ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 11 Sep 2024 · 1 min read ज़माने की आवाज़ सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है कुछ पंक्तियाँ इन पंक्तियों में मैंने सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है। ये पंक्तियाँ न केवल प्रेम के विषयों से बाहर आकर... Hindi · ग़ज़ल 43 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 8 Sep 2024 · 1 min read रीत की वात अवं किनखs भावज सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है आज कुछ निमाड़ी पंक्तियाँ |निमाड़ की माटी का लाल होकर निमाड़ी में कुछ ना लिखें ऐसा नहीं हो सकता | लीजिये निमाड़ी रचना का आनंद और... Hindi · ग़ज़ल 73 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read हिम्मत का सफर सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत कुछ पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "हिम्मत का सफर " मुश्किलें देख के मैं घबरा रहा था सामना करूँगा कैसे,क़तरा रहा था रास्ते में हर कदम काँटों से... Hindi · ग़ज़ल 72 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read इन्साफ की पुकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाएं हमारे समाज पर एक गहरा धब्बा हैं। हर बेटी, हर बहन और हर माँ को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कराने... Hindi · ग़ज़ल 58 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read उम्मीद की डोर सादर नमन 🙏💐 प्रस्तुत है कुछ स्वरचित और मौलिक पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "उम्मीद की डोर " मन में कोई कसक रहती है, देश के हालात देखकर, हर रोज़ नई... Hindi · ग़ज़ल 42 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 31 Aug 2024 · 2 min read साहित्य सृजन की यात्रा में :मेरे मन की बात मन में एक अनूठा उत्साह है, मानो लेखन का जुनून सातवें आसमान पर पहुंच गया हो। मैं नियमित रूप से लेखन करना चाहता हूँ, पर व्यस्तता की दीवारें खड़ी हैं।... Hindi · निबंध 53 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 31 Aug 2024 · 1 min read मित्रता की परख मित्र बनाने वालों का भी इक चित्र होता है जों है उसके अलावा भी इक चरित्र होता है कहते है विपदा मैं साथ दे वो सुमित्र होता है मुश्किल में... Hindi · ग़ज़ल 56 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 29 Aug 2024 · 2 min read पहली किताब या पहली मुहब्बत सादर नमन 💐🙏प्रस्तुत है मेरी लिखित पुस्तक "नाम तेरा होगा "ग़ज़ल संग्रह जों अभी कुछ दिन पहले प्रकाशित हुई |उसके प्रकाशन का भी बेसब्री से इन्तजार था अब जब प्रकाशित... Hindi · कविता 53 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 29 Aug 2024 · 1 min read "नाम तेरा होगा " सादर नमन 🙏💐राधे राधे जय श्री कृष्ण 🙏 यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरा पहला ग़ज़ल संग्रह "नाम तेरा होगा"साहित्यपीडिया पर 25/08/2024 को प्रकाशित हुआ है।मैं... Hindi 75 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 29 Aug 2024 · 1 min read "नवांकुरो की पुकार " सादर नमन 🙏💐 प्रस्तुत है स्वरचित एवं मौलिक कविता "नवांकुरों की पुकार " जिसमें लेखन के क्षेत्र में कैसे नये लेखकों को संघर्ष करना पड़ता है |प्रस्तुत कविता में नवांकुरो... Hindi · कविता 72 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 28 Aug 2024 · 2 min read बहर के परे सादर नमन🙏💐 प्रस्तुत हैं स्वरचित और मौलिक कविता जिसका शीर्षक है "बहर के परे " ग़ज़ल में बहर का होना पारंपरिक शायर आवश्यक मानते हैं |बहर यानि की वह लय... Hindi · कविता 62 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 29 May 2024 · 8 min read सत्संग की ओर ||श्री राधाकृष्णाभ्याम नमः || || श्री स्वामी हरिदासोविजयतेत् राम || || श्रीमन्नीत्यनिकुंजविहारिणे नमः || श्री हरि- गुरु की कृपा से जीव को मनुष्य देह की दुर्लभता का ज्ञान होता है|... Hindi · लेख 94 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 28 May 2024 · 2 min read क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है? लोगों को वास्तविक सत्संग मिल ही नही रहा।ना लोग चाह रहे है।अच्छे से मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवाके , सुंदर सजीले वस्त्र पहने कथावाचक जों कथा कम और लच्छेदार बाते... Hindi · लेख 63 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 24 May 2024 · 2 min read विचारिए क्या चाहते है आप? संसार की दयनीय स्थिति हो चुकी है।आज अधिकांश लोग परमात्मा से प्रेम करते ही नही है।हम जैसे लोग परमात्मा से सिर्फ अपनी चाह पूरी करवाना चाहते है।हमने परमात्मा को माना... Hindi · लेख 93 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 23 May 2024 · 2 min read कोई विरला ही बुद्ध बनता है आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को बधाईयां एवं। शुभकामनाएं।आज मन में विचार आया की आज से 2500 वर्ष पूर्व एक युवक के मन में कुछ दृश्यों को देख... Hindi · लेख 97 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 17 May 2024 · 2 min read आत्मस्वरुप पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा की संसार का स्वरूप क्या है वो नित्य निरंतर परिवर्तनशील और नाशवान है।अतः जो नाशवान को नष्ट होते हुवे देखता है वो अविनाशी है।वही हमारा... Hindi · लेख 110 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 10 Apr 2024 · 2 min read संसार का स्वरूप(3) ये मानव देह भी संसार ही है।संसार के अंतर्गत वे सभी आ जाते है जो नाशवान है।ये देह भी नाशवान है अतः देह और संसार दोनो नश्वर है। हमें जो... Hindi · लेख 140 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Apr 2024 · 1 min read संसार का स्वरूप (2) संसार वास्तव में दु:खालय ही है। जों कहते है इसमें सुख भी मिलता है तो वास्तव में वो दु:खो का थोड़ी देर का विराम है उसे ही हम सुख मान... Hindi · लेख 113 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 2 Apr 2024 · 2 min read संसार का स्वरूप जब देखता हूं चारों ओर संसार में सभी कुछ ना कुछ संसार से चाहने में लगे है।सभी के मन अशांत है, सभी दौड़ लगा रहे है, यहाँ-वहां की किस ठिकाने... Hindi · लेख 1 145 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 14 Feb 2023 · 1 min read उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए कह गए थे की इस सावन मिलने आऊँगी Quote Writer 1 431 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 14 Feb 2023 · 1 min read फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं गिले शिकवो का अब ना कभी मौका दूंगा Quote Writer 1 282 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा इश्क की कसम वो इश्क हमें तुमसे है Quote Writer 2 262 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी कबूतर को भी मार डाला जमाने की गुलेल ने Quote Writer 1 247 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं फँस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं अब निकलने को जी नही चाहता Hindi · Quote Writer · कोटेशन 502 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है किसी की याद आती है नींदे रूठ जाती है Quote Writer 171 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read अब भी वही तेरा इंतजार करते है अब भी वही तेरा इंतजार करते है जहाँ मिले थे कभी अजनबी की तरह Quote Writer 301 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई मैं चाहूँ उनके होंठो से लगी चाय पीना Quote Writer 341 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर मैं जिधर जाऊँ उधर तुम नजर आओ Quote Writer 345 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां तुम यूं मिलो की फासला ना रहे दरमियां हवा भी गुजरने ना पाए दोनो के बीच से Quote Writer 250 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए हमने उससे कहा था मेरा चांद तुझसे बेहतर है Quote Writer 277 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर हम जो छू ले तो तुम्हारा रंग निखर आएगा Quote Writer 238 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो आज पूनम है पूरे चांद की तरह तुम भी नजर आ जाओ Quote Writer 483 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना रोना तो जिंदगी में आते ही सीख लिया Quote Writer 1 299 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच जमीं पर हम है अकेले महफिल के बीच Quote Writer 427 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है राह नई मंजिल नई बस अनजाना सफर है दूर तलक बस जाना है ना कही ठौर ठहर है भटक रहे है यहाँ वहाँ जाने कहाँ और किधर है सो गया... Quote Writer 312 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read ये आसमां ये दूर तलक सेहरा ये आसमां ये दूर तलक सेहरा ज़र्रे ज़र्रे मैं दिखे एक हसीन चेहरा Quote Writer 276 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 13 Feb 2023 · 1 min read वो दिन भी क्या दिन थे वो दिन भी क्या दिन थे जब सपनों को रातों की जरूरत नहीं थी.... Quote Writer 594 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 31 Jan 2023 · 1 min read तुम मेरी ही मधुबाला...... नवयौवन था आंखों में, जब सांसों मे थी मधुशाला, तुम आई ऐसे जीवन में, जैसे फूलों की माला मैं जब जब विचलित होता था, तुम मेरा धीर बढ़ाती थी, तुम... Hindi 190 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी का हक़ कवियों ने बेटी पर कईं कविताएं लिखी किसी ने बेटी की महिमा किसी ने व्यथा लिखी मैंने सोचा क्या कविता लिखने से बेटी को उसका हक़ मिल जायेगा? अगर मेरे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 863 Share