©️ दामिनी नारायण सिंह 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ©️ दामिनी नारायण सिंह 10 Oct 2024 · 1 min read जय माँ चंद्रघंटा जय माँ चंद्रघंटा ✨️☀️ साँसों में जय भरें ☀️ भरें पथ में राम जीवन के नव सिंधु में ऐ भारत तेरा गुणगान ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 35 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 4 Oct 2024 · 1 min read जय माँ ब्रह्मचारिणी जय माँ ब्रह्मचारिणी प्रतिमूर्ति चैतन्य की भाव समस्त भूखंड की तप विचारे लक्ष्य जब पथ आत्म अनंत की ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 43 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 4 Oct 2024 · 1 min read जय माँ ब्रह्मचारिणी जय माँ ब्रह्मचारिणी प्रतिमूर्ति चैतन्य की भाव समस्त भूखंड की तप विचारे लक्ष्य जब पथ आत्म अनंत की ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 42 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 4 Oct 2024 · 1 min read जय माँ शैलपुत्री जय माँ शैलपुत्री ☀️🙏 हृदय में भरतवंश का संचार हो ममत्व-करुणा-शौर्य चेतना का हार हो हे समस्त धरा के वंशजों माँ भगवती के आशीष तले हर सांस का उद्धार हो... Quote Writer 47 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 4 Oct 2024 · 1 min read सबसे कम सबसे कम तय अपने एकांत की असीमित चाल लिये निर्विघ्न निरपराध उस एकाकार की खींची गई परिधि के साँचे में गढ़ने की खुद को मढ़ने की और फिर एकदिन खुद... Quote Writer 1 61 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Sep 2024 · 1 min read स्वयं का स्वयं पर स्वयं का स्वयं पर सर्वप्रथम विवेचना या विभिस्तका स्थान क्या नेतृत्व का चिंतन या दुविधा तय करेगा आखिर कौन लोकतंत्र या आत्ममंत्र अनुशासन हाँ अनुशासन विश्वास की नींव पर संकल्प... Quote Writer 62 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Sep 2024 · 1 min read कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा कहो उस संसार से लय तुम्हारा जिसने मढ़ा कहो उस आकाश से विस्तार जहाँ अनंत है कहो उस परमार्थ से एकांत जहाँ... Quote Writer 77 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Sep 2024 · 1 min read भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया स्याही सिंचे शनै-शनै गंतव्य मिले जब पहिया ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 51 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Sep 2024 · 1 min read कौन कहाँ कब कौन कहाँ कब अधिग्रहित करेगा अपने हिस्से का आँचल किसका होगा गर्भ कौन बनेगा दर्प कहते हैं तय में पुर्वजन्म का कर्तव्य आत्माओं का साम्राज्य सभ्यता का गढ़ आर्यभट्ट का... Quote Writer 64 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 20 Sep 2024 · 1 min read आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति याद है वो रिक्तियाँ जिसे भरा करती थी दादियाँ विरासत में परदादियाँ कंठस्थ सारी विभक्तियाँ प्राण लिये सिद्धियाँ लब पे सारे भुगोल इतिहास और स्थितियाँ अनुभव जैसे... Quote Writer 127 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 18 Sep 2024 · 1 min read आगमन उस परलोक से भी आगमन उस परलोक से भी कहते हैं जहाँ रहती है मुक्ति आती है वापस अपनो से मिलने चाहत संजोये कैसा है बाग कैसे हैं पौधे विरासत की भोर पल्लवित चहुंओर... Quote Writer 68 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 17 Sep 2024 · 1 min read अद्भुत मोदी 21वीं सदी का उत्तरार्ध हैं आप पीएम 🇮🇳 स्वर्णिम उर्जा में समाहित असंभव पथ का धावक जिसने गढ़ा जिंदा भारत एकबार फिर दुनिया के नक्शे पर 🌍 वो जो थक... 63 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 17 Sep 2024 · 1 min read होश संभालता अकेला प्राण होश संभालता अकेला प्राण जब मिलता है सांसों की श्रृंखला से बुनता है विशाल परिधि के मध्य स्वयं में एक क्रम रचता है जीवन-मित्र-प्रांगन-आंगन मन कहता वरण प्रकृति से अपने... Quote Writer 57 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 16 Sep 2024 · 1 min read भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से गढ़ता है पन्नों में खाली पड़े अंतराल को समय का वेग जहाँ इंतजार लिये कतार में निर्विघ्न पुछता है वर्तमान... Quote Writer 75 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 16 Aug 2024 · 1 min read हल्की बातों से आँखों का भर जाना हल्की बातों से आँखों का भर जाना जाहिर है चोट दिल पे बहुत गहरी लगी होगी ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 72 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 16 Aug 2024 · 1 min read धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें नहलाती हैं वादियाँ जो तुमको खबर हो ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 72 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 16 Aug 2024 · 1 min read ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में कह उठो धरा से तुम सांस जो आकाश में बह रही हवा के संग सिंचती संगीत वो तुम जो रुक गये... Quote Writer 61 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 11 Aug 2024 · 1 min read जिस सफर पर तुमको था इतना गुमां जिस सफर पर तुमको था इतना गुमां उसके हिस्से भी आये तय समय के निशां ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 105 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 11 Aug 2024 · 1 min read ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का गुम बहुत गुम है आज आसमान तेरा ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 72 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 11 Aug 2024 · 1 min read 10/20 कम हैं क्या 10/20 कम हैं क्या जो नहीं भी तो गम है क्या चलिये खुद के लिये खुद के तरीके से मन के सुकून के आगे और कुछ अहम है क्या...🧡 ©️... Quote Writer 60 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 8 Aug 2024 · 2 min read बेलपत्र कहते हैं प्रतिष्ठित-प्रतिबिंब अद्भुत अहसास संग परिवार फिर भी हाँ फिर भी मौन आभास ✨️ धरा की धुरी से लिपटी ये जात बाग के किसी कोने से लग जड़ो को... DaminiNarayanSinghQuotes 77 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 8 Aug 2024 · 1 min read भारत का सामार्थ्य जब भी हारा भारत का सामार्थ्य जब भी हारा वजह दुश्मनों का बल नहीं अपनों का छल रहा कह रहा "भोर और भारत" ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 87 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 8 Aug 2024 · 1 min read होती है होती है हौसले को कोशिश को सीझ कर पकते हुनर को कब तब जब जान लगा देता है कोई लक्ष्य के अस्तित्व की खातिर जिंदा निर्विघ्न स्वाभिमान की खातिर संकल्प... Quote Writer 67 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 1 Aug 2024 · 1 min read पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद क्या उस पलाश में नहीं जो भर देता है बीहड़ में रंग या फिर बारिश के उस तेज बहाव में बहते अपनी जड़ो को छोड़... Quote Writer 70 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Jul 2024 · 1 min read रोशनी चुभने लगे रोशनी चुभने लगे समझ लो अंधेरा ताक में है ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 71 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Jul 2024 · 1 min read काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता काश इतनी शिद्दत से कुछ और चाहा होता अगर पता होता खुदा तुम दे दोगे ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 118 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 30 Jul 2024 · 1 min read भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात आखिर वो संभाले कैसे सुबह की सौगात ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 93 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 26 Jul 2024 · 1 min read जब जब मांगेगी धरती जब जब मांगेगी धरती कफन बन सज जाउंगा भारतभूमि तुं आराध्य मेरी तेरे चरणों में झुक जाउंगा ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 82 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 24 Jul 2024 · 1 min read शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो कोख है तुम्हारी फक्र होना चाहिये ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 1 81 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 23 Jul 2024 · 1 min read शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो ✨️ कोख है तुम्हारी फक्र तो होना चाहिये ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 1 100 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 23 Jul 2024 · 1 min read अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का अंदाजा था तुम्हें हमारी हद का ✨️ बस इसलिये जी गये तुम ©_ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 1 80 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 22 Jul 2024 · 1 min read छलियों का काम है छलना छलियों का काम है छलना 🧡 सुनो तुम अपने हद में रहना ©️_ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 94 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 22 Jul 2024 · 1 min read बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे 🧡 बस हर बार जबाब नहीं होता ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 85 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 22 Jul 2024 · 1 min read शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧 शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧 तेरी दया निधि पे सब जागे ✨️ ऊँ ऊँ की ध्वनि से निर्मित ☀️ समस्त ब्राह्मांड आरंभ कहलावे 🙏 ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 68 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 21 Jul 2024 · 1 min read माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्त माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्तंभ हैं ✨️☀️🧡 ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 89 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 21 Jul 2024 · 1 min read धड़का करो धड़का करो ✨️ सांसों को जरुरत है तुम्हारी ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 66 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 19 Jul 2024 · 1 min read वो अपने बंधन खुद तय करता है वो अपने बंधन खुद तय करता है ✨️ वो कभी किसी की कैद में नहीं रहा ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 71 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 14 Jul 2024 · 1 min read जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर कभी श्रृष्टि भाव रहित ✨️ कभी श्रृष्टि की अंतिम छोर ©️_दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 81 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 13 Jul 2024 · 1 min read समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है समय अपवाद से नहीं ✨️ यथार्थ से चलता है ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 64 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 13 Jul 2024 · 1 min read जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे ©️ दामिनी नारायण सिंह Quote Writer 74 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 20 Feb 2024 · 1 min read मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ वो क्या है. गांवों की भीत (दीवार) सी टेक नहीं होती ©️🖋 Damini Narayan Singh Quotes Quote Writer 269 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 28 May 2023 · 1 min read थोङी थोड़ी शायर सी मसला सुकून का है 🧡 बाकी सब बाद की बाते हैं ©️ दामिनी नारायण सिंह Damini Narayan Singh Quotes Quote Writer 307 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 28 May 2023 · 1 min read सेंगोल और संसद समय सृजन का है एकबार फिर विरासत के गढ़न का है भारतवर्ष की जागती धरती का विशाल गर्भ साक्षी रहा है आरंभ से गौरवशाली कालखण्ड का वैश्विक सत्ता के नक्शे... Hindi · कविता · लेख 271 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 8 Nov 2021 · 1 min read छठ पूजा धुप उत्सव है या उत्सव धुप सा गीतों की गुनगुनाहट पर थिरक रही है स्मृति गाये जा रहे हैं वो गीत जिसमें शामिल है प्रकृति केले के पत्ते से लेकर... Hindi · कविता 1 2 312 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 3 Nov 2021 · 1 min read देव का दीया दिव्य रुप तुं......तुं ही जनमानस साश्वत जय में वास तेरा; ईश्वर तेरे नाम अनेक राम अर्थ में शामिल सिया; उत्सव है दीपों का ये कह रहा जग आज; देव दीया।... Hindi · कविता 2 2 392 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 9 Oct 2021 · 1 min read संत हृदय से मिले हो कभी संत हृदय से मिले हो कभी कभी साक्षात्कार हुआ है तुम्हारा वो या तो शुन्य होता है या विस्तार या तो मौन होता है या संवाद कोई पहले चरण में... Hindi · लेख 2 2 567 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 8 Oct 2021 · 2 min read एक प्रसंग रामायण से ? रामानंद सागर का रामायण जिसने घर घर टीवी पहुँचाया उसमें एक प्रसंग था ईक एपिसोड में रावण गुस्से में अशोकवाटिका में सीता के सामने आता है और.......ठेठ भाषा......में.....कहें..... तो धमकाता... Hindi · लेख 2 415 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 24 Sep 2021 · 1 min read संशय की बेला नहीं छुती है उनको सिंचित लय को साध लिखते जो प्रवाह, नहीं उपहास उन्हें डराता है, नहीं लोभ उन्हें हँसाता है, अंबर से मिल जो जीता आया; संदुक का गर्भ कहाँ जी पाता है... Hindi · कविता 2 292 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 17 Sep 2021 · 1 min read "अद्भुत मोदी" युग युग जिएं पीएम नरेंद्र मोदी जी ️ जन्मदिन ये भाव प्रबल भारत तुम अपना; बाँट सको जो खुद से सपना मिट्टी ललकारेगी तुमको, तुम सिंधु तक लिख जाओगे लांघ चोटियां आसमान तक; तुम कदमों से कह जाओगे निर्णय... Hindi · कविता 4 4 899 Share ©️ दामिनी नारायण सिंह 16 Sep 2021 · 2 min read राजधर्म और सियाराम प्रजा की स्थिरता बनाये रखने के लिये राजधर्म कितने कठोर निर्णय से गुजर सकता है इसके साक्षी सिर्फ श्रीराम नहीं माँ सीता भी हैं...? अगर धरतीवरण की सच्चाई को मानते... Hindi · लेख 342 Share Page 1 Next