चंदा भूपेंद्र 'चेतना' Tag: कविता 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 May 2022 · 1 min read "अनुभव" दुख होता है उनको , जो अनुभव करते हैं । सुख मिलता है ,उनको जो अनुभव करते हैं । नया सवेरा लगता है, उनको जो अनुभव करते हैं । उमंग... Hindi · कविता 1 361 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 May 2022 · 1 min read "विकार" तृष्णा है, लालच का नाम जिससे बिगड़े ,सारे काम। मन में खुशी तो, हो ना पाए बनते सारे, काम मिट जाए। तृष्णा है, अंदर का अवगुण जिसमें फसते हैं, कुछ... Hindi · कविता 1 171 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Apr 2022 · 1 min read "मेरे पिता" पर्वत से अटल, नदिया की तरह निश्चल , होते हैं, पिता! कुछ भी ना, कह कर, सब कुछ कहते हैं ,पिता ! डांट फटकार में भी, अद्भुत प्रेम, छुपाते हैं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 17 257 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 29 Mar 2022 · 1 min read बचपन बचपन है, मत ढको इसे किताबों में। स्वतंत्र हो जी लेने दो , भरने दो उड़ान आसमानों में । उसका बचपन स्वयं एक किताब , ना उलझाओ उसे किताबों में।... Hindi · कविता 1 369 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 15 Feb 2022 · 1 min read "ऋतुराज बसंत" रंग बिरंगे फूल खिले हैं, बसंत सुहावन आया है फूल फूल और हर कली पर ,देखो जीवन मुस्काया है। शीतल मंद सुगंध बयार ने, भी मौसम महकाया है तरह-तरह के... Hindi · कविता 1 519 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 22 Jan 2022 · 1 min read "मैं हूं ना" बीत गया जीवन दरकार करते-करते, कभी वह कहते, हम सिर्फ तुमसे प्यार करते हैं। अब कोई पुकार ना रही तुमसे, स्वतंत्र हो, तुम स्वतंत्र हो तुम हमसे । खामोश हो... Hindi · कविता 2 2 557 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 Jan 2022 · 1 min read "सेवानिवृत्ति" शिक्षक कभी भी विदा ना होता , शिक्षक की ना विदाई करो। गर शिक्षक विदा जो हो जाए, तो कैसे समाज का कल्याण करो। जिन बच्चों को पल-पल देखा बड़ा... Hindi · कविता 3 4 281 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 27 Dec 2021 · 1 min read "हवन कुंड" जीवन एक हवनकुंड है, जो समस्याओं की लकड़ियों से प्रज्जवलित है। जिसमें मिलने वालीं, चुनौतियां भस्म होती हैं, और जीवन यूं ही आगे बढ़ता है। समस्याएं ना हो तो जीवन... Hindi · कविता 1 2 490 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 14 Dec 2021 · 1 min read तुमने जब से मेरे जीवन में आईं जीना सिखाया तुमने। जिंदगी इतनी खूबसूरत है यकीन दिलाया तुमने। प्यार क्या होता है यह एहसास दिलाया तुमने । मैं तो यूं ही जिए... Hindi · कविता 1 352 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Aug 2021 · 1 min read चिड़ियों का संगठन बहुत प्रसन्न होती हैं ,चिड़िया जब दाना पा जाती हैं ची ची ची ,करती चिड़िया सखियों को रोज बुलाती हैं जरा देर हुई की चिड़िया बच्चों सा आतंक मचाती है... Hindi · कविता 1 362 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 Aug 2021 · 1 min read स्वीकारना प्रतिपल आनंद गौरव के साथ दिए जाएं मेरे साथ ही ऐसा क्यूं, कभी ना सोचे जाएं रोजमर्रा की जिंदगी, उलझनों में ना बताएं जीवन में समय संयोग में, बनती रहती... Hindi · कविता 2 659 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 9 Aug 2021 · 1 min read खाली हाथ निकले थे ,जहां में कुछ पाने के लिए, ये क्या हम खाली हाथ ही चले आए। इसका भी अपना, अलग ही किस्सा है जो , शब्दों में बयां ना हो... Hindi · कविता 3 4 629 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 6 Aug 2021 · 1 min read लेखनी का व्यक्तित्व लेखनी लेखक का बहुमूल्य हथियार है , लेखनी से ही होती शब्दों की बौछार है ! लेखनी एक जीवन साथी सी लगती है , जिससे सब बयां कर देने में... Hindi · कविता 3 545 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 24 Jul 2021 · 1 min read " गुणों की खान बोगनवेलिया" गुणों की खान बोगनवेलिया लाल, गुलाबी ,पीली ,सफेद कई रंग में दिख जाती है, चटक रंग हैं ऐसे! सबका दिल ललचाती है आग उगलती धूप में भी, आंखों को ठंडक... Hindi · कविता 3 505 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Jul 2021 · 1 min read अपने अपने ही होते हैं जो खुश हुए वे अपने ना थे ,जो अपने थे , वे कभी खुश ना हुए 'अपने 'शब्द की परिभाषा ही नहीं बता पाया कोई। कभी अपने ,अपने नहीं होते,... Hindi · कविता 2 2 424 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 14 Jul 2021 · 1 min read " जिंदगी में अपने" ए जिंदगी तुझे क्या बताऊं, हम कितना परेशान रहते हैं । खुशियां ढूंडने जाओ, यहां तो ,अपने ही अपनों को परेशान करते हैं। खुद को ईमानदार साबित कर, दूसरों को... Hindi · कविता 3 225 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 11 Jul 2021 · 1 min read "जिंदगी के रूप" सिर्फ जिंदा रहने का, नाम नहीं है जिंदगी खुदा की इबादत है ,यही तो है बंदगी खुदा ने जो रहमत बक्शी, उसका नाम है जिंदगी ज से जन्नत अं से... Hindi · कविता 1 426 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 8 Jul 2021 · 1 min read "गर कहीं मिल जाए बचपन" याद करते हैं, सब बचपन को गर कहीं मिल जाए बचपन, क्यूं चाह है उस गुलामी की, कई बंदिशें, बिल्कुल ना थी मनमानी आज आजाद होके भी, याद करते हैं,... Hindi · कविता 1 2 309 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 4 Jul 2021 · 1 min read प्रेम का हुनर मनुष्य भी क्या कारनामे करता है, ईश्वर के दिए हुनर को भी ठुकरा देता है ! ईश्वर ने उसे सुर दिया साज सजाने को उसने ठुकरा दिया, कि उन्हें पसंद... Hindi · कविता 3 2 272 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 2 Jul 2021 · 1 min read सकारात्मकता ना सोचें ,कि क्या पाया है, सोचें , कि क्या पाना बांकी है सकारात्मक सोच, सोच से, सकारात्मकता जीवन में आती है जो पाया है और पाऊंगा यही सोच तो... Hindi · कविता 2 421 Share