चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 24 Mar 2023 · 1 min read सार्थक टूटी हुई जिन्दगी से, किसी की जिन्दगी संवर जाए। एक जिन्दगी को , ठिकाना जो मिल जाए। तो टूटी जिन्दगी भी, सार्थक बन जाए । Hindi · मुक्तक 1 238 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 24 Nov 2022 · 1 min read "जलन " तीर बनकर रहना भी अच्छा, चुभने वालों को बिना चलाए ही चुभ जाते हैं, किसी की सफलता भी तीर बन सकती है, शिकार जलने वाला होता है जाने अनजाने में,... Hindi 1 209 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 7 Aug 2022 · 1 min read तरस मुसीबत में , जब कोई तुम्हें पुकारे तो समझना कि उसके लिए तुम्हारी कीमत बहुत है। उसे यकीन है , कि तुम उसे उस मुसीबत से निकाल लोगे जब मुसीबत... Hindi · मुक्तक 1 237 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 May 2022 · 1 min read "अनुभव" दुख होता है उनको , जो अनुभव करते हैं । सुख मिलता है ,उनको जो अनुभव करते हैं । नया सवेरा लगता है, उनको जो अनुभव करते हैं । उमंग... Hindi · कविता 1 488 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 May 2022 · 1 min read "विकार" तृष्णा है, लालच का नाम जिससे बिगड़े ,सारे काम। मन में खुशी तो, हो ना पाए बनते सारे, काम मिट जाए। तृष्णा है, अंदर का अवगुण जिसमें फसते हैं, कुछ... Hindi · कविता 1 309 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Apr 2022 · 1 min read "मेरे पिता" पर्वत से अटल, नदिया की तरह निश्चल , होते हैं, पिता! कुछ भी ना, कह कर, सब कुछ कहते हैं ,पिता ! डांट फटकार में भी, अद्भुत प्रेम, छुपाते हैं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 17 377 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 29 Mar 2022 · 1 min read बचपन बचपन है, मत ढको इसे किताबों में। स्वतंत्र हो जी लेने दो , भरने दो उड़ान आसमानों में । उसका बचपन स्वयं एक किताब , ना उलझाओ उसे किताबों में।... Hindi · कविता 1 467 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 26 Mar 2022 · 2 min read "साक्षरता मिशन" सरकार भी क्या योजनाएं बनाती है, अभी-अभी आई एक योजना 'साक्षरता मिशन ' क्या ? सरकार वास्तव में साक्षरता लाना चाहती है या इस आड़ में और भी अधिक साक्षरता... Hindi · लेख 1 469 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 19 Mar 2022 · 2 min read नवांकुर "सोच का नवांकुर" मैं कक्षा आठवीं में पढ़ा रही थी तभी एक पहली कक्षा की छात्रा अंदर आई, बच्चे अक्सर शाला के अंदर आते रहते बिना किसी झिझक के ,कभी... Hindi · लेख 1 476 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 15 Feb 2022 · 1 min read "ऋतुराज बसंत" रंग बिरंगे फूल खिले हैं, बसंत सुहावन आया है फूल फूल और हर कली पर ,देखो जीवन मुस्काया है। शीतल मंद सुगंध बयार ने, भी मौसम महकाया है तरह-तरह के... Hindi · कविता 1 629 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 22 Jan 2022 · 1 min read "मैं हूं ना" बीत गया जीवन दरकार करते-करते, कभी वह कहते, हम सिर्फ तुमसे प्यार करते हैं। अब कोई पुकार ना रही तुमसे, स्वतंत्र हो, तुम स्वतंत्र हो तुम हमसे । खामोश हो... Hindi · कविता 2 2 656 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Jan 2022 · 1 min read "फल" श्रीकृष्ण ने सच ही कहा है , सिर्फ कर्म करो फल ना चाहो । फल तो मीठा होता है पर , अप्राप्ति बहुत कड़वी होती है। जिस कड़वेपन से जिंदगी... Hindi · मुक्तक 1 2 338 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 Jan 2022 · 1 min read "सेवानिवृत्ति" शिक्षक कभी भी विदा ना होता , शिक्षक की ना विदाई करो। गर शिक्षक विदा जो हो जाए, तो कैसे समाज का कल्याण करो। जिन बच्चों को पल-पल देखा बड़ा... Hindi · कविता 3 4 410 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 31 Dec 2021 · 1 min read "आज का सिकंदर" धैर्य समय की सबसे बड़ी औषधि है , समय पर मिलने वाली चोट पर धैर्य का मलहम लगाना उचित है । धैर्य में बहुत बड़ी ताकत है , जो धैर्यवान... Hindi · मुक्तक 1 321 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 29 Dec 2021 · 1 min read "सोचने की बात" आज एक बच्चे को दूसरे बच्चे की शिकायत उसके पिता से करते सुना ,साथ ही उसका निवेदन भी ,कि चाचा उसको मारना नहीं पीटना नहीं सिर्फ डांट देना ।इस निवेदन... Hindi · लेख 508 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 27 Dec 2021 · 1 min read "हवन कुंड" जीवन एक हवनकुंड है, जो समस्याओं की लकड़ियों से प्रज्जवलित है। जिसमें मिलने वालीं, चुनौतियां भस्म होती हैं, और जीवन यूं ही आगे बढ़ता है। समस्याएं ना हो तो जीवन... Hindi · कविता 1 2 757 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 14 Dec 2021 · 1 min read तुमने जब से मेरे जीवन में आईं जीना सिखाया तुमने। जिंदगी इतनी खूबसूरत है यकीन दिलाया तुमने। प्यार क्या होता है यह एहसास दिलाया तुमने । मैं तो यूं ही जिए... Hindi · कविता 1 493 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Nov 2021 · 1 min read "इश्क का रंग" कहते है, इश्क का रंग होता है लाल। इश्कबाज ,इश्क में दिखते हैं सुर्ख लाल। खतरे का रंग भी, होता है लाल। इश्कबाज पर ही चढ़ता है ,खतरे का गुलाल।... Hindi · मुक्तक 3 2 409 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 11 Nov 2021 · 1 min read "परिंदा की सीख" एक परिंदा उड़ रहा ,शब्दों के संसार में। शब्द दिखलाए ,सीख सिखाए, शब्दों के भंडार में।। नन्हे परिंदे साथ हो लिए, इस सीखने के संसार में। उड़ते -फिरते ,गिरते -... Hindi · मुक्तक 1 2 687 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 26 Sep 2021 · 1 min read अज्ञानता कुछ लोग ठहाका मारकर हंसते हैं, कि हमने उसे हरा दिया। लेकिन ! उन्हें नहीं पता कि मैं जहां पहुंचूं, मेरी मंजिल की सीढ़ी वहीं से शुरू होती है।। Hindi · मुक्तक 1 342 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Sep 2021 · 1 min read "ईश्वर का खिलौना" ऊपर वाले तूने क्या ,सोचकर दुनिया बनाई होगी। दुनिया बनाई तो ठीक , सुख के साथ दुख क्यों । क्या तुझे हंसती खेलती, दुनिया रास नहीं आ रही थी। तुझे... Hindi · मुक्तक 1 587 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 8 Sep 2021 · 1 min read "एक शिकायत तुझसे" तेरे दर पर मेरा यूं, बार-बार भटकना हैरत में डालता है मुझे, जिस पर हो तेरा हाथ, वह अनोखा है फिर कैसा ?उसका बार-बार भटकना , क्या तू भी उन... Hindi · मुक्तक 1 343 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 4 Sep 2021 · 1 min read "चुनौती" मिलती हैं चुनौतियां ,परेशान करने को उन्हें नहीं पता ! हमने तो चुनौतियों से लड़ना ही सीखा है,हैरान करने को। Hindi · शेर 415 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 22 Aug 2021 · 1 min read "क्या लिखूं" सोचती हूं कुछ लिखूं, शब्द आएं लिख ना पाए, मन में भाव लहरों से आएं बनते बनते फिर मिट जाएं इस असमंजस में, मै क्या लिखूं ! कभी कभी मन... Hindi · मुक्तक 1 359 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 17 Aug 2021 · 1 min read चिड़ियों का संगठन बहुत प्रसन्न होती हैं ,चिड़िया जब दाना पा जाती हैं ची ची ची ,करती चिड़िया सखियों को रोज बुलाती हैं जरा देर हुई की चिड़िया बच्चों सा आतंक मचाती है... Hindi · कविता 1 483 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 13 Aug 2021 · 1 min read स्वीकारना प्रतिपल आनंद गौरव के साथ दिए जाएं मेरे साथ ही ऐसा क्यूं, कभी ना सोचे जाएं रोजमर्रा की जिंदगी, उलझनों में ना बताएं जीवन में समय संयोग में, बनती रहती... Hindi · कविता 2 814 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 9 Aug 2021 · 1 min read खाली हाथ निकले थे ,जहां में कुछ पाने के लिए, ये क्या हम खाली हाथ ही चले आए। इसका भी अपना, अलग ही किस्सा है जो , शब्दों में बयां ना हो... Hindi · कविता 3 4 814 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 6 Aug 2021 · 1 min read लेखनी का व्यक्तित्व लेखनी लेखक का बहुमूल्य हथियार है , लेखनी से ही होती शब्दों की बौछार है ! लेखनी एक जीवन साथी सी लगती है , जिससे सब बयां कर देने में... Hindi · कविता 3 669 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 5 Aug 2021 · 1 min read अंतर्मन लिखती हूं मन के भाव ,जो सीने में उतर जाते हैं लिखती हूं उन जज्बातों को, जो जीवन में गुजर जाते हैं Hindi · शेर 2 432 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 24 Jul 2021 · 1 min read " गुणों की खान बोगनवेलिया" गुणों की खान बोगनवेलिया लाल, गुलाबी ,पीली ,सफेद कई रंग में दिख जाती है, चटक रंग हैं ऐसे! सबका दिल ललचाती है आग उगलती धूप में भी, आंखों को ठंडक... Hindi · कविता 3 602 Share Page 1 Next