Abhishek Shrivastava "Shivaji" Tag: ग़ज़ल/गीतिका 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek Shrivastava "Shivaji" 25 May 2023 · 1 min read आदमी फिर इसे भी बिसर जाएगा... दर्द सहकर भी' जब ये निड़र जाएगा आदमी फिर इसे भी बिसर जाएगा फूल की राह कांटे रहें भी मगर साथ हर पल यहां हम- सफ़र जाएगा यह नया इश्क़... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · शेर 1 218 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 16 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल।कवि और कविता । २१२ २१२ २१२ २१२। चोट खाकर कभी मुस्कुराना पड़ा दर्द को भूल कर गीत गाना पड़ा ध्यान से तो सभी ने सुना है यहां बहरे' को भी यूँ' कविता... Poetry Writing Challenge · Hindi · Hindi Kavita · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 1 253 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 1 Jan 2023 · 1 min read ग़ज़ल। आदमी बिसर जाएगा दर्द सहकर भी' जब ये निड़र जाएगा आदमी फिर इसे भी बिसर जाएगा फूल की राह कांटे रहें भी मगर साथ हर पल यहां हम- सफ़र जाएगा यह नया इश्क़... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 199 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 30 Oct 2022 · 1 min read दीवाली पर छंद १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ | सजल | विधाता छंद पुरातन धर्म का भी मर्म बतलाती है दीवाली हमें है प्रेम से रहना ये सिखलाती है दीवाली कहीं हमने गरीबों को... Hindi · Diwali · Hindi Poem · Poets Of Bihar · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 15 Mar 2022 · 1 min read “मुहावरों पर कविता भाग-३" वह डेढ़ पसली का लड़का अपने मोहल्ले में गजब का उधम मचाता था, उसके साथी एक ही थैली के चट्टे बट्टे थे उनके संग वह भी मिल जाता था। वह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 374 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 16 Sep 2021 · 1 min read मुहावरों पर कविता जब हम उनकी दाल नहीं गलने देते हैं, उस समय उनके दांत खट्टा हो जाते है। जब किसी के दर जाकर, मुंह काला करवा आते हैं, उनके अपनों की छाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 965 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 27 Jul 2021 · 1 min read मेरे अल्फ़ाज़ पढ़ता कौन है गढ़ते हैं बड़ी मुद्दतों से अल्फ़ाज़, मगर पढ़ता कौन है, पढ़ी उसनेे एक नज़्म,उसकी तरह मुझे पढ़ता कौन है। उन्होंने पढ़ी हमारी अल्फ़ाज़ को और दीवानी हो गई, अब हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 265 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 21 Jul 2021 · 1 min read वजह तुम हो करता हूं गुस्ताखी मैं कभी-कभी उसकी वजह तुम हो रहता हूं तन्हाई में कभी कभी मैं उसकी वजह तुम हो कुछ बातें हमारी भी सुनो जरा कुछ बात तुम कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 321 Share