Vindhya Prakash Mishra Tag: ग़ज़ल/गीतिका 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 6 Nov 2021 · 1 min read बेचारा नही सहारा नहीं, पर मैं हारा नहीं। भटकता रहा कोई किनारा नहीं। फौलाद का हूँ मै पारा नहीं । किस्मत का मारा पर बेचारा नहीं। विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 286 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read दूर अब न रहो दूर अब न रहो पास आया करो, फूल बनकर कभी मुस्कुराया करो जो हवाएं महकती चली आ रही संदेशा उसी से पठाया करो। दूर अब न रहो पास आया करो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 550 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jun 2020 · 1 min read झूठ का यूँ न नुमाया कर झूठ का यूँ न नुमाया कर, सच को भी दिखलाया कर। दर्द सहे सौ बार हथौड़ा, फिर न अश्रु बहाया कर। खुद का खुद हौसला बने पर यह हल सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 564 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Jun 2020 · 1 min read मैं तेरे प्यार में गुनगुनाता हूँ रातभर जागकर बिताता हूँ, मैं तेरे प्यार में गुनगुनाता हू। कविता बनकर आ रही हो तुम। मैं प्रेम से गले लगाता हूँ । रातभर जागकर बिताता हूँ । मैं तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 466 Share Vindhya Prakash Mishra 24 May 2020 · 1 min read झूठे ही मुस्काता हूँ झूठे ही मुस्काता हूँ ऐसे गम भुलाता है। चटकारे से सूखी रोटी प्याज नमक संग खाता हूँ । झूठे ही मुस्काता हूँ । यह भी एक जीत ही है गिरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 334 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2019 · 1 min read जल गजल कदम दर कदम हम बढा करते हैं । अपनी ऊँचाइयों तक यूँ ही चढ़ा करते हैं । लिखते कम है आजकल खुद की बातें । आपके सारे जज्बात पढा करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2018 · 1 min read माखन सा कष्ट चुरा लो मोहन -श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ - ____________________________________ मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 491 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Aug 2018 · 1 min read पंक्षी तेरे सबल पंख पंक्षी तेरे सबल पंख क्यों उडना भूल गया। लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है । सीधा चलता बिना बात के मुडना भूल गया । क्यों उडना भूल गया । सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Apr 2018 · 1 min read रिसते रिश्ते जग की है बाते सुनाता सुनो तुम । अनुभव की बाते मिले जो चुनो तुम । कही सच कही झूठ बिकता है लेकिन। दिल की है बाते कभी तो सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 307 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Jul 2017 · 1 min read कभी लेखनी कहती है । कभी कभी कागज कहता है , कभी लेखनी खुद कहती है आज तुम्हें कुछ लिखना हैं । नही आ रहा तो सिखना है । कभी कभी मेरा मन कहता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 501 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Jul 2017 · 1 min read जिसके जान से ही मेरी पहिचान है जिसके जान से ही मेरी पहिचान है, तुम नही तो दिन मेरा सूनसान है। नजरे है कटीली दिलपर आ लगी, आंखे तो उसकी पूरी धनुष का बान है। आने लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share