संतोष बरमैया #जय Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संतोष बरमैया #जय 14 Feb 2018 · 1 min read शिव महिमा शिव महिमा ★★★★★■■ देवों के भी देव कहाते, भोले से पर नाथ कहाते। दर्शन कठिन तपस्या इनकी, जो मांगे वह वर दे जाते।। #सोमनाथ ने तपे चंद्र को, तब दक्ष... Hindi · कविता 406 Share संतोष बरमैया #जय 26 Dec 2017 · 1 min read जूते की अभिलाषा पढ़िए पैरोडी शीर्षक - #जूते_की_अभिलाषा ★★★★ चाह नहीं, चरनन देवों की, बन, चरण-पादुका तर जाऊँ। विश्व-सुंदरी के गहनों में, मैं सजूँ, भाग्य फिर इतराऊँ।। ★★★★ चाह नहि जनता को लूटने,... Hindi · कविता 823 Share संतोष बरमैया #जय 14 Dec 2017 · 1 min read ।।चल एक छोटा सा घर बनाते है।। चल एक छोटा सा घर बनाते हैं इस लाल काले हरे नीले आसमान के नीचे, पेड़ों की पत्तियों के झुरमुट के पीछे, चल एक छोटा सा घर बनाते है, तेरे... Hindi · कविता 459 Share संतोष बरमैया #जय 14 Dec 2017 · 2 min read ।। क्या होता है भाई माँ ।। निःशब्द निरूत्तर पाई माँ। है आज तलक घबराई माँ। बच्चे का छोटा प्रश्न सुनो, कहता क्या होता भाई माँ? बहुत सुना मैंने शाला में, यहाँ - वहाँ औ गौशाला में... Hindi · कविता 490 Share संतोष बरमैया #जय 14 Dec 2017 · 1 min read #इस तरह बेटी बिदा हो जाती है# # इस_तरह_बेटी_बिदा_हो_जाती ★★★★★ आज दशा पर बेटी की यह, बाबुल नीर बहाये। ब्याह रचाने बेटी का खुद, दिल पत्थर रख जाये।। माँ खुश भी है पर रो-रोकर, बुरा हाल कर... Hindi · कविता 263 Share संतोष बरमैया #जय 25 Jun 2017 · 3 min read ????बेटी की व्यथा???? ???तुम्हारी परवरिश में कमी नहीं है माँ??? बेटी की व्यथा???????? माँ! तेरी ये बेटी आज बड़ी हो गई जिन रास्तों पर तूने चलना सिखाया , उन्हीं रास्तों पर मैं खड़ी... Hindi · कविता 487 Share संतोष बरमैया #जय 17 Jun 2017 · 2 min read ???#" सुहागरात एक एहसास"#??? ????? "सुहागरात एक एहसास"???? ?दाम्पत्य जीवन की पवित्र, पहली सीढ़ी , पहली बात। उलझन में दिल, अजीब ख्याल, कैसी होती है सुहागरात।। ?दो अनजाने सहमे दिल, हुई है चंद सिर्फ... Hindi · कविता 1k Share संतोष बरमैया #जय 2 Jun 2017 · 1 min read ◆◆◆◆◆जुगाड़◆◆◆◆◆ जैसे ही शीर्षक श्री ने पटल विषय जुगाड़ बताया। हमने भी बेहतर कविता प्रेषित करने मन बनाया। चलने लगी दिमाग पर सोच की तेजधार की आरी। शब्दों को काट जोड़... Hindi · कविता 422 Share संतोष बरमैया #जय 2 Jun 2017 · 1 min read नारी की गौरव गाथा नारी पर गीत गजल कविता, शायरी करते रहे। रह-रह बात सशक्तिकरण पे, जोर दें कहते रहे।। नारी बल को कम ना कहना, पाठ सब पढ़ते रहे। नारी शक्ति इतिहास पर... Hindi · कविता 968 Share संतोष बरमैया #जय 29 May 2017 · 1 min read ******भाव कलम के****** छटा प्रातः की देख कर मन भाव ऐसे उठ गये। इंद्रधनुष रंगों ने मानो, नभ में रंग भर गये।। रंग सिंदूरी सजा है यों, धरा मांग भर रही। प्रीतम के... Hindi · कविता 237 Share संतोष बरमैया #जय 29 May 2017 · 1 min read ***** पेट अग्नि***** ●★●★●★●★●★●★● जला नहीं है आज फिर, चूल्हा गरीब घर का। है चर्चा लाचार, बेबस, गरीब की गुजर का।। दे दिया है लकड़ी उसने, औरों को जलाने चूल्हे। पर ये मुमकिन... Hindi · कविता 281 Share संतोष बरमैया #जय 27 May 2017 · 1 min read मानव की मनमानी का प्रकृति चिट्ठा खोल रही यहाँ, है मानव की मनमानी का। धूप की तपन, बढ़ती गर्मी, असर है ये बेइमानी का।। उमर कम , झड़ते सफेद बाल, आधे गोरे लटकते गाल।... Hindi · कविता 298 Share संतोष बरमैया #जय 25 May 2017 · 1 min read जिंदादिल वीर जवान उठो, बनो शोले हे ! वीरों, अब वतन ए राह बुलाती है। दिखलाओ जिंदादिली प्यारों, अब वतन ए चाह बुलाती है।। खौलता है नहीं क्या खूँ अब, कटे सर सरहद... Hindi · कविता 340 Share संतोष बरमैया #जय 25 May 2017 · 1 min read माँ वंदना ?????मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ????? ★ माँ वंदना ★ माँ के चरणों में समर्पित हे ! जन्मदात्री, तेरी जय ! हो, ममतामयी, चरणों में वंदन। शत शत नमन करूँ... Hindi · कविता 402 Share संतोष बरमैया #जय 24 May 2017 · 1 min read आ अब लौट चले उस गाँव आ अब लौट चले उस गाँव। जहाँ माँ के आँचल की छाँव।। करघा, आँगन बैठ के माँ, सपने बुनती है बेटे तेरे। जीवन के दिन चार रहे, खुश, हर पहर... Hindi · कविता 551 Share संतोष बरमैया #जय 24 May 2017 · 1 min read वीर शौर्य माँ की कोख में पलता यहाँ बच्चा शौर्यमय हो जाता है। तन मन वचन से सज-धज, बच्चा, इस पुण्य धरा पे आता है।। नौ माह तक पंचतत्वों का, सम्पूर्ण ख्याल... Hindi · कविता 1 540 Share संतोष बरमैया #जय 23 Apr 2017 · 1 min read ??गरीबी का श्रृंगार?? माँ ने दिया जन्म, इन सीढ़ियों में, माँ की ये मजबूरी थी। गरीबी ने घेरा, इस कदर, तकदीर से ही दूरी थी।। पर सपने, माता पिता के, अब नही गरीब... Hindi · कविता 295 Share संतोष बरमैया #जय 23 Apr 2017 · 1 min read """"""नेता जी """""" व्यंग्य ********* मेरे देश का दुर्भाग्य, यहां नेता बूढ़ा होता है। नवयुवक बूढ़ा होते तक, नेता को ढोता है ।। सोच पर न जा पगले, बुढ़ापा भूत दिखलाए। नवयुवक भविष्य... Hindi · कविता 1 652 Share संतोष बरमैया #जय 8 Apr 2017 · 2 min read प्रकृति का निराला खेल (दृश्य-:- एक परिवार जिसमें माता-पिता-डॉक्टर,3 बच्चे, डॉक्टर साहब घर पर नही है। दो बच्चे घर के अंदर खेल रहे , एक माँ के साथ.........आगे ..............पढ़िए......""प्रकृति का निराला खेल"""") ममतामयी माता... Hindi · कविता 442 Share संतोष बरमैया #जय 7 Apr 2017 · 1 min read धर्म के ठेकेदार इतिहास के पन्नों में, मिलती गवाही जहाँ। धर्म ठेकेदारो ने , ..…की सदा तबाही यहाँ ।। युद्ध परिणामों पे, ..........बहू प्रमाण है यहाँ। मनगणन्त विषयों पे , हुए युद्ध निर्माण... Hindi · कविता 821 Share संतोष बरमैया #जय 7 Apr 2017 · 1 min read "" मैं और मेरी पायल"" मैं, और मेरी पायल, अक्सर, एक बात कहा करते है, कि, शायद, तुम न मिलते, तो ,मैं कभी, पायल का दिया, अहसास, तुम संग बिताया, मधुमास, इन सबसे रह जाती,... Hindi · कविता 1 1 2k Share संतोष बरमैया #जय 27 Mar 2017 · 1 min read गर्मी जब गर्मी का मौसम आता है । मुझे गाँव मेरा याद आता है ।। गर्मी का मौसम, खुली आजादी । खाने पीने की , चिंता हो आधी । खुले पेड़... Hindi · कविता 293 Share संतोष बरमैया #जय 8 Mar 2017 · 1 min read महिला शिक्षा की करामात अभी नींद भी न खुली थी!और जोर की आवाज आई! ऐ मिस्टर! हैलो, गुड मॉर्निंग! आपके लिए है ये वॉर्निंग! मुझे जल्दी है ऑफिस जाना। खाना रोज की तरह चटपटा... Hindi · कविता 717 Share