्त त्योहार, भेजता तुमको पाती, लहराती गेहूँ की बालें, फूले सरसों के ये खेत, ,मुझको आज याद हो आती। इन्हें देख हर्षित होता मन, ये प्रतीक होते हैं सुख... Hindi · कविता 249 Share Dr. Harimohan Gupt 28 Nov 2018 · 2 min read माँ माँ मेरी ममता मयी मातु, तुमको प्रणाम है, धरा धाम में, जग में ऊँचा धन्य नाम है l गीले में सो कर, सूखे में मुझे सुलाया, धूप शीत से बचने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 309 Share Dr. Harimohan Gupt 27 Oct 2018 · 1 min read करवा चोट हो ईद हो, करवा चौथ हो, या ईद हो, चन्द्र दर्शन को शुभ जानते, दोनों ही धर्म अपनाकर, सब अपना सौभाग्य मानते | सभी में बढ़ता है सद्भाव, सहज ही आती स्वयं निकटता,... Hindi · कविता 2 457 Share Dr. Harimohan Gupt 19 Oct 2018 · 1 min read रावण, रावण ईर्ष्या,द्वेष,दम्भ धरा अगर रहेंगे, तो फिर अहंकार का रावण यहीं रहेगा | शोषण, अनाचार से जो लंका बसायगा, व्यक्ति स्वयं ही अपना कोष भरेगा | पौराणिक आख्यान भले ही... Hindi · कविता 274 Share Dr. Harimohan Gupt 24 Aug 2018 · 2 min read श्रृद्धांजलि भारत रत्न स्मृति शेष श्री अटल बिहारी बाजपेई श्रृद्धांजलि ओ महान कवि,युग द्रष्टा,ओजस्वी वक्ता, जो जीवन में, सदा नये रंगों को भरता. नई दिशा दी भारत को, आगे बढ़ने की,... Hindi · कविता 194 Share Dr. Harimohan Gupt 4 Nov 2017 · 1 min read कवि धर्म सत्साहित्य सदा कवि लिखता, चाटुकारिता नहीं धर्म है, वह उपदेशक है समाज का, सच में उसका यही कर्म है l परिवर्तन लाना समाज में, स्वाभाविक बाधाएँ आयें, कार्य कुशलता के... Hindi · कविता 367 Share Dr. Harimohan Gupt 31 Oct 2017 · 1 min read मनुआ ले ले प्रभु का नाम मनुआ ले ले प्रभु का नाम, सुनो जी, लेलो प्रभु का नाम l निस्पृह हो कर तू गाये जा, क्या सुबह, क्या शाम l अंधे देखत, बधिर सुनत हैं, पंगु... Hindi · कविता 386 Share Dr. Harimohan Gupt 24 Oct 2017 · 1 min read सागर ने पूँछा सागर ने पूँछा- सागर ने पूंछा सरिता से, मुझे बताओ, सब मुझमें सर्वस्व समाहित है समझाओ. यह अमूल्य उपहार तुम्हीं से तो पाये हैं, लौह, रजत, यह वृक्ष हमें भी... Hindi · कविता 260 Share Dr. Harimohan Gupt 11 Oct 2017 · 1 min read कैद में है रोशनी प्रतिकूल हो सोची परिस्थिति, विपरीत सभी आपात आज नही तो कल बदलेंगे द्दणता से हालात। चारों तरफ फैला अॅधेरा, कैद में है रोशनी, चन्द्रमा पर तो ग्रहण है, बन्धक बनी... Hindi · कविता 299 Share Dr. Harimohan Gupt 7 Oct 2017 · 1 min read गांधी आज भी जिंदा हैं एक प्रश्न जाग्रत था मन में, मानव क्या जिन्दा रहता, मर कर भी इस जग में ? रुक जाती है साँस, हृदय स्पन्दन रुकता, लेकिन कुछ के वाणी के स्वर,... Hindi · कविता 201 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Mar 2017 · 1 min read समय रहते, तुम सतत ही समय रहते, तुम सतत ही, हर काम कुछ ऐसा करो। समझ कर, सोच कर ढ़ंग से, अपना कदम आगे धरो। कुछ और आगे तो बढो। बन सको तुम अगर शिल्पी... Hindi · कविता 502 Share Dr. Harimohan Gupt 5 Feb 2017 · 1 min read कागज पर ही लुप्त हो गये, सारे वादे कागज पर ही लुप्त हो गये, सारे वादे , और सामने केवल इनके गलत इरादे, आदर्शों की कसमें इनकी सभा मंच तक, अंतर मन काले हैं, ऊपर सीधे साधे l... Hindi · कविता 208 Share