अग्यार Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अग्यार 1 Nov 2018 · 1 min read माँ तेरी मुहब्बत इक़ तरफ़ इस जहाँ की रहमत इक तरफ़ माँ तेरी रहमत इक तरफ़ इस जहाँ की जन्नत इक तरफ़ माँ तेरे क़दमों की जन्नत इक तरफ़ माँ तू ही मेरे जीने की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 313 Share अग्यार 11 Oct 2018 · 1 min read नज़्म/लगता है बादल नाराज़ हैं आज-अक्टूबर मास लगता है बादल नाराज़ हैं आज सूरज को ढक दिया बादलों ने हवाओं की उंगलियां पकड़कर ज़ोर ज़ोर से पिघल रहे हैं देखों दरख़्तों को भी डरा रहे हैं धमकी... Hindi · कविता 385 Share अग्यार 9 Oct 2018 · 1 min read नज़्म/जो मैं फ़कत हिंदुस्तानी होता कितना अच्छा होता ग़र.... जो मैं परिन्दा होता अन्दर तलक ज़िंदा होता जो मैं जिनावर होता जो मैं हवा होता या कंकड़ मिट्टी का कोई ना लगाता नाम के आगे... Hindi · कविता 226 Share अग्यार 26 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/कला में ज़हर हो बे शक़ मग़र ज़हर को काटने के लिए कला में ज़हर हो बे शक़ मग़र ज़हर को काटने के लिए ना हो ज़हर ये ग़वारा इंसानों को बाँटने के लिए ना हो जात-बिरादरी इसमें कोई ना हो मज़हब... Hindi · कविता 213 Share अग्यार 24 Sep 2018 · 2 min read नज़्म/आदमी को शिक़ायत बड़ी रहती है। आदमी को शिकायत बड़ी रहती है कभी आदमी से कभी वक़्त से कभी ख़ुद से कभी खुदा से आदमी को शिकायत बड़ी रहती है दरख़्तों को आँधियों से नहीं रहती... Hindi · कविता 248 Share अग्यार 18 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/जात-मज़हब के अँधेरे उड़ते परिन्दे को उड़ाते हैं सब सभी गिरते परिन्दे को उड़ायें तो अच्छा भी लगे मैंने सुना है बुजुर्गों से अपने पहले पानी लेकर दौड़ पड़ते थे लोग अब ग़ैर... Hindi · कविता 230 Share अग्यार 17 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/ बातें तुम्हारी यादें हमारी जब तारें टिमटिमाते हैं अँधेरी रातों में ..................तब इत्तेफ़ाक़ से कभी कभी मेरी नज़र चली जाती है हाँ तुम्हारी याद हैं मेहमाँ वक़्त बे वक़्त आ जाती हैं भर आती... Hindi · कविता 471 Share अग्यार 14 Sep 2018 · 2 min read नज़्म/ख़ुदी में खोया रहता है ख़ुदी में खोया रहता है वो अपनी अपनी कहता है यूँ तो इक़ चट्टान सा है वो मग़र पहाड़ो से कभी मिला नहीं भूल गया उससे भी कई बड़े हैं... Hindi · कविता 1 421 Share अग्यार 12 Sep 2018 · 1 min read "बारात देहाती-मस्त बाराती" चन्द दिनों पहले की है बात इक़ शादी थी कहीं यूँ तो साज़ सज्ज़ा थी फ़िर भी बर्बादी थी कहीं शोरगुल माहौल में ख़ूब ढोल-नगाड़े बज रहे थे दुल्हा-दुल्हन से... Hindi · कविता 497 Share अग्यार 12 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/"ऐ ज़िन्दगी से मौत तक के मुसाफ़िर,तेरा ख़ुदा कौन है आख़िर?" ये छायादार फलों से लदें दरख़्त ये झूमती फसलों में कंघी करती थके हर लम्हें हर फ़लसफ़े से खेलती ये चारों दिशाओं की हवाएँ मेरा ख़ुदा है ऐ ज़िन्दगी से... Hindi · कविता 566 Share अग्यार 10 Sep 2018 · 1 min read नज़्म/बस चल रहा हूँ आहिस्ता आहिस्ता कभी वक़्त मुझसे आगे कभी मैं वक़्त से आगे कभी सोते सोते मैं चलूँ कभी जगते जगते मैं चलूँ मैं अकेला इक़ अलबेला इक़ अल्हड़ सा मुसाफ़िर बस चल रहा... Hindi · कविता 293 Share अग्यार 29 Aug 2018 · 1 min read ओह ! तो ये बात है ----तंज ओह ! तो ये बात है ईमानदारों के लिए सूखा बईमानों पर बरसात है ओह ! तो ये बात है..... भृष्टों के लिए दिन उत्कृष्ठों के लिए रात है ओह... Hindi · कविता 463 Share अग्यार 18 Aug 2018 · 1 min read "मैं ख़ुद की बनी राह पर चलना चाहता हूँ"- कविता चाहें राह काँटों से भरी हो या अंगारों से चाहें सामना बीहड़ से हो या मझधारों से चाहें निबाह ग़ुरबत में हो या गुल्ज़ारों में चाहें पनाह शिद्दत में मिले... Hindi · कविता 436 Share अग्यार 18 Aug 2018 · 1 min read "मैं आग हूँ , तू पानी है"---कविता मैं आग हूँ तू पानी है मैं तपिश तू रवानी है मैं नज़र हूँ तू आईना मैं प्यास हूँ तू जवानी है मैं मुसाफ़िर हूँ तू साहिल है मैं साहिर... Hindi · कविता 209 Share अग्यार 17 Aug 2018 · 1 min read "ग़र तुम बन जाते मेरे संसार"--कविता प्रेम गुहार बैठा हूँ पथ में ताक लगाए मिलन को नैना बरसी जाए बन्द होती आँसू की बौछार ग़र तुम बन जाते मेरे संसार.... सांस मेरी अब जमती जाए ये सब्र की... Hindi · कविता 294 Share अग्यार 16 Aug 2018 · 1 min read "उम्र के साथ ज़िन्दगी सस्ती नहीं हो जाती" उम्र के साथ ज़िन्दगी सस्ती नहीं हो जाती इंसानियत डूबती सी कश्ती नहीं हो जाती शायद कुछ लोगों के मायने बदल जाते हैं चेहरें पर आई झुर्रियां देखकर वो डर... Hindi · कविता 218 Share अग्यार 15 Aug 2018 · 2 min read "तू संगीत मेरा मैं प्रगाढ़ अनुरागी"--प्रेम विरहा चन्दा की चमक तेरा अप्सरा यौवन पुष्पित आँचल जैसे विभोर मधुवन तू है नीली झील में हंसिनी का रूप तू निकलती है बनके संदली सी धूप सुर मधुर वाणी तेरा... Hindi · कविता 278 Share अग्यार 15 Aug 2018 · 1 min read "थोड़ी सी आज़ादी उनके हिस्से भी आए"--कविता वतन के ख़ातिर किए जितने वीर जवानों ने सारे वचन निभाए जिन्होंने इस मातृभूमि को अपना तन मन अर्पण कर पहरें लगाए थोड़ी सी आज़ादी उनके हिस्से भी तो आए... Hindi · कविता 345 Share अग्यार 13 Aug 2018 · 1 min read "मेरे तन मन को तू ही भायी री" तेरा रूप अनूप संदल सी धूप जैसे एक मरुस्थल में नलकूप तेरे सागर सागर शोभित नैना दम भर नहीं मेरे ह्रदय को चैना अरी तू कौन कहां से आयी री... Hindi · कविता 388 Share अग्यार 12 Aug 2018 · 1 min read इंसानी वज़ूद ये पवन ये जमीं ये खुला आसमां ये पानी की बूंदें ये सूरज की किरणें ये तारों का जहाँ ये चन्दा की चमक ये सुबह दुपहर साँझ ये रात औऱ... Hindi · कविता 427 Share अग्यार 12 Aug 2018 · 1 min read "मेरे वतन" ये नीर सुनहरी सी माटी ये भोर सुहाने से मौसम ये सोंधी सोंधी सी वादी ये चँचल चँचल मस्त पवन कोस कोस यहाँ बदले पानी कोस कोस यहाँ बदले वानी... Hindi · कविता 553 Share