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21 Nov 2018 12:26 PM

सादर नमन अमित जी आपने मेरी कविता को इतनी गहराई से पड़ा इसके लिए आपका धन्यवाद मैं आपकी कविता पर आई हूं पर आप जी सादर नमन अमित जी आपने मेरी कविता को इतनी गहराई से पढ़ा इसके लिए आपका धन्यवाद मैं आपकी कविता पर आई हूं पर आप र्ने शायद इस प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया क्योंकि कहीं भी मुझे वोट का ऑप्शन नहीं दिख रहा है पर आशा करती हूं आप भविष्य में और भी मेरी कविताएं पढ़ेगें और मैं और भी अच्छा लिख सकूं

साभार नमन मैम। जी मैं प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया हूँ। धन्यवाद

21 Nov 2018 11:22 PM

Ji..

मार्मक शब्दचित्र-सी ख़ूबसूरत रचना। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये 30 नवम्बर से पहले “माँ ” पर एक और रचना प्रकाशित कीजिये। शुभकामनाएँ।

साभार नमन सर

सुंदर भाव।किंतु वोट करने का ऑप्शन नहीं दिख रहा है?

क्षमा करें सर, प्रतियोगिता के लिए नहीं लिखा हूँ। यह कविता इस प्रतियोगिता से पहले की लिखी हुई है।
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आपने रचाओं का गौरव बढ़ाया इसके लिए सहृदय धन्यवाद???

वाह, क्या मार्मिक चित्रण किया आपने, स्वागत योग्य।। आप इस रचना को प्रतियोगिता हेतु क्यो नही प्रस्तुत करते।।

इंटरनेट पर कई जगह उपलब्ध है सर। सिर्फ़ मंचों और प्रतियोगिताओं से दूर रहता हूँ। इसका कारण शायद वैयक्तिक स्वभाव भी हो सकता है।
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आप को पढ़कर खुशी हुई, कि सेवारत एक योद्धा, कलम का भी सिपाही है। नमन है आपकी महत्ता को ???

आभार मान्यवर, कभी किस्मत हुई तो आपको सुनना भी चाहूंगा।।

बहुत सुंदर रचना, 1st वोट मेरा स्वीकार करें और मेरी रचना पढ़कर आपको सही लगे तो अपना वोट मुझे दें।

आपकी रचना बहुत ही मार्मिक है जी।

आपकी सहृदयता मैम।
सादर???

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