Versha Varshney Tag: कविता 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Versha Varshney 29 Nov 2020 · 1 min read प्यार एक छोटा सा टुकड़ा प्यार का भर जाता अक्सर जीने का उत्साह दिल में महक से हो जाता गुलजार ये संसार भी निश्छल प्यार में कौन कहता है कि प्यार... Hindi · कविता 5 4 489 Share Versha Varshney 19 Feb 2020 · 1 min read मैं और मेरी तन्हाई मैं व्यर्थ यूँ ही दौड़ती रही अनजानों की भीड़ में समझकर बेगानों को अपना आँख खुली जब उलझ गयीं अंतर्मन की पीड़ा सस्वर बंधनों से निस्तारण में । वाचन और... Hindi · कविता 1 1 388 Share Versha Varshney 21 Oct 2019 · 1 min read जिंदगी या सपना मुझे कहीं ले चलो दूर इन हवाओं से सहमी घटाओं से नदी का किनारा हो पहाड़ों का बसेरा हो । न हो किसी के खोने का डर न हो किसी... Hindi · कविता 1 658 Share Versha Varshney 9 Jul 2019 · 1 min read सुनो न काश कभी तो ऐसा होता तुम समझ जाते बिन कहे मेरे दिल का हाल । न कह पायी जुबां वो दर्द जो तुम कभी सोच भी न पाए वो बारिश... Hindi · कविता 6 663 Share Versha Varshney 20 Feb 2019 · 1 min read बलिदान बलिदान तुम्हारा व्यर्थ न जाने देंगे , हम भारत के वाशिन्दे । भेड़ियों की खाल से निकाल ही लेंगे , देश मे छिपे दरिंदे । गर्व करती है आज एक... Hindi · कविता 400 Share Versha Varshney 12 Nov 2018 · 1 min read माँ कैसे लिखूँ मैं कविता तुझ पर , माँ तू खुद में एक उपन्यास है । 1.निर्झर नदिया सी बहती रहती , मुख से न कभी कुछ अपनी कहती । आँखों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 22 1k Share Versha Varshney 16 Oct 2018 · 1 min read जिंदगी का सार प्यार का अर्थ बहुत व्यापक होता है ।जीवन का सार सिमटा हुआ है इस ढाई शब्द में । किसी के लिए प्यार सिर्फ काम है , तो किसी के लिए... Hindi · कविता 453 Share Versha Varshney 1 Jul 2018 · 1 min read दर्द की इंतहा (यहां न बात धर्म की है ,न किसी विशेष जाति की । यहां तो बात है सिर्फ मासूम बच्चियों की इज्जत की । क्यों लाते हो बीच में मजहब और... Hindi · कविता 1 1 763 Share Versha Varshney 13 Apr 2018 · 1 min read आसिफा या राजनीति औरत एक माँ भी है ,एक जननी भी । पत्नी भी है , एक बहन भी । राजनीति जिसका न कोई लिंग है ,न धर्म ही । जिसका न रूप... Hindi · कविता 460 Share Versha Varshney 29 Mar 2018 · 2 min read ऑनलाइन देखकर उनको ऑनलाइन एक ज्वार उठता है दिल में , कभी थकते नही थे जो बात करते हुए , आज रुलाती हैं सिर्फ खामोशियाँ उनकी । वो अदाएं जिन पर... Hindi · कविता 1 1 526 Share Versha Varshney 28 Mar 2018 · 1 min read इन्तजार कहाँ हो तुम आओ न मैं रो रही हूँ मुझे चुप कराओ न क्यों बसे हो मेरी धड़कन में आकर राज बताओ न मैं हो गयी हूँ खुद से ही... Hindi · कविता 1 368 Share Versha Varshney 25 Jul 2017 · 1 min read 13,अहसास जर्रा जर्रा वक़्त का जैसे रो रहा था , आंसुओं से कोई चेहरा भिगो रहा था । मासूम थी मोह्हबत कहीं सिर झुकाए , हर घड़ी कोई दिल में यादों... Hindi · कविता 383 Share Versha Varshney 7 Apr 2017 · 1 min read दुनिया और हम हैरान हो जाती हूँ दुनिया को देखकर , समझ में कुछ नहीं आता । भरते हैं जो हर पल दावा वफ़ा का , भुलाने में क्यों एक पल भी नहीं... Hindi · कविता 635 Share Versha Varshney 4 Mar 2017 · 1 min read यादें हंसती हुई आँखों ने देखे थे कभीं सपने प्यार के । महकी सी अदाओं ने सजाये थे कुछ लम्हे याद के । तरन्नुम में गाये थे कभी गीत प्यार के।... Hindi · कविता 1 601 Share Versha Varshney 24 Dec 2016 · 1 min read 8.इन्तजार बिन तेरे क्यों थमी सी लगती है जिंदगी , कहाँ है तू बता ................ऐ हमनशी । बहार भी लगती आजकल खामोश है , जीने का न अब कोई मकसद बचा... Hindi · कविता 1 435 Share Versha Varshney 11 Dec 2016 · 1 min read 7.कविता(गीतिका ) हाँ तुमने सच कहा मैं खो गयी हूँ , झील की नीरवता में ,जो देखी थी कभी तुम्हारी आँखों में । तुम्हारी गुनगुनाहट में ,जो सुनी थी कभी उदासियों में... Hindi · कविता 1 603 Share Versha Varshney 29 Oct 2016 · 1 min read दिवाली और पटाखे दिये की रौशनी में अंधेरों को भागते देखा , अपनी खुशियों के लिए बचपन को रुलाते देखा। दीवाली की खुशियां होती हैं सभी के लिए, वही कुछ बच्चों को भूख... Hindi · कविता 1 706 Share Versha Varshney 30 Sep 2016 · 1 min read प्यार या पैसा गगन चुम्भी इमारतों के नीचे जो बने होते हैं छोटे छोटे आशियाने , एक पल में ढह जाते हैं बनकर रेत् की तरह | दिलों में खिले हुए प्यार भी... Hindi · कविता 2 2 787 Share Versha Varshney 9 Sep 2016 · 1 min read यादें जैसे कोई बुझता हुआ दीपक , तेज रोशनी से अँधेरे को रोशन कर जाए । यादों से आज भी कुछ गुलशन महके हुए लगते है । मस्ती कहाँ थी जाम... Hindi · कविता 490 Share Versha Varshney 7 Sep 2016 · 1 min read 3. पुकार सुनो क्यूँ करते हो तुम ऐसा जब भी कुछ कहना चाहती हूँ दिल से , समझते ही नहीं मुझे ,जानते हो न मुझे आदत है यूँ ही आँसू बहाने की... Hindi · कविता 1 1k Share Versha Varshney 27 Aug 2016 · 1 min read 2.मानवता क्या जमाना आ गया खो गयी है मानवता , देख रहे जलते किसी को बचाने की फ़िक्र नहीं , मशगूल हैं वीडियो बनाने में, जिंदगी का मोल नहीं । गरीबी... Hindi · कविता 4 584 Share Versha Varshney 25 Aug 2016 · 1 min read कृष्ण और जीवन जब जब समाज में क्षय हुआ प्रेम त्याग परोपकार का , रखकर अनौखा रूप दुनिया को राह दिखाने आये हो ! तुम ही कान्हा तुम ही राम मुरलीधर तुम ही... Hindi · कविता 3 727 Share