alfee Khan 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid alfee Khan 6 Jan 2022 · 1 min read स्त्री जिंदगी उसकी यू गुजर रही है... गुनाह तो नहीं पर सजा बनी है... अपने मन का करना पाई.... हर लम्हा इम्तिहान दे रही है... चाहती है कदम से कदम मिलाना....... Hindi · कविता 2 189 Share alfee Khan 6 Jan 2022 · 1 min read ऐसे भी हमने देखा है हमने आसमां के पंछियों को जमीन पर बैठे देखा है..... मुस्कुराती चेहरों में भी उदासी को छिपे देखा है.. अपना काम बनते ही लोगों को अजनबी होते देखा है.... मयखाने... Hindi · कविता 2 169 Share alfee Khan 6 Jan 2022 · 1 min read नादान परिंदे नादान थे हम.... कुछ अच्छा बुरा न समझ आता था....... जिसने दे दी चीज बस वही हमारा चाचा था..... खेलते थे सारा दिन .....सुबह शाम सोच पाता था... पर क्या... Hindi · कविता 3 3 194 Share alfee Khan 6 Jan 2022 · 1 min read एक चाह ऐसी भी ........ सिर्फ लालच काली आंधियां कुछ इस तरह छाई......... लोगों ने अपनी अपनी मांगे सुनाई..... लड़के के घर वालों ने जब बोली लगाई........ एक बेटी के बाप ने अपनी गर्दन झुकाई....... एक बाप... Hindi · कविता 3 1 183 Share