देवेन्द्र उइके Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid देवेन्द्र उइके 25 May 2020 · 1 min read उदासी कुछ अजीब सा , न जाने क्या हो गया है। कुछ करीब सा , न जाने क्या खो गया है ।। पहले हम ऐसे न थे, जो अब हो गए,... Hindi · कविता 2 448 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read नुस्ख़े जैसी मैं झलक ही जाता हूँ अकसर, तेरे गुस्से में। मिले राहत तुझसे मुझे ऐसा, जैसे " माँ " के नुस्ख़े में। तू रग - रग में शामिल, तू शामिल मेरे... Hindi · कविता 1 230 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read जायका तेरे हाथों से बने शाक का हम , खुशबू वो जायका नही भूले । मीलों लंबी दूरियों के दरमियां , दिल का मायका नही भूले ।। हूँ परदेश में ,... Hindi · कविता 1 1 237 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read खाये जाओ चुपचाप तुम खाये जाओ ,खायो जाओ चुपचाप। और हम बढ़ाये यंहा रक्तचाप। कोई बात नही, दिन हमारे भी फिरेंगे । दो कौर सही, तेरे साथ जलपान करेंगे। तुम खायो जाओ, खायो... Hindi · कविता · बाल कविता 1 1 221 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read सलाम धड़कती हर धड़कन का बस तुझे यही पयाम मिले। मेरे हिस्से की खुशियाँ तुझे तमाम मिले।। ये माना की जिंदगी की इबारत में खामियां है मगर, आरजू यही एक पल... Hindi · कविता 1 1 409 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read परी सी हो तुम परी सी, सोलह आना खरी सी। हो सबकी प्यारी तुम, हो जबकि न्यारी तुम, थोड़ी खाली , थोड़ी भरी सी, हो तुम परी सी। सोलह आना खरी सी।... Hindi · कविता · बाल कविता 1 1 290 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read मनोस्थिति है द्वन्द्व दिल में मेरे, जो पास है क्या वो यथार्थ है। पदचिह्नों में जिनके , चले थे कदम मेरे, किससे पूछूं जिंदगी का, क्या भावार्थ है। बेकल मन है,... Hindi · कविता 1 1 222 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read प्रकृति चित्रण मन मेरा विकलित, थोड़ा चकित, थोड़ा अचंभित । तन मेरा व्याकुलित, थोड़ा व्यथित, थोड़ा भ्रमित । धरा मुग्ध है, प्रकृति क्षुब्ध है। नभ निःशब्द है। सरिता लुब्ध है। जन मानस... Hindi · कविता 1 439 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read स्त्री धरती माँ , पिता आसमान है। सृष्टि में जिसका जिक्र महान है। क्षितिज सा हृदय जिसका, स्त्री प्रकृति का वो अनुपम उपहार है । आगन्तुक पीढियां जिसके दम से है,... Hindi · कविता 2 226 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read माँ ना पैरो तले जमीं, न सर पे आसमाँ है। मेरा वजूद , मेरा अस्तित्व, मेरी माँ है। मेरी इबादत , मेरी हसरत, अंधेरे जीवन में जो शमा है। मेरा वजूद,... Hindi · कविता 1 236 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read संजोग ● संजोग तुझे खोने - पाने कीे भागदौड़ में । आख़िर पा ही लिया आशिकों की हौड़ में।। पता था तू सबसे जुदा है, गिनती कँहा तेरी लाख - करोड़... Hindi · कविता 1 501 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read किसी मोड़ में ■ किसी मोड़ में -------------------------------------- जिंदगी के इस भागदौड़ में, तुझे पा न सके आशिकों की हौड़ में , ★★★ पता है तू सबसे जुदा है, मिलता नही ऐसा कोई... Hindi · कविता 1 336 Share देवेन्द्र उइके 24 May 2020 · 1 min read आखरी हिचकी है नुक्स मुझमें , *माँ ने कभी बताया नही । चैन से सोता देख , मुझे माँ ने कभी जगाया नही ।। शिकायतों का अंबार थी जिंदगी मेरी, कर दरकिनार... Hindi · कविता 1 214 Share देवेन्द्र उइके 23 May 2020 · 1 min read क्या लिखूँ तेरे बारे में क्या लिखूं तेरे बारे में। तू रोशनी की किरण हैं मेरे जीवन अंधियारे में।। न जाने क्या रिश्ता है तेरा - मेरा, एक मुश्कान सी रहती है मेरे मन के... Hindi · कविता 1 406 Share देवेन्द्र उइके 23 May 2020 · 2 min read मैं मजदूर हूँ । दुःख दर्द, सितम से भरपूर हूँ। मैं मजदूर हूँ, मैं मजदूर हूँ । बंजर जमीं पर फसलें उगाता, लाचारी अपनी किसे सुनाता , हर क़ायदा हर उसूल निभाता। नये नये... Hindi · कविता 1 249 Share देवेन्द्र उइके 23 May 2020 · 1 min read बिटिया थाम अपनी हथेलियों पर तर्जनी मेरी, कहती बिटिया मैं जीने का आधार हूँ । किलकारियों की गूंज से , मुस्कुराहट के भाव से, कहती बिटिया मैं खुशियों का कोषागार हूँ... Hindi · कविता 1 461 Share देवेन्द्र उइके 23 May 2020 · 1 min read दस्तक़ कल देर रात आँख लगी थी, ख़्वाबों ख़यालों में दुनिया सजी थी, गोते लगाता, फिर तैरता, एतबार के समुंदर में, पनडुब्बियों में जैसे जिंदगी रखी थी। तड़के सुबह एक बवंडर... Hindi · कविता 1 206 Share