अनिल कुमार Tag: ग़ज़ल 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के आज़ कोई सामान बिक गया नाम बनके, और कोई इंसान बिक गया सामान बनके। मोबाइल, कम्प्यूटर सबमें अहसास जग गए, इंसान ही नहीं बस चल पाया इंसान बनके। मेरी झोंपड़ी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · गीत · नज़्म 5 159 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया, किसी की बदनामी से किसी का नाम हो गया। जिसकी वफाओं पर था नाज़ हमें बहुत, ज़रूरत में वो यार ख़ुद बेनकाब हो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · जज़्बात · नज़्म · मुक्तक 1 2 166 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है, कभी मिल ना पाऊँ तो भी दिल के तार बज़ाती है। कितनी बार सुनता हूँ उसे सोते-सोते भी... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल · दोस्ती प्यार की · नज़्म · प्यार 2 257 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है शाम का ये आसमाँ आज़ कुछ धुंधलाया है, इसमें मेरे प्यार का ढ़का हुआ सा साया है। बादलों की टोलियाँ बड़ी भागदौड़ हैं कर रहीं, क्या इनमें यार का चेहरा... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 2 225 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है, कई नज़रों का उस पे निशाना ठहरा हुआ है। एक क़दम भी गर वो चलती है मेरी गली में तो, उसके पैरों... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · चाहत · नज़्म · प्यार 2 169 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी ये हर दिन और हर रात हमारी होगी, चुपचाप बैठे-बैठे बात भी सारी होगी। भरभरा कर गिरेगी वो जब मेरी बाहों में, एक दूसरे में सिमटने की तैयारी होगी। पता... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 139 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 2 min read ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं, उसकी हर नज़ाकत में चमत्कार बहुत हैं। उसके जज़्बात भले ही हैं अनकहे से पर, उसकी झुकी पलकों में समाचार बहुत हैं।... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 201 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - मुझे दुश्मनों की गलियों में रहना पसन्द आता है मुझे दुश्मनों की गलियों में रहना पसन्द आता है, मुझे तेरे नाम से उनका गाली देना पसन्द आता है। एक तू ही तो है जिसे मैं तनहाईयों में भी सुनता... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 157 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है, सच में तो मुझे बस तुझे पास बुलाना है। क्या पता मुझसे मिलने तू आए ना आए, मेरी बदनामियों का जो खुला... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 103 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या? सच को झूठ से आईना दिखाना, अच्छा है क्या? देश और अवाम वास्ते हो सियासत, तो अच्छी लगे, हाकिम का अवाम... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · गीत · नज़्म · मुक्तक 1 242 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा, पल में जो चुरा ले गया है चोर कैसा। खामखाँ के इल्ज़ाम लगते भले इसपे, खूब नाचे हंसकर जो ये है मोर... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 140 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें, कि वो उम्र भर मरता रहा किसी के साथ जीने के लिए। बोझिल क़दमों से चढ़ी होंगी मयकदे की सीढ़ियाँ... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · गीत · नज़्म · प्यार · शायरी 2 130 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए, क्यूँ ना अपनी आपबीती सबको बताई जाए। बार-बार मुस्करा के जिसने मेरा क़त्ल किया, क्यूँ ना उस हसीना पे एक FIR... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · गीत · नज़्म · प्यार 1 119 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर इश्क़ के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर, ना जीत की ललक जिसे ना हार की पीर। अंगारों पर चल सके जो हो कर नंगें पैर, मिटने को तैयार... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 321 Share