दीपक श्रीवास्तव Tag: मुक्तक 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक श्रीवास्तव 26 Sep 2021 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** जिन्दगी है चार दिन की मुस्कुराना सीखिये, कह गया कोई अगर कुछ तो भुलाना सीखिये। जिंदगी में प्यार हो तो जिंदगी आबाद है। प्यार के आगे हमेशा... Hindi · मुक्तक 1 629 Share दीपक श्रीवास्तव 29 Jul 2021 · 1 min read !!! भुला दिया तुमने !!! !!! मुक्तक/क़त'अ !!! 1212/1122/1212/22(112) मिरे वजूद को क्योंकर मिटा दिया तुमने, वफ़ा-ए-उम्र को पल में भुला दिया तुमने, अगर ख़ता थी मिरी कुछ तो तुम बता देते, मिरी वफ़ा का... Hindi · मुक्तक 2 693 Share दीपक श्रीवास्तव 22 Jul 2021 · 1 min read *** क़त'अ/मुक्तक *** 212/212/212/212 साथ में वो मेरे थे तो क्या बात थी। हर तरफ सिर्फ खुशियों की सौगात थी। पाँव मेरे जमीं पर पड़े ही नहीं। जिंदगी में मुहब्बत की बरसात थी।।... Hindi · मुक्तक 1 434 Share दीपक श्रीवास्तव 1 Jul 2021 · 1 min read !!*** टहलती हैं रातें ***!! !! मुक्तक: टहलती हैं रातें !! 122/122/122/122 कोई लाख टाले न टलती हैं रातें, बदलती हैं करवट मचलती हैं रातें। अगर हमसफ़र ही दगाबाज निकले, तो छत पर अकेले टहलती... Hindi · मुक्तक 4 2 357 Share दीपक श्रीवास्तव 16 Jun 2021 · 1 min read !!** मुक्तक **!! मुक्तक ****** 122 122 122 122 मेरी याद दिल से मिटा ना सकोगे, मुहब्बत किसी से छुपा ना सकोगे। मुझे दिल से अपने अलग कर के देखो, वफ़ाएँ हमारी भुला... Hindi · मुक्तक 2 2 578 Share दीपक श्रीवास्तव 28 May 2021 · 1 min read !!** खुद की ताकत **!! !!** खुद की ताकत **!! जब कभी जिंदगी एक चारदीवारी में सिमटने लगती है, तब कहीं से उम्मीद की एक स्वर्णिम किरण जगती है, दहशत का माहौल है बाहर वक्त... Hindi · मुक्तक 4 2 360 Share दीपक श्रीवास्तव 28 May 2021 · 1 min read !!** ग़मों से चूर **!! ग़मों से चूर ******** 1222/1222/1222/1222 नहीं दीदार है फिर भी मुझे वो याद आती है, न जाने कौन सी है बात जो मुझको सताती है, बदलती करवटों से पूछ लेता... Hindi · मुक्तक 4 6 565 Share दीपक श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read !!** मंज़र **!! मंज़र **** लहरों सी बुलन्दी हो तो अम्बर पास लगता है, नज़ारा खूबसूरत हो तो मंज़र खास लगता है, वक्त है अब क़ातिलाना हर तरफ कोहराम है, हैं सभी ग़मगीन... Hindi · मुक्तक 3 2 347 Share दीपक श्रीवास्तव 16 May 2021 · 1 min read !! मालिक मेरे !! !! मालिक मेरे !! आ गया कैसा समय बेकार है मालिक मेरे, हर तरफ चीत्कार-हाहाकार है मालिक मेरे। सूनी गलियाँ सूनी सड़कें हर तरफ छाया अंधेरा, अब खुशनुमा माहौल की... Hindi · मुक्तक 3 2 581 Share दीपक श्रीवास्तव 15 May 2021 · 1 min read !! चलन और वक्त !! !! एक !! चलन जिंदगी का बदलना पड़ेगा, बाहर संभल कर निकलना पड़ेगा। मिजाज-ए-हवा अब बिगड़ने लगी है, चेहरे को ढक करके चलना पड़ेगा। !! दो !! वक्त बुरा है... Hindi · मुक्तक 2 2 495 Share दीपक श्रीवास्तव 5 May 2021 · 1 min read मुक्तक या खुदा सबपे तेरी रहमत हो, हर तरफ प्यार हो मोहब्बत हो। हर कोई खुश रहे जमाने में, हर किसी की बुलन्द किस्मत हो। दीपक "दीप" श्रीवास्तव 5 मई 2021 Hindi · मुक्तक 4 362 Share