Raj Vig Tag: कविता 151 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Raj Vig 19 Jul 2022 · 1 min read पहले दूर बहुत हैं रास्ते सुकून के इम्तिहान ले रही है जिन्दगी निस दिन उन तक पहुंचने से पहले । गहरे बहुत हैं राज़ तेरी माया नगरी के देर हो जाती... Hindi · कविता 4 2 359 Share Raj Vig 16 Jul 2022 · 1 min read प्यार की वादियां रह लेने दे मुझे तू अपनी पलकों की छांव मे चैन आ जायेगा मुद्दतों से सुलगते तन मन को । रह लेने दे मुझे तू अपने ही आस पास कुछ... Hindi · कविता 353 Share Raj Vig 5 Jul 2022 · 1 min read पगडंडी शायद मिले कहीं कभी तू आशाओं के समुद्र मे तलाश मे तेरी भटक रहा हूं द्वारे द्वारे । ढूंढता फिरता है हर कोई तुझको कहां छुपा बैठा है तू मिलता... Hindi · कविता 2 4 265 Share Raj Vig 22 Jun 2022 · 1 min read गुनाहों के पन्ने छलक रहा था आंखों से बरसों से छुपा दर्द सीने का कुरेद दिया था पुराना जख्म किसी ने अनजाने मे । बिखरा पड़ा था जमी पर आज गमो का पुलिंदा... Hindi · कविता 2 2 367 Share Raj Vig 19 Jun 2022 · 1 min read करवट हाल ही मे बदली है करवट अचानक से जिन्दगी ने बरसों से सोई जाग उठी हैं आधी अधूरी कुछ ख्वाहिशें मेरी । उम्मीद नही थी जिसकी कभी जुड़ने लगी हैं... Hindi · कविता 1 2 232 Share Raj Vig 18 Jun 2022 · 1 min read दूर बहुत दूर दूर तेरी खुशियों से दूर तेरी नजरों से दूर बहुत दूर मै चला आया । दूर रहें तेरी यादें दूर तेरी तस्वीर को दूर बहुत दूर मै दफना आया ।... Hindi · कविता 1 2 215 Share Raj Vig 11 Jun 2022 · 1 min read पिताजी विषम आर्थिक परिस्थितियों मे अपनी इच्छाओं को दरकिनार कर मेरी हर छोटी बड़ी ख्वाहिश को पूरा किया है पिताजी आपने । जिन्दगी के कठिन दौर मे रात रात भर जाग... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 5 343 Share Raj Vig 28 May 2022 · 1 min read ऐसे कैसे हमने चाहा था जैसे कभी गुजरी नही वैसे अब तू ही बता ऐ जिन्दगी तुझे आगे चलायें हम कैसे । मिले थे सपनो मे जैसे असल मे लोग नही थे... Hindi · कविता 3 8 489 Share Raj Vig 22 May 2022 · 1 min read चाहत की सजा दी नही बधाई उन्हे उनके जन्मदिन की खफा खफा आजकल वो हमसे रहने लगे हैं । लाख मिन्नतों के बाद भी नाराजगी के आलम मे मेरी छोटी सी भूल को... Hindi · कविता 2 4 467 Share Raj Vig 21 May 2022 · 1 min read बदलती जिन्दगी मेरी बढ़ती उम्र के साथ साथ बदलती चली गयी अभिलाषा और परिभाषा मेरी जिन्दगी की । मेरी बढ़ती पूंजी के साथ साथ बदलती चली गयी लालसा और तमन्ना मेरी जिन्दगी... Hindi · कविता 2 3 358 Share Raj Vig 18 May 2022 · 1 min read जीने की राह बनायी तो उसने मेरी भी कोई इक डगर होगी । जानता हूं मै दूसरों से वो बहुत अलग होगी । सपनो की दुनिया से दूर जिन्दगी की वो हकीकत होगी... Hindi · कविता 1 2 165 Share Raj Vig 15 May 2022 · 1 min read प्यार का दीया पसन्द आने लगा है हर किसी को जबसे बदल दिया है हमने अन्दाज अपने जीने का । बदल गये हैं माईने दोस्ती और रिश्तों के जबसे छुपा लिया है हमने... Hindi · कविता 327 Share Raj Vig 14 May 2022 · 1 min read फूल का दर्द डाली पे महकते मुस्कराते फूल को तोड़ तेरे चरणों मे चढ़ा कर गुनाह किया है मैने । अपनी इच्छाओं और तेरी खुशी के लिये एक सजीव बेजुबान को आज मसल... Hindi · कविता 218 Share Raj Vig 12 May 2022 · 1 min read तमन्ना तेरी ही बस्तियों मे गुजर जाये बची सारी ये जिंदगी मेरी । तेरी ही आंखों मे नज़र आती है मुझे भटकी हुई ये तकदीर मेरी । तेरी ही चाहत मे... Hindi · कविता 424 Share Raj Vig 28 Sep 2021 · 1 min read शुक्रगुजार बेहिसाब बरसता रहा तेरी कृपा का खजाना जी भर के उसे मै बटोरता चला गया । शुक्रगुजार है परवतदिगार तेरे दिखाये रास्ते पे निरन्तर उम्र भर मै चलता चला गया... Hindi · कविता 1 2 286 Share Raj Vig 18 Sep 2021 · 1 min read चैन का बसेरा सोचता हूं कभी दूर पहाड़ों मे मेरा भी इक घर होता । स्वच्छंद हवाओं का नित घेरा और सबसे पहले सवेरा होता । शहर के अनंत कोलाहल से बहुत दूर... Hindi · कविता 1 2 300 Share Raj Vig 13 Sep 2021 · 1 min read भ्रम मेरे मन मुताबिक दिन जिन्दगी के गुजरने लगे उसे खुशियां मै कहने लगा । तमाम भौतिक साधनो के संग्रह को सबसे बड़ा सुख मै कहने लगा । कम कोशिशो के... Hindi · कविता 2 254 Share Raj Vig 9 Sep 2021 · 1 min read गुलाब जिन्दगी नैनो के रस्ते दिल के आईने मे चुपके चुपके से समा गया है कोई । बैचेन रहने लगी हैं धड़कने दिल की इतने करीब से आज गुजर गया है कोई... Hindi · कविता 328 Share Raj Vig 30 Jul 2021 · 1 min read अमिट लकीर छुपी थी बरसों से जो ख्वाबों और खयालों मे खूबसूरत सी वो तस्वीर तेरी थी । बरसती थी प्यार की सदा बेशुमार बौछारें जहां आंगन की वो दहलीज तेरी थी... Hindi · कविता 2 598 Share Raj Vig 28 Jul 2021 · 1 min read हमारे तुम्हारे देखे थे जो साथ साथ जिन्दगी सफर मे हमने वो कुछ ख्वाब तुम्हारे थे कुछ ख्वाब हमारे थे । छुपा लिये थे जो हमने जमाने की निगाहों से गुजरे वो... Hindi · कविता 3 2 525 Share Raj Vig 26 Jul 2021 · 1 min read पनाह कोशिशें बहुत की फिर भी न जाने कयूं गुजर रही है जिन्दगी नित नये गुनाहो मे । भुला कर तुझे भटक रहा है दिन रात चंचल नादान मन मेरा आज... Hindi · कविता 1 463 Share Raj Vig 6 Jul 2021 · 1 min read अलविदा मां मां सरकारी अस्पताल मे दम तोड़ती रही फोन पर हाल पूछ कर हर रिश्ता किनारा करता गया । अपनो के इन्तजार मे सांसें धीरे धीरे चलती रहीं कोरोना के खोफ... Hindi · कविता 1 2 357 Share Raj Vig 26 Jun 2021 · 1 min read दो सांसें लोभ मद से ग्रसित होकर बहुत दूर तक बड़े बड़े कई घर मैने बना लिये । दिन रात मेहनत करके जरूरत नही थी जितनी उससे कहीं ज्यादा पैसे मैने बना... Hindi · कविता 1 335 Share Raj Vig 25 Jun 2021 · 1 min read वंदना छोड़ कर ठिकाने मोह माया के अग्रसर हो रहा हूं जहां सुकून मिला करता है । बड़ा लिये है कदम मैने उन दिशायों मे सुना है जहां मोक्ष मिला करता... Hindi · कविता 1 2 354 Share Raj Vig 24 Jun 2021 · 1 min read उम्मीदों के रास्ते दिन रात गुजरती जिन्दगी मे लाख कोशिशों के बावजूद मिले नही कभी कहीं रास्ते , अपनी उम्मीदों के । बचपन से लेकर आजतक आंखों मे तैरते मुस्कराते आधे अधूरे कई... Hindi · कविता 333 Share Raj Vig 18 Jun 2021 · 1 min read रूमानी शाम रोज किसी बहाने से फोन पर अक्सर उनसे हमारी बात हो जाती थी । आफिस के काम से हफ्ते मे एक दो बार उनसे हमारी मुलाकात हो जाती थी ।... Hindi · कविता 2 4 715 Share Raj Vig 13 Jun 2021 · 1 min read सत्संग चौरासी लाख योनिया गुजर जाने के बाद मुझे मनुष्य योनि से प्रभु द्वारा नवाजा गया । भौतिक सुखों की चाहत मे हर गुनाह करने से पहले मुझे बार बार मेरे... Hindi · कविता 3 6 623 Share Raj Vig 12 Jun 2021 · 1 min read कोरोना दहशत मिल न जाये कहीं वो रास्ते मे डर डर के आजकल घर से निकलता हूं । छुपा हुआ है वो न जाने किस भेष मे हर शख्स को शक की... Hindi · कविता 2 2 292 Share Raj Vig 10 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात वो कड़कड़ाती बिजलियां छत से टपकता पानी मुझे आज भी याद है बचपन की वो बरसात । हाथों मे कागज की किश्ती और गलियों की नदियां आसमान मे चमकता इन्द्रधनुष... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 7 469 Share Raj Vig 7 Jun 2021 · 1 min read वो लड़की रहती थी जो गली के कोने मे उस लड़की से बातें मै हजार करता था । रहती थी जो भीड़ के कोने मे उस लड़की से वहीं मै मिला करता... Hindi · कविता 308 Share Raj Vig 31 Mar 2021 · 1 min read शौक होली दीवाली मनाने का शौक नही था मुझे अन्तर्मन की खुशियों को अलग अंदाज मे मै बटोरता रहा । धन दौलत के संग्रह का शौक नही था मुझे जो मिला... Hindi · कविता 1 8 350 Share Raj Vig 20 Mar 2021 · 1 min read दिल धड़कता है तू चलती है सांसें मेरी रोता है तू छलकती है आंखें मेरी । छुपा रूस्तम है तू समझता है ख्वाहिशें मेरी खुश रहता है तू खिलती है मुस्कान... Hindi · कविता 4 396 Share Raj Vig 10 Mar 2021 · 1 min read गुजरता पल उम्मीदों से भरा आसमान सा नजर आने लगा है आजकल गुजरता जिन्दगी का हर इक पल । किसी की आहट से दिल बैचेन रहने लगा है कटता नही आजकल गुजरता... Hindi · कविता 352 Share Raj Vig 6 Mar 2021 · 1 min read तस्वीर छू कर दिल को गमो की सारी वो दीवारें तोड़ गया । मुस्कराते गुनगुनाते खुशियों की सारी वो बौछारें छोड़ गया । आंखों के इशारो से जिन्दगी की सारी वो... Hindi · कविता 1 4 617 Share Raj Vig 25 Feb 2021 · 1 min read चुपके चुपके कुछ भागा है कुछ भाग रहा है बरसों से छाया अंधियारा भोर किरण से डर अपना । कुछ चमका है कुछ चमक रहा है पूनम जैसी रातों मे चंदा जैसा... Hindi · कविता 3 2 664 Share Raj Vig 25 Dec 2020 · 1 min read महकती बहारें घूमती रहेगी धरती आती जाती रहेंगी ऋतुऐ समय के चक्र मे बदलते रहेंगे नजारे । बहती रहेगी नदिया पनपते रहेंगे खेत खलिहान बदल जायेंगे इक दिन बरसो पुराने किनारे ।... Hindi · कविता 4 11 334 Share Raj Vig 10 Dec 2020 · 1 min read मैला मैला हो गया हुस्न का दामन बरसों का दफन राज जब सरे आम हो गया । गिला शिकवा नही था कोई जमाने से अपना ही जिगरे यार जब गद्दार हो... Hindi · कविता 3 6 493 Share Raj Vig 5 Dec 2020 · 1 min read बन्धन चाहा था जिनको बचपन से बांध के बन्धन ले आया हूं उनको घर अपने । उनके आ जाने से महक रहा है घर आंगन और बहक रहे हैं सब अपने... Hindi · कविता 2 2 390 Share Raj Vig 23 Oct 2020 · 1 min read रूतबा रत्ती भर का भी सुख वो मुझे दे न सका भटकता जिसकी तलाश मे तमाम मै उम्र रहा । रूतबा सभ्य समाज मे दूसरों से ऊंचा समझ अंहकार की मद... Hindi · कविता 4 340 Share Raj Vig 16 Oct 2020 · 1 min read पैगाम बहुत दिनो के बाद आज सुबह सवेरे कोड वर्ड मे मिला है पैगाम उनका । जानते है जिसे हम ही लिखा है आखिर मे वो ही छोटा सा पुराना नाम... Hindi · कविता 5 785 Share Raj Vig 8 Oct 2020 · 1 min read कल्पना मिन्नतो के बाद रूखसत होने से पहले मुझसे रूबरू होगी इक दिन रूह मेरी । साल दर साल हंसते खेलते उसी के साथ साथ गुजरी है सारी जिन्दगी मेरी ।... Hindi · कविता 5 4 369 Share Raj Vig 3 Oct 2020 · 1 min read झोंपड़ी सर्द हवाओं के झोकों से बदन मे सिरहन सी उठ रही थी । तेज बारिश के छीटों से कंपकंपी भी अब होने लगी थी । कड़कते बादलों की गर्जना से... Hindi · कविता 4 487 Share Raj Vig 2 Oct 2020 · 1 min read मन बचपन की मौज मस्ती के उन्ही दिनो मे फिर से लौट जाने का मन है मेरा । कुछ नादान दोस्तों के साथ उन्ही गलियों मे देर रात तक खेलने का... Hindi · कविता 6 2 459 Share Raj Vig 27 Sep 2020 · 1 min read कयास देखे नही थे जो किसी ने आज तक उन दिनो की चिन्ता मे मै व्यर्थ डरे जा रहा था । रखा है जो राज़ कुदरत ने अपने गर्भ मे उसी... Hindi · कविता 4 2 303 Share Raj Vig 20 Sep 2020 · 1 min read परिचय तूफान सा उठ रहा है दिल की धड़कनो मे जब से परिचय हुआ है आप से । आंखों से मंजर दूर हटता नही जब से देखा है आपको करीब से... Hindi · कविता 1 2 345 Share Raj Vig 28 Aug 2020 · 1 min read तन्हा कटता नही आखिरी पहर रात का सुना है कल बहुत दूर चले जाओगे । सूनी हो जायेंगी संकरी गलियां गांव की अब रोज कहां तुम नज़र आओगे । तन्हा हो... Hindi · कविता 3 4 695 Share Raj Vig 12 Aug 2020 · 1 min read यार गुलजार हुआ है तन मन मेरा बदला है नसीब यार ने । मिलता नही जो जमाने मे ऐसा हसीन नजराना दिया है यार ने । ऋणी हुआ है कतरा कतरा... Hindi · कविता 2 403 Share Raj Vig 8 Aug 2020 · 1 min read पूजा तू प्रसन्न रहे सदा नित निस्वार्थ भाव से कई बरसों से तेरी पूजा की है मैने । बरसता रहे तेरी कृपा का खजाना तेरे हर रूप मे आस्था दोहरायी है... Hindi · कविता 2 8 440 Share Raj Vig 26 Jul 2020 · 1 min read क्यारी तेरी कोयल जैसी मधुर आवाज़ गूंज रही है कानो मे । ढूंढ रहे हैं निस दिन नैना तुझको बागों और बहारों मे । पता नही तू छुपी कहां है भटक... Hindi · कविता 2 380 Share Raj Vig 26 Jul 2020 · 1 min read विचलित आस्था और विश्वास की उम्मीदों से आ पहुँचा हूं तेरी सरहदों मे । आवाज दे के बुला ले या लौटा दे मुझे नतमस्तक खड़ा हूं तेरे इन्तजार मे । बरसेगी... Hindi · कविता 5 6 612 Share Page 1 Next