babita shekhawat Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid babita shekhawat 8 Feb 2019 · 1 min read रानी प्द्माव्ती राजा रतन सिह की थी वो दूसरी पटरानी, नाम था उसका पद्मवती रानी। जो थी स्त्री शक्ति की मिसाल पुरानी, और थी सुंदरता की निशानी। जब आयी किसी ग़ॅर पुरुष... Hindi · कविता 3 483 Share babita shekhawat 8 Feb 2019 · 1 min read है ख्वाहिश मेरी भी:-बेटी थी ख्वाहिश उस आसमान मे उडने की, पर लडकी कह्कर टोक दिया। जाना चाहूँ मैं भी सकूल , ये कह्ते ही गला द्बोच लिया। बनना चाहूँ मैं अच्छा इंसान, तो... Hindi · कविता 3 3 242 Share babita shekhawat 8 Feb 2019 · 1 min read क्या वो भी दिन थे ये कहती हूँ आज सुनती हूँ आज भी मैं कभी -कभी पापा से , उनके बचपन की कहनी। क्या मजा था उनके समय मे, करती हूँ मह्सुस पापा की बातो से। किस तरह रोज... Hindi · कविता 3 318 Share babita shekhawat 21 Nov 2018 · 1 min read प्यारी होती है माँ अनमोल से भी अनमोल होती है माँ , बच्चे को चोट लगने पर रोती है माँ। क्या कहे इन्हें इतना प्यार दिखाती है माँ , भगवान का दूसरा रूप कहलाती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 105 996 Share