Suryakant Dwivedi Language: Hindi 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suryakant Dwivedi 17 May 2024 · 1 min read कभी-कभी ऐसा लगता है गीत कभी-कभी ऐसा लगता है कभी-कभी वैसा लगता है संशय, भय, दुविधा के मारे बोलें क्या, कैसा लगता है।। दरवाजे पर भोर सुहासी चौखट चौखट ज्यों हों दासी पंछी का... Hindi · कविता · गीत 12 Share Suryakant Dwivedi 13 May 2024 · 3 min read मां के शब्द चित्र मां आओ मां का चित्र बनाते हैं एहसासों में रंग भरते हैं याद करो, वह दिन जब तुम कोख में थे कितनी पीड़ा में थी मां जैसे काट लिया हो... Hindi · कविता 14 Share Suryakant Dwivedi 12 May 2024 · 1 min read मां को नहीं देखा माँ बहुत सी कविताएँ लिखी बहुत सी कहानियां पढ़ी माँ को नहीं पढ़ा फूल देखे, सितारे देखे गागर देखे, सागर देखे मां को नहीं देखा होम किये, अनुष्ठान किये पूजा... Hindi · कविता 14 Share Suryakant Dwivedi 5 May 2024 · 1 min read एक हमारे मन के भीतर गीत एक हमारे मन के भीतर मन रहता है बोलो बोलो कुछ भी बोलो सच कहता है कितना पानी, कितना सागर सब जाने है डूबे हम तुम कहां कहां पर... Hindi · गीत 1 21 Share Suryakant Dwivedi 3 May 2024 · 1 min read कहने की कोई बात नहीं है कहने की कोई बात नहीं है सहने की कोई रात नहीं है बोल रहा यहां, चांद से सूरज कर लो कितना, सौगात नहीं है।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer 26 Share Suryakant Dwivedi 14 Apr 2024 · 1 min read तकते थे हम चांद सितारे तकते थे हम चांद सितारे सोते थे जब छत पर सप्त ऋषि का मंडल देखें तारों में ध्रुव अंबर इक डोर से बंधे थे रिश्ते खटिया पर सब बिस्तर पास... Hindi · कविता · गीत 26 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read दोेहे अपनी-अपनी साधना,अपना-अपना धाम। सारे तीरथ हैं यहां, घर है जिसका नाम।। 2 सीता सम हों बेटियां, बेटा राजा राम। गुणकारी हो साधना, तब है मंगल धाम।। 3 एकाकी जीवन हुआ,... Hindi · दोहा 46 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read जीवन है आँखों की पूंजी जीवन है आँखों की पूंजी बस, जीवन है आँखों की पूँजी दृश्य, अदृश्य, परिदृश्य समूची बार-बार कहना है क्या लुप्त हुए लोक से क्या बार बार दर्शन करना है बार... Hindi · कविता 28 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read आधुनिक दोहे 1. बच्चों को हम क्या कहें, हम सब भी नादान फुर्सत किसको है कहां, जो देखे संतान ।। 2. इच्छा रही न वंश की, शादी भी अब "खोज"। मानो सूरज... Hindi · दोहा 49 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। तारों की बारात में, कौन किसी के साथ। बोला अंबर, देख ले, दाग लगी तस्वीर तन्हा तन्हा रात है, तके चाँद तकदीर।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · मुक्तक 43 Share Suryakant Dwivedi 12 Mar 2024 · 1 min read वो खुश है वो खुश हैं वाह वाह मिली पूछो ज़रा उनसे कहाँ से निकली। पूरी उम्र वो इसी मुगालते में रहे आई जो हक़ीक़त आह आह निकली।। न जाने वो क्या क्या... Hindi · कविता 33 Share Suryakant Dwivedi 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब शहर उफ ! मैं तो थक गई कहां-कहां सम्मान.. बिस्तर पर स्मृति चिह्न सपनों में महिला दिवस। इसका मैसेज, उसकी कॉल कहाँ जाऊं, सबकी कॉल... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 91 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read प्रार्थना के स्वर गीत प्रार्थना के स्वर अकिंचन , आत्मा से आ मिले। दर्द का दुख भूल कर हम, शब्द सुधि जैसे खिले। मौन अंतस छू गया जब हृदय व्याकुल हो गया, आस्था... Hindi · गीत 60 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read मान तुम प्रतिमान तुम गीत मान तुम, प्रतिमान तुम, मेरे जीवन की दशा कहते घुँघरू पाँव के, भूल जाओ अवदशा नसीब में जो था नहीं, है मिला मुझको यहाँ करीब वो जो थे नहीं,... Hindi · गीत 36 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read *कैसे हार मान लूं *कैसे हार मान लूं* मैं जीवन की अभिलाषा हूँ कैसे मैं मझधार मान लूँ मैं राही हूँ पगडंडी का पथ से कैसे हार मान लूँ झंझावातों की बस्ती में बदले... Hindi · गीत 29 Share Suryakant Dwivedi 5 Mar 2024 · 1 min read जाने कहां गई वो बातें तीन मनः स्थिति पर एक प्रयास। *गीत* जाने कहाँ गई वो बातें,कहाँ गई वो रातें ढूंढ रहा है मन का जुगनू, हर आँगन चौबारे कसौटी पर हम भी तुम भी,... Hindi · गीत 68 Share Suryakant Dwivedi 3 Mar 2024 · 1 min read दस्तक भूली राह दरवाजा कहने को घर है मकान है/ द्वार है दस्तक है... मैं हूं/तुम हो/सब हैं मिलने-जुलने वाले हैं लेकिन हुआ क्या...? दस्तक मौन है।। बाहर स्वागतम् लिखा है मुद्दत हुई कोई... Hindi · कविता 1 2 61 Share Suryakant Dwivedi 29 Feb 2024 · 1 min read दीप शिखा सी जले जिंदगी गीत दीप शिखा सी जले जिंदगी, जल जल कर जल जाने को। आत्म रूप आकाश बांचती, हृदय कलश चमकाने को।। श्वास श्वास में धधक रही है, एहसासों की आस लिए।... Hindi · गीत 50 Share Suryakant Dwivedi 28 Feb 2024 · 1 min read एक घर था* एक घर था..! अब मकान है दीवारें दरक रही हैं नींव हिल रही है कहने को सभी हैं रहता कोई नहीं है चींटी भी नहीं चढती दीमक दीवार भूल गई।... Hindi · कविता 28 Share Suryakant Dwivedi 27 Feb 2024 · 1 min read तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर तर्जनी तर्जनी आज आक्षेप कर रही विभा पर विभा...! क्यों कि हो गई है कजली अरे कजली पर तो मैंने सदा आक्षेप लगता देखा है परंतु विभा की यह कैसी... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 39 Share Suryakant Dwivedi 27 Feb 2024 · 1 min read युद्ध और शांति युद्ध और शांति धधकती ज्वालाओं के बीच कभी न कभी गंगाजल निकलेगा और तुम कहोगे युग परिवर्तन हो गया।। तब यही इतिहास तुमसे करेगा सवाल युग बदला....? कब बदला...?? किसने... Hindi · कविता 53 Share Suryakant Dwivedi 26 Feb 2024 · 1 min read याचना गीत जब से सीखी इन हाथों ने, करनी याचना सच मानो, तभी से कायर हो गईं भावना। दरवाज़े दस्तक को भूले, अतिथि मौन खड़े हम न जावें कोई न आवे... Hindi · गीत 69 Share Suryakant Dwivedi 26 Feb 2024 · 1 min read #दोहे #दोहे 1 बदला-बदला दौर है ,बदला बदला रूप। मुद्दत से उतरी नहीं, आंगन में अब धूप।। 2 आई विपदा पूछने, कैसा मेरा हाल। बोली सुइयां घड़ी से, अद्भुत तेरी चाल।।... Hindi · दोहा 40 Share Suryakant Dwivedi 25 Feb 2024 · 1 min read #कहमुकरी #कहमुकरी कैसी बदली, कैसी बदली देखूं जब भी, बोले पगली रंग रूप का, यह है अर्पण क्या सखि साजन, ना सखि दर्पण रोज रात को, मुझे सतावे आ जा आ... Hindi · Quote Writer · कविता 73 Share Suryakant Dwivedi 24 Feb 2024 · 1 min read क्या होगा लिखने गीत क्या होगा लिखने से भैया, क्या होगा छपने से मौन पड़े जब शब्द यहां तो, क्या होगा कहने से रखते थे किताब में हम, मोरपंख भी यादों में रहे... Hindi · गीत 1 68 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read जीवन है बस आँखों की पूँजी जीवन है बस आँखों की पूँजी बार बार कहना क्या लुप्त हुए भले लोक से बार बार दिखना क्या जीवन है राग का मेला चलो चलो सुर सजनी श्रृंगारी पूनम... Hindi · कविता 1 57 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read कोरोना और पानी कोरोना और पानी पानी का बुलबुला चमका और मर गया बच्चे ताली बजा रहे थे मर गया...मर गया जाने कितने बुलबुलों की, यूँ ही मौत हो गई पानी सोचता रहा,... Hindi · कविता 1 66 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read इंसान को इंसान ही रहने दो इंसान को इंसान ही रहने दो उसको देवता न बनाओ बनाया देवता तो वह दूर चला जायेगा इंसान रहा तो कभी न कभी पास आ जायेगा वैसे भी तुमने उसे... Hindi · कविता 1 51 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read पंख कटे पांखी पंख कटे पांखी लेकर हमने स्वप्न सजाये हैं इस शून्य आकाश में हमने भी घर बनाये हैं।। पंछी होते तो उड़ लेते या कर लेते हम आखेट हर डाल पर... Hindi · कविता 1 45 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read बदरी..! बदरी..! तुम वही तो हो जो कल भी आई थीं मिटा दिया था तुमने खुद को प्रेम में.. उफ़न पड़ी थीं नदियाँ बह गये थे टापू/ शहर एक कपास से... Hindi · कविता 1 33 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अतुकांत कविता अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले... Hindi · कविता 1 50 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. तन-मन बदले आँसू सूख गये। भाव से ही नीर का रिश्ता होता है.. हो जाये कुछ भी क्या होता है।। बदल रही दुनिया मानक... Hindi · कविता 1 35 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read जीवन और महाभारत जीवन और महाभारत जन्म....शैशव...यौवन शिक्षा...जीवन...यापन विवाह...संस्कार...बच्चे बच्चे...कैरियर...बच्चे.. यही चक्र तो सबका है इसी चक्र पर चलना है थोड़ा लिखा, थोड़ा घूमे थोड़ा मिले, कुछ रूठे कुछ गले लगे, कुछ बिछुड़े... Hindi · कविता 1 36 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read बुढापे की लाठी उंगली पकड़कर चलना बुढ़ापे की लाठी है संस्कारों के हाथों में ही समय की बैसाखी है।। कोलाहल के कंठ में ऋचाएं संचित हैं यह यज्ञ की वेदियां मंडित-खंडित हैं।। अक्षय... Hindi · कविता 1 42 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read मन की इच्छा मन पहचाने गीत मन की इच्छा मन ही जाने ओ रे पगले कब पहचाने मन है तेरा, मन है व्याकुल संकुल संकुल ये है आकुल जीवन का जब मोल नहीं है जीवन... Hindi · गीत 50 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read एक दोहा दो रूप एक दोहा दो रूप मेघों में छिपते नहीं, करते निशिदिन काज। सूरज से हम तेज हैं, चंदा के सरताज।। 2 हम चंदा सी चाँदनी, सूरज सम हैं आग। मेघों में... Hindi · दोहा 72 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read तन से अपने वसन घटाकर गीत तन से अपने वसन घटाकर जयती जयती बोल रहे हैं गिरने को आतुर है गंगा पग धरती के डोल रहे हैं। ह्रास सभी पनघट पर देखा गागर ऊंची तन... Hindi · गीत 81 Share Suryakant Dwivedi 18 Feb 2024 · 1 min read आतंक, आत्मा और बलिदान ऐ वतन !! मेरे वतन कुछ लिखना चाहता हूं कुछ कहना चाहता हूं अपनी आत्मा का सवाल अपने वतन का जलाल माना, तुम मेरी मौत पर बहुत रोए, फूल चढाए... Hindi · कविता 61 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read जीता जग सारा मैंने जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 103 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्या कर लेगा कोई तुम्हारा.... गीत क्या कर लेगा कोई तुम्हारा, अड़े रहो आकाशी बूँदों का, अस्तित्व नहीं होता रात रात भर, जाग जाग कर नयन क्यों खोवै पल दो पल की नींद तुम्हारी सपन... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 2 83 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read पिता का गीत गीत मत पूछो किस तरह जिया हूं । कदम-कदम पर गरल पिया हूं इस दीपक के दस दीवाने सबकी चाहत ओ’ उलाहने जर्जर काया, पास न माया कैसे कह दे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 82 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read सावन बीत गया सखी बीत गया मधुमास न जागा कोई अहसास कि सावन रीत गया... कि सावन बीत गया परछाई जो साथ चली अंगड़ाई जो साथ ढली अब बस मीठी यादें हैं तेरी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 68 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read रिटायमेंट (शब्द चित्र) रिटायमेंट (शब्द चित्र) ******** मन रमता नहीं तन टिकता नहीं दूर है मंजिल जग मिलता नहीं सामने उस वृक्ष को देखो कल तक हरा भरा था तने मजबूत थे सबको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read युगांतर युगांतर ******* सदियों के आँगन में कुछ हमने भी रोपा होगा सूरज को क़ैद किया होगा या चंदा से बैर किया होगा। नीलांचल से जब बिजली कौंधी होगी बादल फ़टे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 86 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read प्यारा-प्यारा है यह पंछी प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं तुम से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 86 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read खंडकाव्य यह जीवन है खंड काव्य खण्ड खण्ड अपने भाष्य क्या खोया है, पाया क्या अधर अधर पर कटु हास्य।। किरदारों के कथ्य रचे हैं अवतारों के सत्य पढ़े हैं किंतु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे कहें घनघोर तम है गीत कैसे कहें घनघोर तम है सुनें व्यंजना मन है पल है कौंध रहीं जो बिजली सारी गरजा, बरसा, बिखरा जल है। प्रतिध्वनि में ये गूंज किसकी देख,भर रहा है... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 83 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read षड्यंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्यों दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो...? उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 60 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले जो लिखना... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 61 Share Page 1 Next