Vandaana Goyal Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vandaana Goyal 8 Mar 2017 · 2 min read महिला दिवस पर विशेष कविता ___ मनभावन कुछ भी नहीं, जो मिला वही संजोया मैंने आंँसू अंतर्मन प छिड़के पर आंचल नहीं भिगोया मैंने जब नदिया बही बनी मैं धारा बहती रही छोड अपना किनारा... Hindi · कविता 862 Share Vandaana Goyal 10 Jan 2017 · 2 min read उस घर की बेटी उस घर की बेटी उस घर में मां नहीं है पर---------- उस घर की बेटी मां से कम भी नहीं है भोर होते ही उठ जाती है नन्हे नन्हे हाथों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 3k Share Vandaana Goyal 9 Jan 2017 · 1 min read ख्वाबों को पलने दो published in buisness sandesh august edition ख्बाबों को पलने दो...... वंदना गोयल क्या बुरा किया था निगाहों ने जो देख लिया था उनको ख्बाबों में.... बस इतना गुनाह हो गया... Hindi · कविता 1 656 Share Vandaana Goyal 6 Jan 2017 · 1 min read कहां गया वो वक्त कहाॅ खो गया वो वक्त... जब खुषियों की कीमत माॅ के चेहरे से लग जाती थी आॅसू उसकी आॅख से टपकता था औ फफोले औलाद के दिल के फूट पडते... Hindi · कविता 554 Share Vandaana Goyal 4 Jan 2017 · 1 min read एक स्वप्न सलोना इक स्वपन सिलौना...... वो स्वपन सिलौना दिल का खिलौना मोम की गुडिया आग का दरिया कागज की कश्ती सुनसान सी बस्ती तेरा खोना,मेरा खोना वो स्वपन सिलौना...... अँधेरी रातें वो... Hindi · कविता 628 Share Vandaana Goyal 4 Jan 2017 · 1 min read स्मृतियां स्मृतियाॅ लेने लगी हैं आकार मूरतों का स्मृतियाॅ वो....जो बह चली थी खुलते ही गाॅठ ओढनी की। इक इक कर दाने यादों के आज के आॅगन में गिरने लगे कुछ... Hindi · कविता 2 265 Share Vandaana Goyal 3 Jan 2017 · 2 min read खत के जवाब में खत के जबाब में..... पूछा था मैंने हालचाल इस ख्याल से चेहरा हसीं दिख जायगा आज फिर ख्बाब में मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में तमाम फूल... Hindi · कविता 316 Share