Suryakant Dwivedi Tag: मुक्तक 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। तारों की बारात में, कौन किसी के साथ। बोला अंबर, देख ले, दाग लगी तस्वीर तन्हा तन्हा रात है, तके चाँद तकदीर।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · मुक्तक 43 Share Suryakant Dwivedi 20 Jan 2023 · 1 min read मुक्तक *मुक्तक* कुछ यादों के झीने परदे, कुछ यादें बाकी हैं सांसों के इस महासमर में, कुछ बातें बाकी हैं उठा रक्खा है सिर पर देखो, ये चींटी पहाड़ सा पूछ... Hindi · मुक्तक 280 Share Suryakant Dwivedi 27 Dec 2022 · 1 min read मुक्तक बिकने को आओ तो खरीदार नहीं मिलता चाहो यहां खरीदना, बाजार नहीं मिलता नाजुक जनाब, दौर है, और दाम बेहिसाब लगा रहे हैं बोलियां, खुद्दार नहीं मिलता।। सूर्यकांत Hindi · मुक्तक 139 Share Suryakant Dwivedi 15 May 2022 · 1 min read परिवार वही सुखी परिवार है, जिसमें बातें चार लाज, धर्म, सम्मान सँग,प्रेम भरा व्यवहार। साथ साथ भोजन करें, लेवें प्रभु का नाम मान बुजुर्गों का जहाँ, खुशियाँ वहाँ अपार।। सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · मुक्तक 1 2 290 Share Suryakant Dwivedi 1 May 2022 · 1 min read जागीर चलो चलें हम सौंप दें, अपनी सब जागीर बंधन मन के तब खुलें, चलती जहां समीर है अच्छा वो वक़्त जो, करें फैसले आप घर के तुम मुख्तार हो, युग... Hindi · मुक्तक 6 4 647 Share Suryakant Dwivedi 1 May 2022 · 1 min read सागर बोला, सुन ज़रा सागर बोला सुन ज़रा, मैं नदिया का पीर दूर तलक मुझमें भरा, बस आँखों का नीर सर सर सरिता जब करे,कल कल होता नाद दिल के इस तूफान को, चीर... Hindi · मुक्तक 1 222 Share Suryakant Dwivedi 28 Mar 2022 · 1 min read कौओं का संसार लिखने को तो लिख रहे, हम सब गीत हज़ार कम बड़ी यह बात नहीं, देख समय की धार यूँ ही लय में सब रहें, यह जीवन अनमोल कहती कोयल हर... Hindi · मुक्तक 147 Share Suryakant Dwivedi 13 Mar 2022 · 1 min read विपदाओं की भीड़ में विपदाओं की भीड़ में, हिम्मत ही हथियार जिस दिन बैठूं इक घड़ी, पूरा घर लाचार मात- तात को देखिए, क्या उनका है हाल नर-नारी के भेद से, क्या संभव संसार।।... Hindi · मुक्तक 166 Share Suryakant Dwivedi 13 Mar 2022 · 1 min read तुम सीता हो तुम सीता हो राम की, राधा मीरा श्याम एक अवध की आन है, दूजा सबका धाम लिखो कभी उस दर्द को, रहा अनकहा राज़ जिसे भोगते -भोगते, बीती उम्र तमाम।।... Hindi · मुक्तक 230 Share Suryakant Dwivedi 5 Mar 2022 · 1 min read जिंदगी जब तक हैं आंखें खुली, तब तक चाँद चकोर। ज्यूँ जग से रुखसत हुए, रहे न आँगन भोर छोटी सी है ज़िन्दगी, रख बुलंद क़िरदार कहती कब सूरजमुखी, सूरज मेरी... Hindi · मुक्तक 1 198 Share Suryakant Dwivedi 5 Mar 2022 · 1 min read भूगोल नहीं समझ आता मुझे, धरती का भूगोल वक्री वक्री चाल है, चेहरा क्यों सुडोल है सारे संसार की, रचना ही संताप खेले सारी उम्रभर, हुआ न कोई गोल।। सूर्यकांत द्विवेदी Hindi · मुक्तक 179 Share Suryakant Dwivedi 1 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक विरल से क्यों सब सघन हो गये खोकर स्वयँ , हस्ताक्षर हो गये सीखकर ज़िन्दगी से संधियाँ नाम अपने ही अलग हो गये । * सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · मुक्तक 2 1 273 Share Suryakant Dwivedi 6 May 2018 · 1 min read ज्वार भाटा मन में कितने ज्वार भाटे क्या तुझको मैं बतलाऊँ उठना गिरना सब कुदरत है कैसे किस्मत को समझाऊं । * सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · मुक्तक 452 Share Suryakant Dwivedi 6 May 2018 · 1 min read ज्वार भाटा मन में कितने ज्वार भाटे क्या तुझको मैं बतलाऊँ उठना गिरना सब कुदरत है कैसे किस्मत को समझाऊं । * सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · मुक्तक 517 Share