Vindhya Prakash Mishra Tag: मुक्तक 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 2 Jun 2022 · 1 min read एक चाँद अकेला एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है... Hindi · मुक्तक 2 225 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Jun 2022 · 1 min read नाम लेकर भुला रहा है मेरा नाम दिनभर लेता है फिर भी मुझे भुलाना चाहता है। बुझी राख है जिसमें प्यार की आग जलाना चाहता है। दर्द सहता छिपाता है, मुस्कुराता है चुपके से अब... Hindi · मुक्तक 1 467 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Apr 2022 · 1 min read पिता हैं धरती का भगवान। पिता है धरती पर भगवान, उंगली पकड़कर चलना सिखाया सही गलत में भेद बताया। गढता है सच्चा इंसान पिता है धरती पर भगवान। कठिनाई में साथ रहा है, सर पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 6 813 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Nov 2021 · 1 min read आदत की नही दवाई है शीशे में सच्चाई है, आदत की नही दवाई है। घोर निराशा छाई है, असफलता दुखदाई है। हरदम ठोकर खाई है, पैरों पर फटी बवाई है। कोई नहीं सहाई है, भगवान्... Hindi · मुक्तक 1 351 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Nov 2021 · 1 min read शीशे में सच्चाई है। शीशे में सच्चाई दिख जाए तो दर्पन का क्या करें। जिसपर न भरोसा हो तो उसके भजन का क्या करें। अपना मन पराया हो जाए तो तन का क्या करें।... Hindi · मुक्तक 2 328 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Aug 2020 · 1 min read मुखबिरी मेरी नहीं मुझको खबर वो बेखबर रहने लगे । है नहीं मेरा ठिकाना वो मुखबिरी करने लगे । बोलने का न शलीका न शऊर लिखने का है । आज तो... Hindi · मुक्तक 1 435 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Apr 2020 · 1 min read भूल जाओगे तुम भी मुझको इक न इक दिन भूल जाओगे, अपने पीछे छोड ऊँची धूल जाओगे । कह रहे हो कसम देकर पर भरोसा क्या । छोड़ कर हृदय में मेरे... Hindi · मुक्तक 1 266 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Aug 2019 · 1 min read बात दिल जो बोलता है, वही बात लिखते हैं । चल रहा है जो आजकल वही हालात लिखते हैं । कवि लेखक वक्ता प्रवक्ता क्यों कहते हो मुझे । मन में... Hindi · मुक्तक 2 508 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read मुह जबानी मेरी साँस में मेरी एहसास में तुम हो । मेरी आस में मेरी पास में तुम हो । कहने जताने वाले कोई और होते हैं । महसूस करो दिल के... Hindi · मुक्तक 2 202 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Jun 2018 · 1 min read डायरी से मुलाकात एक दिन मेरी मुलाकात डायरी से हो गई । मेरी मुलाकात शायरी से हो गई । लब्ज शलीका नहीं है शायर सी फिर भी बात कहने की रीति हो गई... Hindi · मुक्तक 1 414 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Nov 2017 · 1 min read कर्मक्षेत्र विचार मेरा कर्म क्षेत्र है शिक्षा है आधार लेखन मेरी शक्ति और अभिव्यक्ति मेरा व्यवहार रचना करना बात की शैली साहित्य मेरा आचार कर्मकरे निज स्वार्थ त्यागकर मिलता सबका प्यार Hindi · मुक्तक 1 390 Share