अमित निश्छल Tag: गीत 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read बादल-१६ (रिमझिम के गीत) बादल-१६ (रिमझिम के गीत) ✒️ इक बार बरस जा, ओ बादल! मैं रिमझिम के गीत सुनाऊँ; सूनेपन से झाँक रहे क्यों? मैं भी तुझे देख ललचाऊँ। कोरे सावन के आँगन... Hindi · गीत 3 4 462 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read पन्नों पर भी पहरे हैं पन्नों पर भी पहरे हैं ✒️ बैठ चुका हूँ लिखने को कुछ, शब्द दूर ही ठहरे हैं, ज़हन पड़ा है सूना-सूना, पन्नों पर भी पहरे हैं। प्रेम किया वर्णों से... Hindi · गीत 4 2 570 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read कभी परिमापित नहीं कभी परिमापित नहीं ✒️ आसमाँ को गर्व है, तारकों की माप पर; एक चंदा है मेरा, कभी परिमापित नहीं। क्या कहोगे बादलों के चक्रवाती दाँव से? ओ गगन तुम स्वयं... Hindi · गीत 1 346 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read जय विंध्याचल वाली जय विंध्याचल वाली ✒️ जिसके दर पर ध्यावें मुनि गण, जो वर देने वाली; शमित करो माँ जग की पीड़ा, जय दुर्गे, माँ काली। सृजित किया जब सृष्टि विधाता तुमको... Hindi · गीत 2 298 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 2 min read अगर पुरानी मम्मी होतीं... - १ अगर पुरानी मम्मी होतीं... - १ ✒️ बैठी सोच रही है मुनिया, मम्मी की फटकार को दुखी बहुत है कल संध्या से, क्या पाती दुत्कार वो? अगर पुरानी मम्मी होतीं...... Hindi · गीत 1 16 370 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read रमुआ के घर में रमुआ के घर में ✒️ पहुँच चुकी है अंर्तमन तक तथ्यों की इक टोली, आज चित्त में भावों का हड़ताल हुआ है। भूसी नहीं निलय में खाने के भी लाले,... Hindi · गीत 1k Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read मौलिकता की उपासना को मौलिकता की उपासना को ✒️ मौलिकता की उपासना को निर्बंध रखो रचनाकारों, कविताओं के उद्गम के भंडार खोलने वाला हूँ। नैनों की किलकारी से घायल हो जाने वाले व्योम सुधा... Hindi · गीत 329 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read आरोप लगा है आज चाँद पर आरोप लगा है आज चाँद पर ✒️ आरोप लगा है आज चाँद पर, लड़ी रात की उसे भा गयी। भटका फिरता निरा अकेला कर्तव्यों के मोढ़ों पर रात चढ़े निर्जन... Hindi · गीत 334 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read दान-धर्म की महिमा क्या तुम दान-धर्म की महिमा क्या तुम ✒️ दान-धर्म की महिमा क्या तुम, समझ गये हो दानवीर? अगर नहीं तो आ जाओ अब, संसद के गलियारों में। रणक्षेत्रों की बात पुरानी भीष्म,... Hindi · गीत 213 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read क्या छिपा रखा प्रिये क्या छिपा रखा प्रिये ✒️ हार जाता हूँ स्वयं ही, शस्त्र सारे डालकर; क्या छिपा रखा प्रिये, इस मधुमयी मुस्कान में? तीव्र बाणों की मधुर संवेदना से आह भरता, प्राण... Hindi · गीत 566 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read मिट्टी का पुतला लेकर मैं मिट्टी का पुतला लेकर मैं ✒️ चमकीली सी इन गलियों में, साक्ष्य जहाँ पर बिकते, माधव! मिट्टी का पुतला लेकर मैं, रो-रो गला फाड़ता आया। उत्प्रेरक वचनों से मोहित युवा... Hindi · गीत 303 Share अमित निश्छल 12 Nov 2018 · 1 min read आहत ठुमके आहत ठुमके ✒️ पनघट पर तेरे ठुमकों ने, मरघट से मुझे पुकारा है; कानों में छन से गूँज रही, यह अमर सुधा की प्याला है। बेसुध सा सोता रहा सदा,... Hindi · गीत 259 Share अमित निश्छल 10 Nov 2018 · 1 min read प्रेयसि पर मर मिट जाना है प्रेयसि पर मर मिट जाना है ✒️ मैं नालायक, लोफर भी हूँ तुम देख मुझे मुस्काती हो; पलकों को मीचे, वृहत नैन मुझ पर अपनत्व जनाती हो। जो नैन मिले... Hindi · गीत 2 2 260 Share अमित निश्छल 9 Nov 2018 · 1 min read क्या छिपा रखा प्रिये क्या छिपा रखा प्रिये ✒️ हार जाता हूँ स्वयं ही, शस्त्र सारे डालकर; क्या छिपा रखा प्रिये, इस मधुमयी मुस्कान में? तीव्र बाणों की मधुर संवेदना से आह भरता, प्राण... Hindi · गीत 246 Share अमित निश्छल 8 Nov 2018 · 1 min read मैंने रातों में चंदा को मैंने रातों में चंदा को ✒️ सरल हृदय के हर कोने को, नंदन वन महकाते देखा मैंने रातों में चंदा को, हँसकर नीर बहाते देखा। तारों के दीपित शिविरों में... Hindi · गीत 3 4 315 Share अमित निश्छल 6 Mar 2018 · 1 min read फागुन है ✒ सरसों फहरें मुरझाय खड़े, किलकारि पड़ें तब फागुन है, पग खेवट के जब झूमि पड़ें, बिनु पान किये सखि फागुन है; जब डूबि पड़े सधवा विरले, गुल के रग... Hindi · गीत 2 5 573 Share