Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 19 Feb 2024 · 1 min read हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की यूं ख़ामोश रहना इसकी फितरत नहीं --- काव्यश Quote Writer 54 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 31 Oct 2023 · 1 min read तेरी कमी...... कुछ इस तरह से किसी की कमी को देखा है जैसे आसमानी चांद ने जमीं को देखा है घटाएं बरसती ही नहीं अब यहां कभी जबसे इन आंखों की नमी... Quote Writer 135 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 14 Sep 2023 · 1 min read खामोशी सुनता हूं कभी खुले उजालों में हवाओं का शोर सुनता था अब बंद कमरे के अंधेरों में सांसों की खामोशी सुनता हूं! Quote Writer 120 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 14 Sep 2023 · 1 min read आदित्य(सूरज)! सुबह? आदित्य की मुस्कान! दोपहर? आदित्य की हंसी! शाम? आदित्य की खामोशी! रात? आदित्य की तन्हाई! --- काव्यश Quote Writer 137 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 13 Sep 2023 · 1 min read मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है अब ख्वाबों का ख्यालों से घमासान नहीं हो सकता खबर सही है कि हम अब साथ नहीं पर मेरी तरफ से कभी ये... Quote Writer 1 136 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 10 Sep 2023 · 1 min read सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें सबका भला कहां करती हैं ये बारिशें कइयों के छतों को यू ही रुला देती हैं खाली हाथ लौटने तक बोझल कंधों के थपकियां भूखी उम्मीदों को सुला देती हैं... Quote Writer 2 1 173 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 30 Aug 2023 · 1 min read इतवार का दिन बादलों से झांकती सूरज की मुस्कान मध्यम शीतल वायु खगों का गुंजित जयगान सोई कलियों की खुलती आंखें नरम नरम दूब पर ओस की पसरी बाहें हरी-हरी पत्तियों की चौका... Poem 104 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 29 Jan 2023 · 1 min read मदारीवाला सिंदूरी ढलता हुआ मार्तंड थका हरा सोने जा रहा चिड़ियों की चहचही से गूंज उठा कलनाद उधर खेतों से खेतिहर भी आ रहा एक अजब सी पसरी शांति कुछ ही... Hindi · कविता 3 1 140 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 29 Dec 2022 · 1 min read हो गया कोई फलसफा हो गया कोई फलसफा या कोई हादसा कल जो तुम ख्वाबों में न आए तबसे आंखें सोई ही नहीं अब तक हैं खफा-खफाl Hindi · Memoir 2 1 116 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 14 Dec 2022 · 1 min read भूख एक शब्द संवेदना की अतिशयोक्ति या भावों का परम शिखर जिसकी अभिव्यक्ति, शून्य जो झंझोड़ता है अंतर्मन को। फफकते रक्त की पिपासा कुंठित कंठ की अभिलाषा संकुचित भौहों की तड़प... Hindi · Poem 2 144 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 9 Oct 2022 · 1 min read लिखूं?? भूखे की भूख लिखूं या रोटी की कहानी लिखूं बारिश का बचपन लिखूं या गर्मी की जवानी लिखूं फूलों की खुशबू लिखूं या भौरों की शैतानी लिखूं वरक पे रख... Hindi · कविता 2 132 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 12 Sep 2022 · 1 min read तेरी याद आती है तेरी याद साथ में कुछ हसीन झलकियां कुछ बारिश से लम्हें कुछ तन्हाई की अठखेलियां वो नूर-ए चेहरे की सादगी मुस्कुराती आंखों की अदायगी ज़ालिम जुल्फों का तुम्हें... Hindi · कविता 1 136 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 26 Mar 2022 · 1 min read गत वर्ष से नववर्ष तक सालों का सिलसिला चला उठकर यादों का काफिला चला चूपचाप सूरज ढला गुमशुम शाम हुई सर्द रात सोई सपनों का बादल पिघला तुम बदले,हम बदले हवा,धूप,माटी,नीर सबमें नयापन है... Hindi · कविता 2 176 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 15 Dec 2021 · 1 min read दिल और आंख आंखों की बातें दिल समझता है आंखों से तीर सीधे दिल को लगता है आंख भरी हो न तो दिल रोता है आंखें जागती है जब दिल बेचैन होता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 190 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 13 Dec 2021 · 1 min read अश्रु ये जल की चंद बूंदें नहीं हैं जो निर्बाध प्रवाहमान हैं ये तो स्पष्ट परिणाम हैं हृदय के कंटक व्यथा का मन के करूण कथा का अधरों के अधीरपन का... Hindi · कविता 1 232 Share Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash) 12 Dec 2021 · 1 min read पन्नें पन्ने पलट रहे हैं हल्की हवा से यूं कहें तो, पन्ने खुल रहे हैं चरागों के रोशनी से ये पन्ने, नूर दे रहे उस अंधेरी आंख को बड़ी ढीठ हैं... Hindi · कविता 1 321 Share