Chhaganlal garg Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chhaganlal garg 28 Sep 2019 · 1 min read प्रभात ||मतगयंद सवैया || लोचन रश्मि निहार मनोहर ,अंतर नेह अलौकिक जागे ! क्षीर प्रभात चिरंतन बिंबित, नूतन अंबर निश्छल लागे ! नागर श्याम विराट विखंडित, प्राण सदा रस सागर माँगे... Hindi · कविता 444 Share Chhaganlal garg 30 Aug 2019 · 1 min read मेला विषय- मेला ! विधा - मंदाक्रांता छंद! विधान~ [{मगण भगण नगण तगण तगण+22} ( 222 211 111 221 221 22) 17 वर्ण, यति 4, 6,7 वर्णों पर, 4 चरण [दो-दो... Hindi · कविता 2 295 Share Chhaganlal garg 12 Mar 2019 · 1 min read आलस ||विधाता छंद || विधान - २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु ! ( १,८,१५ व २२ वी मात्रा लघु) 1222 1222... Hindi · कविता 1 654 Share Chhaganlal garg 16 Feb 2019 · 1 min read श्रृद्धांजलि श्रृद्धांजलि विधाता छंद! जवानों की दिलेरी में सदा आधार पाया है! रखी है लाज माता की सदा वादा निभाया है! लड़े हैं देश रक्षा में मिटें गोदी छिपाना है !... Hindi · कविता 336 Share Chhaganlal garg 7 Feb 2019 · 1 min read नैन विषय- नैन! विधा- छंद आधारित गीतिका! मापनी- 2122,2122,2122,2122 हैं कटीले नैन तेरे देख प्रेमी भूल जाते ! रोशनी के तेज से ही दर्द सारे भूल जाते !! लो नशे की... Hindi · कविता 1 327 Share Chhaganlal garg 5 Feb 2019 · 1 min read बंधन विषय - बंधन! विधा - छंद आधारित गीतिका 2122,2122, 2122, 2122 देह बंधन प्राण से मन पिंजरे में कैद साथी ! बदलते प्रिय रात दिन है जिंदगी में केंद साथी... Hindi · कविता 1 391 Share Chhaganlal garg 1 Feb 2019 · 1 min read भोर का श्रृंगार ||गीतिका आधार छंद मनोरम || वाचिक मापनी : 2122, 2122 =14 मात्रा भोर का श्रृंगार साथी नेह की आभा नवेली ! गूंजते पक्षी निराले कंठ ने खोली पहेली! आह देखो... Hindi · कविता 272 Share Chhaganlal garg 29 Jan 2019 · 1 min read बाँसुरी विषय - बाँसुरी! विधा - विधाता छंद ! विधान - २८ मात्रा, १४- १४ मात्रा पर यति,चार चरण, दो दो चरण समतुकांत, अंत गुरु गुरु ! ( १,८,१५ व २२... Hindi · कविता 278 Share Chhaganlal garg 24 Jan 2019 · 1 min read बहारें विषय - बहारें ! विधा - कुकुभ छंद ! विधान – ३० मात्रा, १६, १४ पर यति l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l अंत मे २,२! कोमल... Hindi · कविता 434 Share Chhaganlal garg 20 Jan 2019 · 1 min read कुहासा विषय - कुहासा! विधा -कुकुभ छंद ! विधान – ३० मात्रा, १६, १४ पर यति l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l अंत मे २,२! लो वह बदली... Hindi · कविता 310 Share Chhaganlal garg 20 Jan 2019 · 1 min read भक्ति गीत ||सरसी छंद पर आधारित गीतिका|| प्राण चहे माधव प्रियवर को, धूप खिली नव भौर! धर्म कर्म की किरणें उठती , बढ़ा भक्ति का ज़ोर !! शांत हुआ मन राम नाम... Hindi · कविता 335 Share Chhaganlal garg 19 Jan 2019 · 1 min read किसान विषय- किसान !! ||कलाधर छंद|| विधान---गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु! अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु। इस प्रकार 31 वर्ण प्रति चरण,चार चरण समतुकान्त ! देख लो... Hindi · कविता 308 Share Chhaganlal garg 18 Jan 2019 · 1 min read माँ विषय - मां ! विधा- दुर्मिल सवैया ! दुर्मिल सवैया । विधान - ८ सगण, २४ वर्ण । ममता चित मे रहती नित मां , तुम हो अवलंब अलौकिक सी!... Hindi · कविता 879 Share