Damini Narayan Singh Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Damini Narayan Singh 28 May 2023 · 1 min read सेंगोल और संसद समय सृजन का है एकबार फिर विरासत के गढ़न का है भारतवर्ष की जागती धरती का विशाल गर्भ साक्षी रहा है आरंभ से गौरवशाली कालखण्ड का वैश्विक सत्ता के नक्शे... Hindi · कविता · लेख 230 Share Damini Narayan Singh 8 Nov 2021 · 1 min read छठ पूजा धुप उत्सव है या उत्सव धुप सा गीतों की गुनगुनाहट पर थिरक रही है स्मृति गाये जा रहे हैं वो गीत जिसमें शामिल है प्रकृति केले के पत्ते से लेकर... Hindi · कविता 1 2 254 Share Damini Narayan Singh 3 Nov 2021 · 1 min read देव का दीया दिव्य रुप तुं......तुं ही जनमानस साश्वत जय में वास तेरा; ईश्वर तेरे नाम अनेक राम अर्थ में शामिल सिया; उत्सव है दीपों का ये कह रहा जग आज; देव दीया।... Hindi · कविता 1 2 364 Share Damini Narayan Singh 24 Sep 2021 · 1 min read संशय की बेला नहीं छुती है उनको सिंचित लय को साध लिखते जो प्रवाह, नहीं उपहास उन्हें डराता है, नहीं लोभ उन्हें हँसाता है, अंबर से मिल जो जीता आया; संदुक का गर्भ कहाँ जी पाता है... Hindi · कविता 1 263 Share Damini Narayan Singh 17 Sep 2021 · 1 min read "अद्भुत मोदी" युग युग जिएं पीएम नरेंद्र मोदी जी ️ जन्मदिन ये भाव प्रबल भारत तुम अपना; बाँट सको जो खुद से सपना मिट्टी ललकारेगी तुमको, तुम सिंधु तक लिख जाओगे लांघ चोटियां आसमान तक; तुम कदमों से कह जाओगे निर्णय... Hindi · कविता 3 4 856 Share Damini Narayan Singh 16 Sep 2021 · 1 min read "जब छलता है मानव तो" जब छलता है मानव तो; प्रकाश जैसी होती है उष्मा ? अधर तक आकर मिल प्रश्नों से; मौन उत्तर देती है उष्मा। ये दिव्यरूप सी बालाएं देखो कैसे कुंदन हो... Hindi · कविता 1 265 Share Damini Narayan Singh 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी जंग है हाँ ये आखिरी, सुन सको तो सुन लो हाँ, प्राण पर आघात हो या सिंधु पे कोई बात हो, नवसृजन की बात जब फैसला उत्तरार्ध हो, हाँ, फैसला... Hindi · कविता 1 250 Share Damini Narayan Singh 11 Sep 2021 · 1 min read "संकल्प" हरितालिका तीज कुछ और नहीं बस उस वेदी का संकल्प जिससे लयबद्ध हो अपनी आजाद आत्मा को रंग डालती हैं, सामने खड़े उस इकलौते मानवके हँथेली पर सजेलाल-पीले सिंदूर के रंग मे... Hindi · कविता 1 205 Share Damini Narayan Singh 14 Aug 2021 · 2 min read किसने दिया ये हक था; तय कीमत पे हो आजादी ? आजाद हम तभी तक; आजाद तुम तभी तक हम हैं हमारे वश में हाँ तुम हो तुम्हारे वश में। ?? अगर है याद तुमको; अगर है याद हमको वो जहर... Hindi · कविता 2 229 Share Damini Narayan Singh 7 Aug 2021 · 1 min read मेजर ध्यानचंद ?? उसने ही रचा था; आरंभ के पन्नों पर विश्व-नक्शे पर तुम्हारा नाम। ? एक स्टीक पर मचलती गेंद को स्थिर कर गोल तक पहुँचा; संघर्ष के हर गलियारे को लांघ।... Hindi · कविता 2 2 205 Share Damini Narayan Singh 29 Jul 2021 · 1 min read "बस फैसले के इंतज़ार में' आन बान शान फर्क नहीं काल कोठरी या नीला अंबर कट्टे का जलवा अपराध बन अहंकार दिर्घ अंतराल से पोषित राज करता कल भी आज भी कह कानून को अंधा... Hindi · कविता 2 212 Share Damini Narayan Singh 27 Jul 2021 · 1 min read "आज जिक्र जो सरहद तेरा आया" आज जिक्र जो सरहद-तेरा आया, वीर फरिस्तों का वो साया, दिल देख रहा है-फिर वो मंजर, लहू में लिपटी साँसें उनकी, जिद तिरंगा लहराने की, ये हिन्द तुमको याद तो... Hindi · कविता 2 4 236 Share Damini Narayan Singh 26 Jul 2021 · 1 min read "कारगिल विजय दिवस" जब जब मांगेगी धरती कफन बन सज जाउंगा। भारतभूमि तुं अराध्य मेरी तेरे चरणों में झुक जाउंगा। ©दामिनी ?️ Hindi · कविता 1 2 222 Share Damini Narayan Singh 15 Jul 2021 · 1 min read "समय है अपराजित" अधीर हो अगर तुम ; व्याकुल हाँ चित्त है, धीरज धरो हाँ जो कहता हृदय है, ठहरो जरा तुम हाँ ठहरो जरा तुम ! आया नहीं हाँ अभी तेरा वक्त... Hindi · कविता 287 Share Damini Narayan Singh 9 Jul 2021 · 1 min read "आरंभ से कोई मिला नहीं है" बहुत दिनों से कुछ लिखा नहीं है; सच में क्या कुछ दिखा नहीं है, या नव उष्मा से वंचित हुँ मैं; क्या नवप्रभात ने छुआ नहीं है, ☀️ संशय है... Hindi · कविता 2 359 Share Damini Narayan Singh 7 Jul 2021 · 1 min read निर्भय; अखंड;अपराजित है भारत ! मुखमंडल पर जीवन है; अराध्य शीर्ष की गाथा से, वर्तमान सुनो ! तुम्हें याद है न वो जो वैभव लौटा भारतमाता से ; क्षणिक वेदना हुंकार लिये ; पथ स्मृति... Hindi · कविता 2 2 586 Share Damini Narayan Singh 1 Jul 2021 · 1 min read "शांत चित्त हाँ भारतम्" ️ तुम्हारे धड़कनों की आग से मिला जो वो कहीं जल उठी हाँ हर शिला दीप बन यहीं वहीं ? पुकारता जो मध्य है आरंभ के प्रवाह में साथ चल के... Hindi · कविता 2 2 327 Share Damini Narayan Singh 30 Jun 2021 · 1 min read "उसने देखा था" उसने देखा था कोमलता के चरम पर ताउम्र पल्लवित हृदय की विशालता का टुकड़ों में परिवर्तन अभिमान था उसे सुरज सा तेज लिये आरंभ की उस कसौटी पर जिसका सिंचन... Hindi · कविता 2 2 395 Share Damini Narayan Singh 27 Jun 2021 · 1 min read "आलिंगन प्रेम का" स्पर्श में चाँदनी हवाएं जो छुने से पहले आती हों; दूर समंदर को लांघ क्षितिज जिन्हें हर रोज चुमते हों सितारें गगन में देख शक्ल मतवाली हो उठती हो शाम... Hindi · कविता 4 3 239 Share Damini Narayan Singh 25 Jun 2021 · 1 min read "किसे दोष दें" किसे दोष दें किसे कहें प्रकाश विपदा की इतनी सुरत कब देखी थी जितनी देख रही सदी एक साथ अभी तो कैद ने जामा पहना है संभल संभर कर पग... Hindi · कविता 2 432 Share Damini Narayan Singh 25 Jun 2021 · 1 min read "उत्तर से दक्षिण" उत्तर से दक्षिण की राहे; कल कल बहती नदियों की बाहें , सीमित धैर्य अदम्य सा साहस; कहती जैसे आरंभ की राहें , वो दुधिया रंग जो गर्भ गंगा का;... Hindi · कविता 2 2 383 Share Damini Narayan Singh 24 Jun 2021 · 1 min read "जब मन समझे" ️ जब मन समझे; ध्यान की भाषा, अभय निर्भय; परिणाम की भाषा, जब करुणा खुद संसार बने, अधर मुखर अविराम की आशा, तब श्रृष्टि की तय श्रृखंला में फिर से एक... Hindi · कविता 1 406 Share Damini Narayan Singh 23 Jun 2021 · 1 min read "नहीं बनना दुर्बल" ️ परवरिश ने माना बचपन ने थामा नियत में रहता ईश्वर हमेशा...☀️ नहीं धर्म कोई मानवता से ऊपर, नींव में रहता; जहाँ नेक पत्थर, बस वहीं फुल खिलते इंसानियत का सुन... Hindi · कविता 2 238 Share Damini Narayan Singh 23 Jun 2021 · 1 min read "मैं प्रभात का नवसृजन" मैं प्रभात का नवसृजन; जीवनचक्र की परिभाषा, नहीं रुकता समय का पहिया; बस उतरार्द्ध दर्शाता। गर्भ में ले कल की गरिमा; जो इस चक्र को समझ जाता, पथ फिर निर्जन;... Hindi · कविता 3 4 404 Share