Dr.Rajeshwar Singh Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Rajeshwar Singh 4 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तू है ईश्वर का स्वरूप तेरा देना कैसे दे सकता हूँ मैं माँ को जो एक ही दिन देते हैं स्वार्थी लोग कह सकता हूँ मैं एक ही दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 553 Share Dr.Rajeshwar Singh 14 Mar 2017 · 1 min read चाँदनी रातें ..... लहरें चाँदनी में नहा कर हैं कुछ तो कहती समुद्र की सत्ह के ऊपर कितना मुस्कुराती नदिया कल-कल करती कुछ तो कहती चाँद की चाँदनी है कितना ख़िल-ख़िलाती चाँदनी रातें... Hindi · कविता 534 Share Dr.Rajeshwar Singh 10 Mar 2017 · 1 min read सरकते पल.....खिसकते पल..... सरकते पल,खिसकते पल समेट लूँ यादें,गुज़रते पल सिमटी सी घड़ियाँ .... कुछ उखड़ी सीं घड़ियाँ ... कुछ सुलगते पल.... खिसकते पल मुस्कुराती ज़िंदगी के कुछ हसीन से पल समेट लूँ... Hindi · कविता 364 Share Dr.Rajeshwar Singh 12 Feb 2017 · 1 min read फ़ुरसत मिले.... फ़ुरसत मिले कोई नज़्म ही कह दूँ फ़ुरसत मिले इक ग़ज़ल ही लिख दूँ कितना हूँ अब व्यस्त ... स्मार्ट फ़ोन में मस्त ... अा गया स्मार्ट टी.वी... हूई व्यस्त... Hindi · कविता 318 Share Dr.Rajeshwar Singh 12 Feb 2017 · 1 min read वोह समय कहाँ से लायूं मैं.... कैसे भुलायूं,कैसे बुलायूं वोह समय कहाँ से लायूं मैं वोह दादी की कहानी इक राजा इक रानी वोह नानी की ज़ुबानी मछली जल की थी रानी वोह बच्चों की टोली... Hindi · कविता 529 Share Dr.Rajeshwar Singh 7 Feb 2017 · 1 min read समय की सीमा से भी आगे.... समय की सीमा से भी आगे चाँद-सितारों से भी आगे जहाँ और भी होते हैं क्या ... सपनों के जहाँ से भी आगे चक्षु भी कहीं सोते हैं क्या सौंदर्य... Hindi · कविता 286 Share Dr.Rajeshwar Singh 7 Feb 2017 · 1 min read ए चन्द्रमा.... ए चन्द्रमा तू रात को आता है सुबह कहीं छुप जाता है समय की चाल के साथ तू भी चलता ही जाता है ए चन्द्रमा रुक जा कहीं ए समय... Hindi · कविता 325 Share