अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Tag: लेख 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Sep 2021 · 8 min read इन्टरनेट और वर्तमान सामाजिक परिवेश में इसकी सापेक्षता इन्टरनेट और वर्तमान सामाजिक परिवेश में इसकी सापेक्षता इन्टरनेट, बीसवीं सदी के अंत में हुए आविष्कार की परिणति के रूप में हम सबके सामने आया | इन्टरनेट जितनी जल्दी परवान... Hindi · लेख 3 4 352 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Aug 2021 · 4 min read लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा लॉकडाउन के दौरान पुस्तकों की व्यथा यहाँ हम आज लॉकडाउन के दौरान अलमारियों में बंद दो पुस्तकों के बीच के वार्तालाप को सकारात्मक दृष्टि से समझने की कोशिश करेंगे कि... Hindi · लेख 4 8 976 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Jul 2021 · 6 min read किस तरह से आप स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाएं ? ( 30 उपाय ) किस तरह से आप स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाएं ? ( 30 उपाय ) जीवन में सफलता और असफलता के दौर से प्रायः हर एक आदमी को गुजरना... Hindi · लेख 3 6 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 3 min read जीवन में “ चयन “ की भूमिका --- जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड ( लेख ) जीवन में “ चयन “ की भूमिका --- जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड ( लेख ) जीवन में चयन , मानव की स्वयं की सोच का परिणाम का... Hindi · लेख 2 4 560 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 6 min read आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता के पर्याय - लेख आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता के पर्याय - लेख प्रयास अर्थात कोशिश और सफलता अर्थात उद्देश्य को प्राप्त कर लेना या फिर कहें मंजिल तक पहुंचना ये दोनों ही एक... Hindi · लेख 1 2 408 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read ईमानदारी - एकसद्विचार ईमानदारी - एकसद्विचार ।. ईमानदारी से किया गया कोई भी कार्य ,दिल को सुकून देता है| 2. किसी भी कार्य को ईमानदारी से आरम्भ करना ,शुभ्र परिणाम की प्राप्ति का... Hindi · लेख 1 2 420 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 2 min read पुण्य कर्म - एक विचार पुण्य कर्म वे कर्म हैं जो सर्दिचतन की प्रक्रिया से होकर गुजरते हैं सदिचार के रूप में परिणित होकर सत्कर्म की ओर प्रस्थित करते हैं | ये कर्म मनुष्य के... Hindi · लेख 1 2 707 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 3 min read क्या सपनों की भी कोई सीमा हो ? या फिर सपने कुछ ऐसे हों ? - लेख क्या सपनों की भी कोई सीमा हो ? या फिर सपने कुछ ऐसे हों ? - लेख विषय बहुत ही गहन है | इस विषय पर सरलता से कोई निर्णय... Hindi · लेख 3 2 360 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 9 min read आख़िर किस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं हम ? - लेख आख़िर किस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं हम ? - लेख वर्तमान भारतीय सामाजिक परिवेश का बारीकी से अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि यहाँ लोग स्वयं को... Hindi · लेख 2 2 229 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 9 min read वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन- लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में सामाजिकता शब्द के एहसास के अभाव की चुभन - लेख वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में पिछले बहुत ही कम समय में भयावह परिवर्तन हुए हैं जिन्हें 40... Hindi · लेख 4 2 898 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 6 min read परिश्रम ( मेहनत ) का जीवन में महत्त्व परिश्रम ( मेहनत ) का जीवन में महत्त्व मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है आलस | किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए, अच्छे परिणाम की प्राप्ति के लिए... Hindi · लेख 3 2 470 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read अर्थपूर्ण व्यस्तता - एक विचार अर्थपूर्ण व्यस्तता सफलता का मूल मंत्र जीवन का प्रत्येक क्षण किसी न किसी कार्य की परिणति होता है | जीवन में लक्ष्य की प्रात्ति का सबसे सरल और सुगम मार्ग... Hindi · लेख 3 2 568 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read धर्मपरायण - एक विचार धर्मपरायण धर्म को मानना और धर्मपरायण होना दो अलग-अलग विचार हैं | धर्म के प्रति श्रद्धा, मोह एवं आस्था, धार्मिक संस्कारों का अक्षरशः पालन करना, मानवीय एवं नैतिक मूल्यों के... Hindi · लेख 3 2 363 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ आदर्श विचार १. आनंद वह जो जन कल्याण से प्राप्त होता है | इसे स्वयं के सुख या दुख से कोई सरोकार नहीं होता | मानवता की सेवा से अंतर्मन को पुष्पित... Hindi · लेख 3 2 259 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ आदर्श विचार १. निंदा करने वाले व्यक्ति का स्वयं का स्वयं के अभिनन्दन से कोई लेना देना नहीं होता | वह तो केवल दूसरों के अभिनंदन व सम्मान से स्वयं को बोझिल... Hindi · लेख 2 2 220 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ स्वस्थ विचार १. बंधनमुक्त जीवन व्यक्ति को सुन्दर से सुन्दरतम , मधुर से मधुरतम, पवित्र से पवित्रतम एवं महान से महानतम की ओर प्रस्थित करता है | इसकी छाया मात्र से हज़ारों... Hindi · लेख 3 5 457 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read कुछ स्वस्थ विचार कुछ स्वस्थ विचार १. लक्ष्य भृष्ट मनुष्य को मंजिल कभी भी नसीब नहीं होती | वह दिशाहीन व्यक्ति की तरह यहाँ से वहां भटकता रहता है | उसके द्वारा किये... Hindi · लेख 3 2 788 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 29 Jun 2021 · 1 min read शुभचिंतक - एक विचार शुभचिंतक शुभचिंतक का चुनाव अवसरवादिता नहीं होना चाहिए | मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत, संवेदनाओं से परिपूर्ण, नैतिक मूल्यों से ओतप्रोत सामाजिक प्राणी, समर्पण का भाव आदि विशेषतायें एक शुभचिंतक के... Hindi · लेख 3 2 879 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jun 2021 · 3 min read आस्तिकता - एक विचार आस्तिकता - एक विचार आस्तिक भाव का होना अर्थात परमात्मा में विश्वास होना | यह विश्वास परमात्मा के दोनों स्वरूपों में हो सकता है | चाहे वह निराकार के रूप... Hindi · लेख 4 4 400 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 6 min read कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) - ( इस व्यंग्य का किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है अगर ऐसा होता है तो उसे मात्र संयोग समझा... Hindi · लेख 2 2 525 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 16 min read शिक्षा और आध्यात्म शिक्षा और आध्यात्म भूमिका:- शिक्षा और आध्यात्म के बीच सामंजस्य और सहृदयता के उदाहरण हमें जितना प्राचीन शिक्षा प्रणाली में विद्यमान दिखाई देते थे वो आज की शिक्षा प्रणाली में... Hindi · लेख 2 2 453 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 3 min read वर्तमान सामाजिक परिदृश्य - हमने क्या खोया और पाया ? वर्तमान सामाजिक परिदृश्य - हमने क्या खोया और पाया ? आज के वर्तमान सामाजिक परिदृश्य की ओर एक नज़र डालें और हम ये सोचें कि हमसे कोई भूल हुई है... Hindi · लेख 2 2 393 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 5 min read परीक्षा शब्द सुनते ही बच्चों में परीक्षा के प्रति डर पैदा हो जाता है आखिर क्यों ? परीक्षा शब्द सुनते ही बच्चों में परीक्षा के प्रति डर पैदा हो जाता है आखिर क्यों ? “परीक्षा शब्द सुनकर बहुत से बच्चे मानसिक रूप से अपने आपको परेशान महसूस... Hindi · लेख 2 2 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 3 min read आस्तिकता - एक विचार आस्तिकता - एक विचार आस्तिक भाव का होना अर्थात परमात्मा में विश्वास होना | यह विश्वास परमात्मा के दोनों स्वरूपों में हो सकता है | चाहे वह निराकार के रूप... Hindi · लेख 2 2 304 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 4 min read एक अच्छे वक्ता के गुण एक अच्छे वक्ता के गुण एक अच्छा वक्ता होना एक कला है | इस कला में निपुण होने के लिए व्यक्ति का सामाजिक होना अतिआवश्यक है | मानवीय विचारों से... Hindi · लेख 3 4 3k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 2 min read परमात्म स्तुति परमात्म स्तुति हे दया के सागर | हे जगत के पालनकर्ता | हे परमेश्वर | आप ही इस जगत के रक्षक हैं | आप से ही यह जगत पोषित होता... Hindi · लेख 1 2 251 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Feb 2021 · 6 min read आत्म विश्वास कैसे बढ़ायें ? आत्म विश्वास कैसे बढ़ायें ? अनिल कुमार गुप्ता एम कॉम , एम ए ( अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी साहित्य ), एम.लिब.आई.एस.सी., डी .सी.ए .,एच.डब्लू .बी .(स्काउट्स) भूमिका:- जीवन में सफल होना... Hindi · लेख 2 8 691 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2021 · 9 min read सफलता के मूल मंत्र सफलता के मूल मंत्र भूमिका:- सफलता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का वह चरम है जिसे वह किसी भी कीमत पर प्राप्त करना चाहता है | सफलता अर्थात सपनों का साकार... Hindi · लेख 4 8 640 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 5 min read आध्यात्म - वर्तमान शिक्षा प्रणाली की मूलभूत आवश्यकता आध्यात्म - वर्तमान शिक्षा प्रणाली की मूलभूत आवश्यकता वर्तमान शिक्षा प्रणाली सामजिक दृष्टिकोण को पीछे छोड़ भौतिकतावादी विचारधारा को अपनाकर आज वर्तमान शिक्षा प्रणाली ऐसे दोराहे पर आकर खड़ी हो... Hindi · लेख 1 2 350 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 5 min read समय प्रबंधन : सफलता की प्रथम सीढ़ी समय प्रबंधन : सफलता की प्रथम सीढ़ी भूमिका :- समय प्रबंधन जीवन प्रबंधन का एक अहम् हिस्सा माना जाता है | “समय” जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है | समय... Hindi · लेख 2 2 684 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 3 min read बाबू की बाबूगिरी - व्यंग्य बाबू की बाबूगिरी बाबू शब्द सुनते ही हमारे जेहन में एक तस्वीर उभरती है | आँखों पर चढ़ा चश्मा इसमें से प्रश्नवाचक चिन्ह के साथ झांकती दो आंखें | इन... Hindi · लेख 3 4 472 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 13 min read आधुनिक शिक्षा का लक्ष्य आधुनिक शिक्षा का लक्ष्य शिक्षा क्या है ? :- शिक्षा का अर्थ है शिक्षित करना , ऊपर उठाना , पालन - पोषण करना , प्रशिक्षण देना, संवर्द्धन, नैतिक उत्थान ,... Hindi · लेख 2 2 1k Share