ashok dard 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ashok dard 11 Jun 2024 · 97 min read लघुकथाएं 1 युग-विडम्बना [लघुकथा ] सावित्री की बेटी पारो के ससुराल से– चूस कर बुरा हाल करने लगे । शायद स्तनों से निकलता दूध उनके लिए पर्याप्त नहीं था । भूखे... 69 Share ashok dard 19 May 2024 · 6 min read पांच लघुकथाएं 1 युग-विडम्बना [लघुकथा ] सावित्री की बेटी पारो के ससुराल से फोन आया ,पारो के लड़का हुआ है |बूढ़ी विधवा माँ बहुत खुश हुई |नानी बनने पर उसे पूरे मोहल्ले... 1 118 Share ashok dard 6 Mar 2023 · 7 min read कविताएं जिनके खुले दर होते हैं । किस्मत वाले घर होते हैं।। वो ही अंबर छूते देखे । जिनके पुख्ता पर होते हैं ।। कोई नहीं है जग में उनका ।... Hindi 1 123 Share ashok dard 5 Feb 2023 · 2 min read कविताएं ख्वाबों ख्यालों में रात गुजर गई । मुश्किल सवालों में रात गुजर गई ।। उन्नींदे सपनों अधूरी चाहतों और । मोह के जालों में रात गुजर गई ।। न मरहम... Hindi 194 Share ashok dard 5 Feb 2023 · 1 min read कविता इस उतरती सांझ में...."(कविता) चलो इस उतरती सांझ में पहाड़ की गोद में बैठ कर सिंदूरी धूप को शिखर चूमते हुए देखें । चलो इस उतरती सांझ में दरिया के... Hindi 112 Share ashok dard 5 Feb 2023 · 1 min read कविता इस उतरती सांझ में...."(कविता) चलो इस उतरती सांझ में पहाड़ की गोद में बैठ कर सिंदूरी धूप को शिखर चूमते हुए देखें । चलो इस उतरती सांझ में दरिया के... Hindi 409 Share ashok dard 22 Jul 2017 · 2 min read तीन कविताएँ [20] शब्द चितेरा मैं भी होता शब्द चितेरा ,कोई बात न्यारी लिखता | होरी की दुःख - गाथा लिखता , धनिया की लाचारी लिखता || बाप - बेटे या भाई... Hindi · कविता 525 Share ashok dard 18 Jul 2017 · 1 min read कविता ...उसके प्यार में उसके प्यार में ... यार मेरा मेरे घर आया होता | रौशनी से घर मेरा जगमगाया होता || उनकी याद सहेजता इस तरह | एक सुंदर ताजमहल बनाया होता ||... Hindi · कविता 536 Share ashok dard 10 Jun 2017 · 3 min read अशोक दर्द की पांच कविताएँ कभी मैंने जो .... कभी मैंने जो उनकी याद में दीपक जलाये हैं | सुनहरी सांझ में पंछी यूं घर को लौट आये हैं || नहीं ये ओस की बूँदें... Hindi · कविता 478 Share ashok dard 28 Apr 2017 · 2 min read कविताएँ फैंके हुए सिक्के .... फैंके हुए सिक्के हम उठाते नहीं कभी | अपनी खुद्दरियों को गिरते नहीं कभी || खुद के बड़ा होने का जिनको गरूर हो | महफिलों में... Hindi · कविता 337 Share ashok dard 15 Apr 2017 · 2 min read कविताएँ ----- महके महके आशियाने हो गये , नेकियाँ दिल में..,फूलों की खेतियाँ महके महके आशियाने हो गये | चिड़िया के बच्चे सियाने हो गये || हर तरफ हैं प्यार की ही खेतियाँ | नफरतों के अब जमाने हो गये || जेब में... Hindi · कविता 558 Share ashok dard 26 Mar 2017 · 4 min read लघुकथाएं हथियार , बदलता समय , मापदंड हथियार [लघुकथा ] सोहन का तबादला दूर गांव के हाई स्कूल में हो गया |शहर की आबो –हवा छूटने लगी |पत्नी ने सुझाव दिया,कल हमारे मोहल्ले में नये बने शिक्षा... Hindi · कविता 400 Share ashok dard 26 Mar 2017 · 4 min read लघुकथाएं विमला को गाँव वाले मास्टरनी कह कर बुलाते थे | क्योंकि उसके पति गाँव के सरकारी स्कूल में मास्टर जो थे |गाँव में मास्टरनी को भी मास्टर जी की तरह... Hindi · कविता 668 Share ashok dard 24 Mar 2017 · 2 min read कविताएँ वक्त की हुंकार यह कैसी वक्त की हुंकार मिलती है | हो रही मानवता तार –तार मिलती है || मेरे बेटों –बहुओं से मुझे बचाओ तुम | बेचारी करती बूढ़ी... Hindi · कविता 500 Share ashok dard 2 Mar 2017 · 3 min read पांच कविताएँ कवि और कलम बारूद के ढेर पर बैठी दुनिया समझा कवि | नफरतें सब धुल जाएँ प्रेमगीत सुना कवि || जंग की तैयारी में बन रहे हथियार नये नये |... Hindi · कविता 834 Share ashok dard 23 Feb 2017 · 2 min read कविता फैंके हुए सिक्के .... फैंके हुए सिक्के हम उठाते नहीं कभी | अपनी खुद्दरियों को गिरते नहीं कभी || खुद के बड़ा होने का जिनको गरूर हो | महफिलों में... Hindi · कविता 1k Share ashok dard 21 Dec 2016 · 1 min read बेटी बेटी धरती का श्रृंगार है बेटी | कुदरत का उपहार है बेटी || रंग-बिरंगे मौसम बेशक | जैसे ऋतू बहार है बेटी || कहीं शारदा कहीं रणचंडी | चिड़ियों की... Hindi · कविता 716 Share ashok dard 18 Dec 2016 · 1 min read मेरे पहाड़ में मेरे पहाड़ में उगते हैं आज भी प्रेम के फूल , और घासनियों पर उगती है सौहार्द की दूब ; घाटियाँ गूंथती हैं छलछलाती नदियों की मालाएं ; धूडूबाबा की... Hindi · कविता 376 Share ashok dard 17 Dec 2016 · 6 min read अशोक दर्द की कविताएँ अग्निगीत तुम लिखो उनके खिलाफ अग्निगीत जिन्हें देश को गलियाँ बकने के बदले जनता की गाढ़ी कमाई की बरियानी खिलाई जाती है देश तोड़ने की धमकियां देने के बावजूद भी... Hindi · कविता 764 Share