Balram Agarwal 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Balram Agarwal 24 Jul 2020 · 1 min read बिना शीर्षक मुझे लगता है, कि दुनिया भर में सारे बच्चों का पिता मैं हूँ भले ही वे मेरी औरस संतान नहीं हैं उनके उल्लास मुझे उल्लसित करते हैं और पीड़ाएँ दर्द... Hindi · कविता 2 506 Share Balram Agarwal 23 Jul 2020 · 2 min read रुका हुआ पंखा रुका हुआ पंखा / बलराम अग्रवाल पापा बड़े उद्विग्न दिखाई दे रहे थे कुछ दिनों से। कमरे में झाँककर देखते और चले जाते। उस उद्विग्नता में ही एक दिन पास... Hindi · लघु कथा 3 3 1k Share