अशोक डंगवाल 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक डंगवाल 29 Sep 2019 · 1 min read " जोखिम भरी ज़िन्दगी " जीवन की विडंबना है यही, ये बडती ही चलेगी, बढोगे जितना प्रयास कर, सफल करती चलेगी || रुक जाओगे थककर, तो सिलसिला थम चलेगा, साँसे भर गर धक्का लगा दिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 360 Share अशोक डंगवाल 29 Sep 2019 · 2 min read शृंगेरी के सघन वन (कविता) || जय माँ शारदे || " शृंगेरी के सघन वन " शृंगेरी के सघन वन मन को बहुत लुभाते हैं, जीवन को जीने का एक नया अन्दाज़ सिखाते हैं, पावन... Hindi · कविता 4 3 444 Share