आनन्द कुमार Language: Hindi 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आनन्द कुमार 17 Apr 2022 · 1 min read पिता - जीवन का आधार हाँ पिता ही हैं, जीवन का आधार घर की खुशियाँ पिता से ही हैं, मुझे याद है अभी भी - मेरी उँगली पकड़कर, बाजार को ले जाते जब मैं थक... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 14 925 Share आनन्द कुमार 3 Jul 2021 · 4 min read नयी मेंहमान बात जून 2013 की है, जब मैं एग्जाम खत्म होने के बाद गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने के लिए घर पर आया हुआ था । लगभग एक वर्ष होने को था,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 9 1k Share आनन्द कुमार 10 Apr 2020 · 1 min read कुछ लफ्ज तेरी यादों के कुछ लफ्ज तेरी यादों के आज पिरोता हूं आज भी तेरी यादों का स्यन्दन चलाता हूं समा जाती थी मुझमें आकर मेरे आगोश में स्पन्दन तेरे हृदय का आज भी... Hindi · कविता 1 2 334 Share आनन्द कुमार 6 Apr 2020 · 1 min read बचपन की यादें मैं आज भी कभी कभी गुमसुम सा हो जाता हूं , इस दौड़ भरी जिंदगी में कहीं खो जाता हूं | लौट आता हूं अपने बचपन में , नम आंखों... Hindi · कविता 1 2 507 Share आनन्द कुमार 6 Apr 2020 · 1 min read घरवास के दिन दिन भले ही न हों खास अच्छे दिन आयेंगे है विश्वास संक्रमण कोरोना का न फैले इसलिए हम - सभी कर रहे घरवास । हम भी कर रहे निर्देशों का... Hindi · कविता 1 1 643 Share आनन्द कुमार 5 Apr 2020 · 1 min read आओ मिलकर दीप जलायें आओ मिलकर दीप जलायें _____________________ जब तिमिर संसृति में अमा सा विस्तीर्ण क्रन्दन निरुपाय सा जल रहा विश्व अनल सा , संसृति हित नवीन उत्थान करायें आओ मिलकर दीप जलायें... Hindi · कविता 1 2 344 Share आनन्द कुमार 16 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक : कह दो उनसे कि... कह दो उनसे कि, हमारी गलियों से न गुजरा करें वो , हर शख्स की शख्सियत से न वाकिफ हुआ करें वो ।। कहीं बदनाम न हो जाएँ , मेरे... Hindi · मुक्तक 1 568 Share आनन्द कुमार 21 Mar 2019 · 3 min read होली - महत्व एवं वैज्ञानिकता सर्वप्रथम साहित्य पीडिया परिवार के रचनाकारों, हमारे परिवार जनों, गुरुजनों, इष्ट मित्रों, एवं हमारे समस्त विद्यार्थियों को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ अब बात करते हैं होली की ----... Hindi · लेख 1 364 Share आनन्द कुमार 1 Nov 2018 · 1 min read "" माँ "" 'माँ माँ सभी कहें सम्मान सभी देते नहीं' , यदि करें सम्मान सभी वृद्धाश्रम कभी बने नहीं ।। 1 माँ के मातृत्व को पहचानो सभी दुआओं की टोकरी हैं ये... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 62 1k Share आनन्द कुमार 16 Jun 2018 · 1 min read "जश्न - ए - ईद" ईद मुबारक ' ईद मुबारक 'जश्न - ए - सौगात' मुबारक बनने लगी सेवइयाँ मीठी - मीठी हामिद ने सप्रेम से भेंटी । मिलकर गले हम - सब घर को... Hindi · कविता 1 405 Share आनन्द कुमार 4 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक : "ज़ुनून-ए-इश्क़" ये तड़प भी बड़ी अजीब होती है , पर क्या करूँ ? दिल को अजीज होती है , छुप-छुप के मोहब्बत करने की जरूरत नहीं , हम तो ' वर्णान्ध... Hindi · मुक्तक 1 476 Share आनन्द कुमार 2 Mar 2018 · 1 min read होली - हाइकु जीवन संग रहें होली के रंग प्रेम प्रसंग।। 1 प्रेम मिलन खिल उठे नयन हर्षित मन।। 2 मन्द पवन उड़ रहीं हैं लटें सम्भालती वो ।। 3 सुन्दर काया धनुषाकार... Hindi · हाइकु 2 585 Share आनन्द कुमार 1 Mar 2018 · 1 min read वसंत - हाइकु पीली सरसों से उड़ी है तितली रंग रंगीली ।।1 बाट जोहती नीली पीली कंटेली आयी तितली।। 2 बेर रसीले तोड़े खाये बच्चों ने देखी तितली।। 3 उड़ी भंभीरी बच्चों ने... Hindi · हाइकु 2 578 Share आनन्द कुमार 13 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक : "दिल-ए-नादां" इश्क़ का दीदार हर किसी को नसीब नहीं होता "शबाब-ए-हुस्न" का ख्वाब हर किसी का पूरा नहीं होता । "दिल-ए-नादां" तू समझता क्यों नहीं बिखर चुकी है, मिरी हयात तू... Hindi · मुक्तक 1 464 Share आनन्द कुमार 12 Feb 2018 · 1 min read सच कहता हूँ... सच कहता हूँ मैं मेरी बात पर गौर करो बुरी संगत में पड़कर न अपने आप को बर्बाद करो। भूल चुके हो अपने आप को कि कौन हूँ मैं अरे... Hindi · कविता 1 505 Share आनन्द कुमार 28 Jan 2018 · 1 min read बन्धन उन बन्धनों को तोड़ना मुश्किल नहीं होता जो झूठे होते हैं, चाहें वो प्रेम के हों , या हृदय के जज़्बात के । ये तो मोम के बन्धन होते हैं... Hindi · कविता 1 620 Share आनन्द कुमार 15 Aug 2017 · 1 min read उन्हें प्रणाम हे ! स्वतंत्र देश के वासी , निश्छल निष्पाप हृदय राशी जो दे गये तुम्हें अमृत दान , कर जोड़ करो उन्हें प्रणाम । जो मिट गये इस भू पर... Hindi · कविता 1 650 Share आनन्द कुमार 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक:"नूर-ए-दीदार" पिय को अपने प्रेम की चाहत है, मेरे यार को मेरे इन्तजार की चाहत है । साअत (घड़ी) आ चुकी है, प्रेम मिलन की, मुझे मेरे "नूर-ए-दीदार" की चाहत है...।।... Hindi · मुक्तक 1 607 Share आनन्द कुमार 13 Mar 2017 · 1 min read रंग गुलाल मोहे पिया लगावैं रंग गुलाल मोहे पिया लगावैं लपकि-झपकि मोहे अंग लगावैं मैं उन पर जाऊँ वारी भरि पिचकारी मोहे मारी तन भी भीगौ मन भी भीगौ अँखियन-अँखियन महिं मोहि लखावैं रंग गुलाल... Hindi · कविता 1 807 Share आनन्द कुमार 10 Mar 2017 · 1 min read "ज़िन्दगी-एक : कर्म-पथ" चल पड़ी जिस तरफ जिन्दगी मन्थर-मन्थर धूमिल पथ पर कुछ फिसलती कुछ सम्भलती मुट्ठी से जैसे रेत निकलती । सूर्य धुँधला सा, छिपा जा रहा बादलों में सिमटती जा रही... Hindi · कविता 1 741 Share आनन्द कुमार 8 Mar 2017 · 1 min read " नारी : तुम जीवन की आधार शिला " नारी तुम जीवन की आधार शिला तुम ही जग जननी हो.... तुम ही लक्ष्मी, तुम ही दुर्गा तुम ही सती सावित्री हो तुम ही कोमल हृदय वाली तुम ही ममता... Hindi · कविता 1 1 1k Share आनन्द कुमार 20 Feb 2017 · 1 min read " गुलाब " फूलों के दर्द को किसी ने नहीं समझा है, लोगों ने उन्हें सिर्फ मुस्कुराते हुए देखा है, ये फूल गम में भी मुस्कुराने की फिजा रखते हैं, हमनें तो इन्हें... Hindi · कविता 1 649 Share आनन्द कुमार 17 Feb 2017 · 1 min read कह दूँ अगर... कह दूँ अगर इक-बात तो नाराज तो न होगे... जाम लेकर हाथों से तो न छलकाओगे, अपने अधरों से जिसे तुमने लगाया है, उस प्याले की हकीकत तो न भूलोगे,... Hindi · कविता 1 330 Share आनन्द कुमार 24 Jan 2017 · 4 min read चल पड़ी जिस तरफ जिन्दगी वह पूरब की अंधेरी गलियों से होता हुआ, हमारे पश्चिमी मोहल्ले की गली मे उसने प्रवेश किया, जो बिजली की रोशनी से जगमगा रही थी । अचानक रोशनी युक्त गली... Hindi · कहानी 2 601 Share आनन्द कुमार 23 Jan 2017 · 1 min read "तेइस जनवरी:आज वह स्वर्णिम तारीख" तेइस जनवरी आज वह स्वर्णिम तारीख जिसमें नेताजी ने जन्म लिया, सन् अट्ठारह सौ सत्तानवे ई0 मे उड़ीसा राज्य को सुशोभित किया, ....आज वह स्वर्णिम तारीख जिसमें नेताजी ने जन्म... Hindi · कविता 1 450 Share आनन्द कुमार 20 Jan 2017 · 1 min read "अरूणाभा-एक बेटी के प्रति पिता का हृदय" वह सुन्दर सी, कोमल हाथों में जब मेरे आयी, पुलकित हुआ हृदय मेरा जब देखा चेहरे पर लालिमा छायी । प्यारा सा सुस्मित चेहरा लग रहा हो जैसे चन्द्रानन उत्ताल... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 886 Share आनन्द कुमार 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी को आगे बढ़ने दो बेटी को आगे बढ़ने दो पढ़ने दो इसे पढ़ने दो, बेटों को जो सुख साधन दिये बेटी इससे वंचित क्यों ? बेटी को आगे बढ़ने दो । अपनी सोंच को... Hindi · कविता 1 1 1k Share