Vindhya Prakash Mishra Language: Hindi 370 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 24 Apr 2024 · 1 min read नींद नींद आज नाराज हो गई, नही आ रही रातों मे, किसने समझाया है इसको किसकी आ गई बातों मे, @विन्ध्य Hindi · 6 कविता 13 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read भक्षक सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुख पर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 27 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनशीलता मानव की पहचान घाव मरहम से छिपाए जाते है, कभी नही सबको दिखलाए जाते है। खुले अगर तो संक्रमण तय है। और घाव बढने का भी तो भय है। मक्खी केवल घाव खोजकर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 2 25 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Apr 2024 · 1 min read मरहम घाव मरहम से छिपाए जाते है, कभी नही सबको दिखलाए जाते है। खुले अगर तो संक्रमण तय है। और घाव बढने का भी तो भय है। मक्खी केवल घाव खोजकर... Hindi · कविता 1 19 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Nov 2023 · 1 min read चूहे कुछ चूहे थे मस्त बडे दो पैरों पर रहे खड़े, कुतर कुतर कर खाते है झूम झूम कर गाते है, कुछ चूहे थे मस्त बडे खा जाते है दही बडे... Hindi 2 122 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Jan 2023 · 1 min read दीवारो के कान दीवारो के भी कान होते है। किसी के महल भी सूने किसी के झोपडी ही मकान होते है महल मे धनवान होते है तो झोपडी मे इंसान होते है मंदिर... Hindi · कविता 2 162 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष 2023 *नववर्ष 2023* नया वर्ष हो, नया हर्ष हो नई खुशी, नव उत्कर्ष हो नयी सुबह हो, नयी शाम हो नई मज़िलें, नए मुकाम हो नए लक्ष्य हों, नए कार्य हो... Hindi · नववर्ष 3 1 301 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Nov 2022 · 1 min read शशि शीतकर आसमान मे भरी चांदनी हंसता है आकाश रातभर दौड लगाता शशि शीत रात मे कर्म कर रहा जाग जागकर सजग सुनहरा आसमान है पर सन्नाटा है निशीथ मे। सुबह के... Hindi 2 138 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Nov 2022 · 1 min read बाल दिवस पर विशेष बचपन के दिन की यादें प्यारी सी तोतली बातें नही चाह थी न परवाह खुशी भरी थी दिन व रातें। आगे की परवाह न थी न पछतातें बीती बातें मस्त... Hindi · बाल कविता 3 793 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Oct 2022 · 1 min read दीपोत्सव घने अंधेरा को काटेगे अमा निशा मे प्रकाश बांटेगे दीपो ने यह ठाना है दीपावली मनाना है नही अंधेरा राज चलेगा तम का जोर अब नही चलेगा दीप पंक्ति जलाना... Hindi 2 164 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Oct 2022 · 1 min read बिटिया रानी खुशियों का कारण है मेरी बिटिया दुख का निवारण है बिटिया घर की किलकारी बिटिया हम सबकी प्यारी है बिटिया । माँ की दुलारी बिटिया सबसे ही न्यारी है बिटिया... Hindi 3 1 213 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Oct 2022 · 1 min read चाह चाह मे तेरी थोडा थोडा जीते है जैसे चाय को होठो पर लगाए धीरे धीरे पीते है। Hindi 2 112 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Oct 2022 · 1 min read दिवाली शुभ होवे दिवाली शुभ होवे घर मे हो लक्ष्मी का वास खुशियां हो सबके पास अंधेरे का हो जाए नाश दिवाली शुभ होवे। जगमग हो दीप प्रकाश मिल जाए कुछ खास महके... Hindi 2 1 168 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Oct 2022 · 1 min read करवा चौथ #करवा चौथ करवा चौथ का पर्व पुनीत महा गृहणी सज प्रिय निहारति है। पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं । दीर्घ जीवी बनें... Hindi 3 3 160 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2022 · 1 min read हिंदी की गौरवगाथा हिंदी है मेरी मातृ सदृश हिंदी की गौरव गाथा है । हिंदी में लिखना भाव सरस हिंदी ही हमारी भाषा है । हिंदी वैज्ञानिक लिपि वाली, नहि मूक स्वरों का... Hindi · कविता 2 398 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2022 · 4 min read हिंदी दिवस *🌳हिन्दी दिवस आज🌳* हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय किया कि हिन्दी ही भारत... Hindi · Essay 1 140 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Sep 2022 · 1 min read शिक्षक को समर्पित पंक्तियां नमन करू मैं गुरु को शिक्षक नाम महान। अपने पाल्य सा हमे देते है जो ध्यान। पथ प्रदर्शक हम कहे ये समाज की शान।। भाई सा व्यवहार हो मित्र सा... Hindi · Teachers Day 3 142 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Sep 2022 · 1 min read शिक्षक दिवस पर अभिनंदन पत्र *शिक्षक अभिनंदन पत्र* -------------------------------------- आप हमारे शिक्षक है गुरुजन हमसबको प्यारे है अपने ज्ञान उजाले से हम सबको आभामय कर डाले है। जाने कितने भविष्य को आप सदा सवारे है।... Hindi · कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2022 · 1 min read बुझी राख मेरा नाम दिनभर लेता है फिर भी मुझे भुलाना चाहता है। बुझी राख है जिसमें प्यार की आग जलाना चाहता है। दर्द सहता छिपाता है, मुस्कुराता है चुपके से अब... Hindi · कविता 2 188 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Jun 2022 · 1 min read एक चाँद अकेला एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है... Hindi · मुक्तक 2 225 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Jun 2022 · 1 min read नाम लेकर भुला रहा है मेरा नाम दिनभर लेता है फिर भी मुझे भुलाना चाहता है। बुझी राख है जिसमें प्यार की आग जलाना चाहता है। दर्द सहता छिपाता है, मुस्कुराता है चुपके से अब... Hindi · मुक्तक 1 467 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Apr 2022 · 1 min read पिता हैं धरती का भगवान। पिता है धरती पर भगवान, उंगली पकड़कर चलना सिखाया सही गलत में भेद बताया। गढता है सच्चा इंसान पिता है धरती पर भगवान। कठिनाई में साथ रहा है, सर पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 6 813 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Nov 2021 · 1 min read करुणा निधान करुणा निधान हे दयावान, सुखसागर हे बनवारी करूँ विनती आज तिहारी। दुख हरो नाथ सिर धरो हाथ आये हम शरण तुम्हारी करूँ विनती आज तिहारी।। है नाव भंवर करो पार... Hindi · गीत 2 1 610 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Nov 2021 · 1 min read आदत की नही दवाई है शीशे में सच्चाई है, आदत की नही दवाई है। घोर निराशा छाई है, असफलता दुखदाई है। हरदम ठोकर खाई है, पैरों पर फटी बवाई है। कोई नहीं सहाई है, भगवान्... Hindi · मुक्तक 1 351 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Nov 2021 · 1 min read शीशे में सच्चाई है। शीशे में सच्चाई दिख जाए तो दर्पन का क्या करें। जिसपर न भरोसा हो तो उसके भजन का क्या करें। अपना मन पराया हो जाए तो तन का क्या करें।... Hindi · मुक्तक 2 328 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Nov 2021 · 1 min read बेचारा नही सहारा नहीं, पर मैं हारा नहीं। भटकता रहा कोई किनारा नहीं। फौलाद का हूँ मै पारा नहीं । किस्मत का मारा पर बेचारा नहीं। विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 252 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Nov 2021 · 1 min read संग छोडेगा उबलने दो उसे ,अभी वो रंग छोडेगा। कहने दो उसे हमदर्द इक दिन संग छोडेगा। ✍विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र Hindi · शेर 1 194 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष *बार बार आता रहे , खुशियो का नववर्ष। जीवनभर आनंद हो, सबको होवे हर्ष*। *नववर्ष की हार्दिक* *शुभकामनाएँ 2021* *विन्ध्य प्रकाश मिश्र* Hindi · कविता 1 3 288 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Dec 2020 · 1 min read राह को ले पहचान रे साथी। राह को ले पहचान रे प्यारे राह नहीं आसान जगमग है जग सारा तेरा घर क्यों अँधियारा उठ उग जा जैसे दिनमान रे प्यारे राह नहीं आसान । मन मे... Hindi · कविता 2 2 399 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Dec 2020 · 1 min read है कोरोना बहुत न हम डर खाएंगे है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे । जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे । कांपते लोग है घर मे दुबके हुए। भूख के मारे है ये बेचारे है पानी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 20 515 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Dec 2020 · 1 min read कुल्हड वाली चाय अपने पर इतराती है कुल्हड वाली चाय। अपना रंग दिखाती है कुल्हड वाली चाय। कुछ झूमी लहराती है कुल्हड वाली चाय। प्रिय है मन को भाती है कुल्हड वाली चाय।... Hindi · कविता 1 2 471 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Oct 2020 · 1 min read बचपन के घरौदे बचपन के घरौदे ही अच्छे । बटवारे का नही बिवाद एक साथ सब मिलकर रहते विभाजन की नही दिवार। खुशिया है हर एक भाग मे नही उठा है कोई बवाल।... Hindi · कविता 1 331 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Oct 2020 · 1 min read इंसानो की कीमत न होती महंगी महंगी हाला है । सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुखपर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला है... Hindi · कविता 263 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2020 · 1 min read एक दीपक जल रहा है । एक दीपक जल रहा है । पतंगा विकल रहा है । एक दीपक स्वयं जलकर दूसरो को राह दिखाता पर पतंगा मूर्ख उसको रोकने को पर फैलाता। देखकर प्रगति पर... Hindi · कविता 1 1 222 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2020 · 1 min read दिवाली शुभ होवे घर मे हो लक्ष्मी का वास खुशियां हो सबके पास अंधेरे का हो जाए नाश दिवाली शुभ होवे। जगमग हो दीप प्रकाश मिल जाए कुछ खास महके कोने तक वास... Hindi · कविता 1 227 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Oct 2020 · 1 min read भक्षक ही रखवाला है सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुखपर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला है... Hindi · कविता 2 1 459 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Oct 2020 · 1 min read शब्द मेरे तब भी कहते होंगे शब्द मेरे तब भी कहते होंगे। नश्वर काया छोड़ भी देगी साथ राह में चलते चलते। थक जाएगे पांव हमारे कठिन राह में बढते बढते। सब कुछ साथ नहीं देगा... Hindi · कविता 1 578 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Oct 2020 · 1 min read फर्क है फर्क है लूट और कमाई में, दारू और दवाई में । नगाडे और शहनाई में । दुश्मन और भाई में । मिलन और जुदाई में जून और जुलाई में ।... Hindi · कविता 1 1 296 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Sep 2020 · 1 min read बिटिया #बिटिया बिटिया आंगन की फुलवारी बिटिया से पिता वैभवशाली। बिटिया आंगन की शोभा हैं बिटिया से घर में खुशहाली । बिटिया तुलसी सा पावन है बिटिया से आंगन मनभावन है... Hindi · कविता 1 270 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी दिवस 14 सितम्बर 14 सितम्बर #हिन्दी दिवस पर विशेष ---------------------------------------------------------- हिंदी है मेरी मातृ सदृश हिंदी की गौरव गाथा है । हिंदी में लिखना भाव प्रकट हिंदी ही हमारी भाषा है । हिंदी... Hindi · कविता 2 506 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read बेटी के जन्म दिवस पर मात् पिता की दुलारी बेटी आंगन की फुलवारी बेटी बाबू,नाना नानी की प्यारी बेटी। घर भर की खुशियाली बेटी। प्रथम जन्मदिन शुभ मंगल हो जीवन बने नियारी बेटी। आप सभी... Hindi · कविता 1 2 488 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read कृष्ण जन्माष्टमी नटखट नंद दुलारे मोहन, सांवरे से अति प्यारे मोहन। सुंदर सुघर नियारे मोहन। बादल से कुछ कारे मोहन सूरज से उजियारे मोहन। चंदा सा शीतल तारे मोहन। गोकुल के अति... Hindi · कविता 1 259 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read दूर अब न रहो दूर अब न रहो पास आया करो, फूल बनकर कभी मुस्कुराया करो जो हवाएं महकती चली आ रही संदेशा उसी से पठाया करो। दूर अब न रहो पास आया करो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 519 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2020 · 2 min read सुविचारो का बोझ व्यंग्य- सुविचारों का बोझ यह कहने या सुनने में अजीब लगता है कि सुविचार बोझ कैसे हो सकता है पर जिस चीज की उपयोगिता न हो और उसे ढोना पड़े... Hindi · लेख 4 307 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Aug 2020 · 1 min read मुखबिरी मेरी नहीं मुझको खबर वो बेखबर रहने लगे । है नहीं मेरा ठिकाना वो मुखबिरी करने लगे । बोलने का न शलीका न शऊर लिखने का है । आज तो... Hindi · मुक्तक 1 435 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Aug 2020 · 1 min read जैसा हूँ मुझे रहने दे दर्द स्वयं ही सहने दे जैसा हूँ मुझे रहने दे। मत रोको विचार धार को अविरल धारा बहने दे। क्या कह रहा सुनो न रोको आज बहुत कुछ कहने दे।... Hindi · कविता 2 1 557 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Aug 2020 · 1 min read सेल्फी वीर का दिवास्वप्न हम भी सेल्फी पर इतराते आडी तिरछी तस्वीर बनाते कुछ हीरो जैसा ही दिखाते। अपनी कुछ धाक जमाते। सुंदर हूँ यह भी बतलाते। कुछ मित्रों को टैग लगाते। अपने को... Hindi · कविता 2 2 527 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन का त्योहार बहनों से हो आंगन गुलजार भाई बहन का बढ़े प्यार रक्षाबंधन का त्योहार बहना मांग रही उपहार । देती आशीर्वाद सौ-बार रक्षा बंधन का त्योहार ।। भैया रक्षा मेरी करना... Hindi · कविता 3 3 275 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन पर्व प्रेम की थाल सजा बहना, अक्षय अक्षत का टीका करती हैं रोली कुंमकुंम शुभ मंगल धागे में प्रेम पिरोया करती हैं । दीप सदा दुख दूर करे आशीर्वाद दिया करती... Hindi · कविता 3 3 476 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन तोल नहीं कोई मोल नहीं है भाई बहन का प्यार है। दुआ करे बहना भाई को खुशियों का उपहार है। सदा उदित हो उन्नत मस्तक टीका लगाया भाल है। रोली... Hindi · कविता 2 3 399 Share Page 1 Next