Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Oct 2022 · 1 min read 🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम। 🪔🪔 दीपमालिका सजाओ तुम। स्वयं ज्ञान-आलोक बनो,सबको नहलाओ तुम। 🧿 दिव्य-शांतिमय प्रेम-प्रदर्शक की वाणी में फलित अहिंसा। किंतु कृत्यमय वाह्य-आचरण से परिलक्षित होती हिंसा। दुहरा चिंतन तजो, हृदय को अब... Hindi · कविता 3 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Feb 2022 · 1 min read 🚩आगे बढ़,मतदान करें। 🧿 देश हेतु कुछ काम करें। लोकतंत्र का मान करें। जागरूक बनकर हम सब। आगे बढ़,मतदान करें। 🧿 अवनति-हिंसा का दानव छोड़, चुने सच्चा मानव। प्रेम-शांति-अपनापन औ, सद्विकास-सम्मान करें। आगे... Hindi · कविता 2 2 806 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 8 Jan 2021 · 1 min read 🏠कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह लो। 🏠 कुछ दिन की है बात सभी जन घर में रह लो। तू-तू मैं-मैं त्याग राष्ट्र-हित में यह सह लो। 🧿 कोरोना की हार हेतु सबको लड़ना है। जीवनहित-सद्ज्ञान पकड़... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 55 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 May 2020 · 1 min read बंद हैं भारत में विद्यालय. बंद है भारत मे विद्यालय. मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा सब शांत,खुले मदिरालय.. लाकडाउन में घर पर बैठे,पत्नी आधी सूखी. हीरोइन बर्तन माँजे पर, बर्तनबाली भूखी.. घर में बैठे नर-नारी भर रहे नित्य शौचालय...... Hindi · कविता 2 1 520 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Nov 2018 · 1 min read नूतन सद्आचार मिल गया नूतन सद् आचार मिल गया अपनापन सद्भाव प्रेम सह विज्ञ सुजन व्योहार मिल गया गाँव-संस्कृति में कुरीतियाँ, धर्मांधता, अशिक्षा -साया। शहर-संस्कृति में विकास सह बोधी मन की चेतन माया। नो... Hindi · कविता 3 5 784 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Nov 2018 · 1 min read 🚩माँ, हर बचपन का भगवान 🚩 माँ, हर बचपन का भगवान । सजग सुकोमल मनभावन ममता का अमल वितान । 🧿 जित देखो उत प्रेम-फुहारों से भरती सुत का दिल । सदा सुहावन लोरी गाकर,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 58 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Nov 2018 · 1 min read 🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी श्रीयुत अटल बिहारी जी राष्ट्र संस्कृति पालक बन की जन-रखवारी जी 🧿 जनसंघी ने संघर्षों का अनुपम बिगुल बजाया राष्ट्र-भूमि पर मत्था टेका, रण में शीश उठाया जय जवान, जय... Hindi · कविता 2 1 961 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 22 Sep 2018 · 1 min read गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है हर महीना रार- सा अब लग रहा है सूना पीपल, पंखा विद्युत का चला वक्त भौतिक यार-सा अब लग रहा है किसानी... Hindi · कविता 4 1 886 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 16 Aug 2017 · 4 min read 🌹🌹 झाॅंसी की वीरांगना क्षिति पर अंधड़-सा आया,तलवार हाथ ले निकल पड़ी| देख फिरंगी की छाती पर, अश्व-टाप धर आज चढी़| 🪔 सयश-वीरता खेल खेलती,झाँसी की मर्दानी थी। मातृभूमि की जय,जय रानी,बुंदेलों की वाणी... Hindi · कविता 2 1 10k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 6 Aug 2017 · 1 min read शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाए शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाए ,शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाएं | जीवन में अनुपम प्रकाश के रंग भरे, उल्लास सजाएं || -राष्ट्र हमारा कल गुलाम था आज स्वयं हम ही गुलाम है... Hindi · कविता 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 25 Jun 2017 · 2 min read ऊँच-नीच के कपाट । अभी तो ऊँच-नीच के कपाट हैं । कहीं हैं ठाटबाट ,कहीं टाट हैं। जातिवाद की भी हैं पहेलियाँ। चीखतीं हैं घर में सुप्त बेटियाँ। मनमय मयूर बन मदांध फूलता। जग-द्वंद... Hindi · कविता 2 1 3k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 May 2017 · 1 min read सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं । जीवन में अनुपम प्रकाश के रंग भरे, उल्लास सजाएं । राष्ट्र हमारा कल गुलाम था आज स्वयं हम ही गुलाम है। अवनति- हिंसामय रोगों... Hindi · कविता 2 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 7 May 2017 · 1 min read मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे। मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे। जनसंख्या विस्फोट कर रहे बन कर के टुच्चे। दिव्य चेत बिन नाच रहा नर, बनकर नंगा । बिना ज्ञान के बढ़े गरीबी ,बढ़ते दंगा ।... Hindi · कविता 3 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 5 May 2017 · 2 min read 🚩यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो, ऐसा विज्ञान चाहिए 🧿 यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो ऐसा विज्ञान चाहिए जो सोए है उने जगाने का संकल्प महान चाहिए क्षिति नायक तेरे दुखिया मन में प्रकटे जैसे प्रसन्नता अब मुझको ऐसे विचार... Hindi · कविता 6 3 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 3 May 2017 · 1 min read धारण कर सत् कोयल के गुण जागा अधिवक्ता पतला सा त्यागे तन के कीमती वस्त्र ले हाथ छड़ी जिस ओर बढा पीछे-पीछे पग थे सहस्त्र अनुपम- अतुलित बल का उद्भव आज अहिंसा में है देखा यह... Hindi · कविता 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 2 May 2017 · 1 min read 🇭🇺 युवकों का निर्माण चाहिए 🌹 युवकों का निर्माण चाहिए, युवकों का निर्माण चाहिए। कलियुग के कलुषित तम हिय को,चीर सके वह बाण चाहिए। 🌹 सज्जनता की ढाल रो रही,काम-क्रोध जयमाल हो रही। विचलित नर... Hindi · कविता 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 29 Apr 2017 · 1 min read 🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए ,जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए मानव मन के मल को धोने वाला पावन ज्ञान चाहिए 🧿 गोदी में भूखा रोता है भारत माँ का अंश विकल है। दीन-विवश -बलहीन... Hindi · कविता 3 6 2k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Apr 2017 · 1 min read लंबे चौड़े दिखें, किंतु है खाली बक्सा (मुक्त छंद) "नायक" आधी मुड़ाकर, मार रहे हैं धाँक| ना सज्जन से दिख रहे, ना गुंडा की बाँक|| ना गुंडा की बाँक ,बने आधे मुछमुंडा| फिरहुँ कह रहे हम हैं... Hindi · कविता 387 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 26 Mar 2017 · 1 min read पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत। ( मुक्त छंद) जाया, सो गई रेल में, यात्रा हुई अनाथ । बातों के बिन मन बना, निर्धन की फुटपाथ।। निर्धन की फुटपाथ,समस्या दिल की दूनी। पुनि जल गई है... Hindi · कविता 1 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 15 Mar 2017 · 1 min read राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँ जवानी (मुक्त छंद) अटल आत्मविश्वास, बज्र-सा मानस तेरा | जिस दिन बन जाएगा उस दिन नया सवेरा|| दिखलायेगा उन्नति का सूरज चढ़ता-सा| होगा सत्यानाश दीनता औ जड़ता का || कह "नायक"... Hindi · कविता 662 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Mar 2017 · 1 min read कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा (मुक्त छंद) सफरचट्ट, मक्खीकट, पतली, कभी ऐंठ में मूँछ। कभी- कभी लाचार दिखे जैसे कुत्ते की पूँछ ।। ज्यों कुत्ते की पूँछ, मूँछ की हालत ऐसी । बिना मूछ वाली... Hindi · कविता 804 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 13 Mar 2017 · 1 min read जित मन चाहे बैठो, दिल अब नाव हो गया (मुक्त छंद) कपड़े की सिकुड़न बनी, भूषाचार-सु लोक | नहीं पता यह लड़कियाँ या लड़कों की भौंक|| या लड़कों की भौंक, मात्र पतलून हिल रही | नृत्यमयी भोली सूरत की... Hindi · कविता 1 1 553 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Mar 2017 · 1 min read घुटने टेके नर, कुत्ती से हीन दिख रहा (मुक्त छंद) चर्म रोग में चाटता, कुत्ता अपनी खाल। मानव निज तन कर रहा, खुजा खुजा कर लाल।। खुजा खुजा कर लाल, हारकर वैद्य बुलाता। कुक्कुर बिना दवा के चंगा,... Hindi · कविता 955 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Mar 2017 · 1 min read बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा ( मुक्त छंद) नायक" दाढ़ी मुडा कर, मूँछ घोटना आप। निश्चय ही बड़ जाएगी, इज्जत रूपी माप।। इज्जत रूपी माप बढ़ायी श्रीराम ने। मूँछ कबहुँ न रखी,दिव्य शिव-हनूमान ने।। कह... Hindi · कविता 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Feb 2017 · 1 min read दुखता दिल कूड़ा जी औ बुधि-सागर में थोड़ा यौवन के आँचल में बढ रही व्याधियाँ-काम-दोष शोषण सद्आत्मा के घर में पौरुष बोलूँ या पागलपन आँगन में चीख सुनी मैंने छल-ईर्ष्या-दंभ दोपहर की... Hindi · कविता 939 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Feb 2017 · 1 min read जीना सीखो अमन -चैनमय वीणा सीखो| नेह- शांतिरस पीना सीखो| ज्ञान-भाव का अनुपम संगम, पाकर,जीवन-जीना सीखो| उज्जवलता जीवन-प्रकाश है| फिर क्यों मनुआ अति उदास है| कर्म करो, पग एक बढाओ, बिना चाल... Hindi · कविता 1 1 732 Share