Aarti sirsat Tag: कविता 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Aarti sirsat 23 May 2023 · 1 min read " खामोश आंसू " शब्द की जुबान अब आँखों की कोर कोर कहें...। हर मौसम हर पल दर्द हजार क्यों वो सहें...।। रोशनी हो या हो अंधेरा दिन दिन रात रात बहें...। सुख सुख... Poetry Writing Challenge · कविता 1 240 Share Aarti sirsat 23 May 2023 · 1 min read " सुन सको तो सुनों " सुन सको तो सुनों दिल ये मेरा क्या कहता है....! बनकर धड़कन देखों तुझमें ही तो रहता है....! फुरसत से कभी इन हवाओं के झोकों से पूछ लेना, बस एक... Poetry Writing Challenge · कविता 327 Share Aarti sirsat 22 May 2023 · 1 min read " खामोशी " हर जुबां कुछ कहती है, खामोशी से हर दर्द सहती है...! कुछ दर्द का नाम खामोशी है तो कुछ खामोशी दर्द के नाम है..!! रात के अंधेरों मे निकलते है,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 234 Share Aarti sirsat 22 May 2023 · 1 min read " तुम्हारे इंतज़ार में हूँ " बेपनाह थी..... बेइतहां थी..... बेमिसाल थी..... मौहब्बत हमारी तुम पर बेपनाह थी...! अब बेपरवाह हूँ..... बेसबर हूँ..... बेबस हूँ..... बेख्याली हूँ..... बैकस हूँ..... बेकरार हूँ..... तुम्हारे इंतज़ार में हूँ...!! पागल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 386 Share Aarti sirsat 22 May 2023 · 1 min read " एक बार फिर से तूं आजा " फिर से बाते वो पुरानी करने तू आजा...। एक बार साथ तू मेरा देने आजा...।। चाहती हूँ आज भी मैं तुझें उतना...। जितना कि तूने मुझे पहले भी नहीं चाहा...।।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 206 Share Aarti sirsat 19 May 2023 · 1 min read " जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा " तुम्हें नफ़रत से भी प्रेम हो जाएगा......! जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा......!! छोड़ दोगें जिद्द हमें पाने की.......!!! जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा......!!!! ना रहेगा जीवन में तुम्हारे......! किसी भी... Poetry Writing Challenge · कविता 3 3 212 Share Aarti sirsat 19 May 2023 · 1 min read " अब मिलने की कोई आस न रही " छोड़ गयें तुम जब से मोहे, तब से अधूरी सी लगती हूँ, कभी सोती कभी जागती हूँ कभी खोई खोई सी लगती हूँ... तेरे ख्यालों मे डूबी रहती हूँ, तुमनें... Poetry Writing Challenge · कविता 1 325 Share Aarti sirsat 19 May 2023 · 1 min read " फ़साने हमारे " अगर हम बेचैन है, तो तुम्हें भी चैन कहा... अगर अधूरे हम है, तो पूरे हुए हो तुम भी कहा... तुम लाख दर्द दे दो, लेकिन तुम्हें दर्द देना इतनी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 502 Share Aarti sirsat 19 May 2023 · 1 min read " आज भी है " मेरी आँखों में तुम्हारी तस्वीर आज भी है.... घायल पड़ी मेरे पास मेरी तकदीर आज भी है.... मेरे दिल की गलियों से थें तुम जब गुजरे, उन निशानों के उगते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 496 Share Aarti sirsat 19 May 2023 · 1 min read " यही सब होगा " आसमां भी टुटेगा.... जमीं भी पिघल जायेंगी.... एक दिन ऐसी भी कयामत होगी....जब दिन भी सोयेगा.... और रातें भी जागेगी.... देखना तुम एक दिन ऐसी ही कयामत आयेगी.... पतझड़ में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 415 Share Aarti sirsat 18 May 2023 · 1 min read " मुझमें फिर से बहार न आयेगी " सावन वो आने से....! जमाना वो लाने से....!! या फिर तुम्हारे आ जाने से....!!! मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!!!! मुझमें फिर से बहार न आयेगी....! मुस्कान वो पहले वाली... Poetry Writing Challenge · कविता 1 209 Share Aarti sirsat 18 May 2023 · 1 min read " तुम से नज़र मिलीं " तुम से नज़र मिली.... बाग में कलियां खिलीं...... रंग बदलने लगा आकाश सुनहरा...... श्रंगार करने लगी वसुंधरा...... चमकने लगें पीपल के पत्ते...... सजे है मँजिल से खूबसूरत रस्ते...... तुम से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 284 Share Aarti sirsat 18 May 2023 · 1 min read " तुम्हारी जुदाई में " तुम्हारी जुदाई में आंखों से आंसू ही नहीं बहे।। एक वक्त बाद। ! आंसुओ के साथ बहे तुम्हारी यादें.... तुम्हारी बातें.... वो मुलाकातें.... वो जगाती रातें.... और बह गई वो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 485 Share Aarti sirsat 18 May 2023 · 1 min read " भुला दिया उस तस्वीर को " भुला दिया उस तस्वीर को, जो तकदीर में नहीं थी....! बसाया है अब उसें यादों में, ख्वाबों में, ख्यालों में....!! महफिल जमी हुई थी हमारे चारों ओर मगर नूर की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 282 Share Aarti sirsat 18 May 2023 · 1 min read " मेरी तरह " तब मैं मान लूंगी आसमान को.... तब मैं जान लूंगी वसुंधरा को.... आसमां से जाकर कहो कि कभी मेरी तरह भी रो कर दिखायें.... जिस तरह पी लेती हूँ मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 292 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read ".... कौन है " गुम है सभी अपनी- अपनी परेशानियों में, यहां एक दूसरे का हालचाल अब पूछता कौन है....! क्या फर्क पड़ता है आँसू गम के है या खुशी के है, यहां आँसुओं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 281 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " मैं तन्हा हूँ " मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो..... लिख देती हूँ खुशियां सारी अपनी तुम्हारे नाम....जाकर अपना घर भर लो.... मैं तन्हा हूँ तुम मुझे तन्हा ही रहने दो........ Poetry Writing Challenge · कविता 1 294 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " मुझे सहने दो " बरसों से जो खमोशी के घेरे में चुपाएँ कुछ शब्द है, उन्हें आज कहनें दो...! अगर बहतें है जो अश्कों के धाराओं को तो बहनें दो..!! चाँद तारों की ख्वाहिश... Poetry Writing Challenge · कविता 1 218 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " पहला खत " सितमगर मौहब्बत में तेरी, मिले है जो अनमोल तोहफे...! दर्द हजार या झूठी मुस्कान, तूँ ही बता खत में क्या क्या लिखूं...!! अल्फाजों में सजाकर, जज्बातों में समाकर...! तूँ ही... Poetry Writing Challenge · कविता 1 393 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा " मैं काँटा हूँ उस डालीं का, तूँ है किसी गुलाब सा....! मैं रास्ता हूँ कोई वीरान, तूँ है किसी सुहानी मंजिल सा....!! मैं टूटा तारा हूँ उस आसमां का, तूँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 470 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " जुदाई " हाथों में से हाथ छूट गया और हमें खबर भी ना हुई...! तुमसे हमारा दिल टूट गया और तुम्हें आवाज भी ना आई...!! बिन मौसम बरसात हो रही है पता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 377 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " तुम खुशियाँ खरीद लेना " इश्क़ की सौदेबाज़ी तुम इस कदर कर देना...! बेचकर हमारे आँसुओं को अपने लिए तुम खुशियाँ खरीद लेना...!! .गर हो कभी हमारी कमी का एहसास तुम उस एहसास को भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 257 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ " मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ...। दर्द देने वाले पर ही फिर से मरने चली हूँ...।। कातिल को ही अपना हमसफर बनाने चली हूँ...।। मैं फिर उन दर्दो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 178 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read " मंजिल का पता ना दो " मुझे डूबने दो तुम इस तन्हाई के सागर में नाव का सहारा ना दो, ना ही कोई किनारा दो...। गैर हो चुकी है राहें सारी, मुझे तुम अब किसी भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 376 Share Aarti sirsat 17 May 2023 · 1 min read स्याही की मुझे जरूरत नही लिखती हूँ मैं तुम्हें आँसुओं से, स्याही की मुझे जरूरत नही...। सोचती हूँ मैं तुम्हें तुम्हारे सोचने से पहले मुझे और कुछ सोचने की जरुरत नही...।। करती हूँ इंतज़ार मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 228 Share Aarti sirsat 14 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें शीर्षक:- बरसात की बूंदें हमसे पूँछ रही है बरसात की बूंदें पता तुम्हारा..... रहते हो मुझमें तुम और पता बता दिया दिल है हमारा..... सावन की पहली बरसात जो तुम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 484 Share Aarti sirsat 29 May 2021 · 1 min read "भीगी- भीगी बरसातों में" शीर्षक:- भीगी भीगी बरसातों में..... लो फिर आ गयीं याद उनकी भीगी भीगी बरसातों में..... सावन आ गया मगर वो नहीं आयें भीगी भीगी बरसातों में..... आँखें देख रही है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 422 Share Aarti sirsat 3 Apr 2021 · 1 min read "माँ तुझे, मैं क्या लिखूं" "माँ तुझे, मैं क्या लिखूं" मेरा हौसला लिखूं.... या मेरा जुनून लिखूं.... तूँ ही बता माँ तुझे मेरी उम्मीद लिखूं.... या मेरी आशा लिखूं.... अपनी गोद में सुला कर अपने... Hindi · कविता 1 4 552 Share Aarti sirsat 2 Apr 2021 · 1 min read "अजीब दुनिया" ."अजीब दुनिया" बडें अजीब लोग है इस जमाने के, तोड़कर घोसलें, पिंजरे बनाते है पक्षियों के लिए....! गँवा चूंकि है एक लाल को, न जाने किस मिट्टी की बनी है...... Hindi · कविता 1 326 Share Aarti sirsat 30 Mar 2021 · 1 min read "आखिर क्यों" .आखिर क्यों तोड़कर उस डाली से फूल क्यों वो लोग अपने घर ले जातें है...! होकर जुदा अपनी परछाई से भला किस तरह वो माँ बाप रह पातें है...!! सोचकर... Hindi · कविता 1 4 444 Share Aarti sirsat 28 Mar 2021 · 1 min read "रंग एक ऐसा" .रंग एक ऐसा रंग एक उम्मीद का जो पंख लगाकर पक्षियों संग उड गया...|1| रंग एक विश्वास का जो रिश्तों को अटूट बंधन में बांध गया...|2| रंग एक सविधान का... Hindi · कविता 1 4 351 Share Aarti sirsat 27 Mar 2021 · 2 min read "आज इंसान क्या से क्या बन गया" ."आज इंसान क्या से क्या बन गया" क्रोध, मोह, माया, लोभ मे आकर, इंसान प्रेम, शांति, विश्वास, आशा जैसे शब्दों से वंचित रह गया... इसका जहर उसके कानों में उसका... Hindi · कविता 1 2 398 Share Aarti sirsat 26 Mar 2021 · 1 min read "तीखें शब्द" "तीखें शब्द" पहचान तो बड़ा चढ़ा कर ही दिखाओंगें ना अमीरों से, तीखें शब्द तो बचाकर रखें है तुमनें गरीबों के लिए...! सावन भी अपनी पहली झलक दिखाता है मयूर... Hindi · कविता 1 2 834 Share Aarti sirsat 24 Mar 2021 · 1 min read "नयी हुई है" बहुत बार कर के देख ली है कोशिश, हर बार हमेशा कि तरह हार ही हुई है...! दफ़न हो गई है तमन्नाएं सारी मन के भीतर ही, ओर कितनी मन्नतें... Hindi · कविता 1 572 Share