Mandeep Kumar Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mandeep Kumar 10 Nov 2016 · 1 min read मै वो वेश्या हूँ/मंदीपसाई तन की मेरी बोली लगाई जाती, गैरो के बिस्तर पर सजाई जाती। में वो वेश्या हूँ...... चंद पैसे दे कर खरीदा जाता, बेहरमी से मुझे नोचा जाता। मै वो वेश्या... Hindi · कविता 407 Share Mandeep Kumar 9 Nov 2016 · 1 min read 500 और 1000/मंदीप 500 और 1000/मंदीप देखो मच गया आज फिर हाहाकार, पाँच सौ और हजार के नोटो पर सब कर रहे विचार। समय का चक्र ऐसा चला, हजार का नोट भी हुआ... Hindi · कविता 415 Share Mandeep Kumar 24 Oct 2016 · 1 min read निकला हूँ अपने पथ पर/मंदीप(कविता) निकला हूँ अपने पथ पर/मंदीप निकला हूँ अपने पथ पर अब पा कर रहूँगा, जब तक ना मिलेगी मंजिल तब तक चलता रहूँगा।। तुफानो से लड़ने का अटल विस्वास मुझ... Hindi · कविता 535 Share Mandeep Kumar 19 Oct 2016 · 1 min read ऐ चाँद आज तू जल्दी आ/मंदीप ऐ चाँद आज तू जल्दी आ, बूखा है मेरा चाँद तू जल्दी आ। खड़ा मेरा चाँद छत पर, तू जल्दी से छत पर आ । ऐ चाँद आज तू जल्दी... Hindi · कविता 334 Share Mandeep Kumar 11 Oct 2016 · 1 min read तुम्हारे अंदर ही राम है,तुम्हारे अंदर ही रावण है/मंदीप तुम्हारे अंदर सच है तुम्हारे अंदर जूठ है फिर क्यों अपने मन से जूठ नही निकलते। तुम्हारे अंदर भगवान है तुम्हारे अंदर सेतान है फिर क्यों इस सेतान क्यों मन... Hindi · कविता 577 Share Mandeep Kumar 7 Oct 2016 · 1 min read बिटियाँ आई घर आज मेरे(कविता) बिटियाँ आई है/मंदीप बिटियाँ आई है घर आज मेरे, करेंगी सारे सपने साकार मेरे। आई आज हमारी परी आँगन में, अब गूँजेगी किलकारी घर मेरे। कमी ना हो घर मे... Hindi · कविता 339 Share Mandeep Kumar 24 Sep 2016 · 1 min read बारिश(कविता) बारिश/मंदीप किसी के लिए वरदान बारिश, किसी के लिए मातम बारिश। गरीब की झोपडी टपकने लगे, उस के लिए दुःख की बारिश। मरी फसलो को जिन्दा कर दे, उस किसान... Hindi · कविता 815 Share Mandeep Kumar 24 Sep 2016 · 1 min read ना मै हिन्दू था ना ही मुस्लमान(कविता) ना मै हिन्दू था ना ही मुस्लमान/मंदीप ना मै हिन्दू था ना ही मुस्लमान, आया इस जहांन मै था तो सिर्फ एक इंसान।। क्यों करते हो तुम आपस मै अपनों... Hindi · कविता 449 Share Mandeep Kumar 23 Sep 2016 · 1 min read सिख गई मै उडान भरना (कविता) सिख गई मै अब उड़ान भरना/मंदीप सिख गई मै अब उड़ान भरना आसमान में, दिल नही करता अब निचे आने को।। जीना तो मैने अभी सीखा है, अब मन नही... Hindi · कविता 301 Share Mandeep Kumar 21 Sep 2016 · 1 min read मजदूर की कहानी/मंदीप मजदूर की कहानी/मंदीप बना देता महल चौबारे दुसरो के लिए, बना सका नही छोटी कोठरी अपने लिए। लगा रहता सारा दिन चाहे गर्मी हो या सर्दी, करता काम चंद पैसो... Hindi · कविता 1 785 Share Mandeep Kumar 20 Sep 2016 · 1 min read प्यार की बारिश हो जाये/मंदीप प्यार की बारिश हो जाये/मंदीप चारो तरफ प्यार की बारिश हो जाये, हर एक कली फूल बन जाये। मिटा दो अब सभी फासले, दो दिल अब एक हो जाये। मत... Hindi · कविता 2 857 Share Mandeep Kumar 20 Sep 2016 · 1 min read ना खेलो खेल पाक तुम खून का/मंदीप ना खेलो खेल पाक तुम खून का, सब जगह तुम को खून ही खून नजर आयेगा। बंन्द करो अब अपनी छिछोरी हरकतों को, नही तो बाद में तू बहुत पछतायेगा।... Hindi · कविता 218 Share Mandeep Kumar 19 Sep 2016 · 1 min read हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए/मंदीप हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए/मंदीप हँसते हँसते अपने वतन पर कुर्बान हो गए, हम तो मर कर भी अमर हो गए। खाई थी जो कसम हम ने,... Hindi · कविता 248 Share Mandeep Kumar 18 Sep 2016 · 1 min read ऐसी मुरली बजाए मेरा श्याम/मंदीप ऐसी मुरली बजाए मेरा श्याम, सब के दिलो को मिले आराम। कोई बोले कन्हा कोई बोले गोबिन्द, मेरे श्याम के है अनेको नाम। रखना दिल में श्याम को दिल में,... Hindi · कविता 304 Share Mandeep Kumar 18 Sep 2016 · 1 min read बया ना हो पाये मेरी महोबत लब्जो में/मंदीप बया ना हो पाये मेरी महोबत लब्जो में/मंदीप बया ना हो पाये मेरी महोबत लब्जो में, वो किस कदर बसे मेरी खुराफाती दिल में, मेरे दिल की तपतिश कर लो... Hindi · कविता 565 Share Mandeep Kumar 17 Sep 2016 · 1 min read दर्द की लत/मंदीप हम को तो दर्द लेने की ऐसी लत लगी, जितना तो लोग उदहार भी नही लेते। Hindi · कविता 336 Share Mandeep Kumar 17 Sep 2016 · 1 min read राह में हम अब तुम्हारी कभी नही आयेगे/मंदीप राह में हम अब तुम्हारी कभी नही आयेगे, तुम को इस जहान में अब अकेला छोड़ जायेगे। ढूढने से भी ना मिलु कभी तुम्हे, मेरे ख्याल तुम को बहुत सतायेंगे।... Hindi · कविता 266 Share Mandeep Kumar 17 Sep 2016 · 1 min read मेरे दर्द का हिसाब/मंदीप मेरे दिल का हिसाब.......मंदीप मेरे दर्द का अब तू हिसाब लगा ले, तड़पा हूँ बहुत अब तो गले से लगा ले। तेरी जुदाई में गिरे है लाखो के मोती, अब... Hindi · कविता 1 1 565 Share Mandeep Kumar 16 Sep 2016 · 1 min read कोई उसे भी प्यार का अर्फ सीखा दो/मंदीप कोई उसे भी प्यार का अर्फ सीखा दो, मेरे दिल की आवाज उस तक पहुँचा दो। दे गया सीने में हजारो घाव , कोई उस को मेरा एक घाव तो... Hindi · कविता 310 Share Mandeep Kumar 16 Sep 2016 · 1 min read हूँ मै नारी/मंदीप हूँ मै नारी, डरती हुई नारी, पल पल मरती हूँ नारी, बजारू नजरो से बचती हुई नारी। हूँ मै नारी.... बिलकती हुई नारी, खुद को बचाती हुई नारी, अपनों का... Hindi · कविता 630 Share Mandeep Kumar 16 Sep 2016 · 1 min read जीने की तम्मना तो हम भी रखते है/मंदीप जीने की तम्मना तो हम भी रखते है, दूर तक साथ निभाने की हसियत भी रखते है। दूर हो जाओ मर्जी तुम जितना, पास आने की ख्वाइस भी रखते है।... Hindi · कविता 284 Share