Suneel Pushkarna 111 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suneel Pushkarna 2 Oct 2025 · 4 min read प्रेम क्या है कहाँ से करूँ प्रेम का आरम्भ और कहाँ करूँ अंत समझ से है परे मेरे… प्रेम तो है अंतहीन, असीम, अपरिमित, अक्षय, असीमित… जहाँ प्रत्येक अक्षर, प्रत्येक शब्द, प्रत्येक पंक्ति... Hindi · कविता 1 184 Share Suneel Pushkarna 10 Sep 2025 · 1 min read तुम और मैं तुम और मैं, दो अपूर्ण यात्राएँ, जो वर्षों तक बिखरी रहीं, कभी दर्द में, कभी प्रतीक्षा में... कर्म ने हमें सिखाया… ज़िम्मेदारियाँ निभाना, त्याग करना, पर प्रेम का स्पर्श अधूरा... Hindi · कविता 2 85 Share Suneel Pushkarna 8 Sep 2025 · 1 min read सिर्फ मेरे बनकर मिलना… उस दिन मुझसे मिलना, तुम जब सिर्फ मेरे हो तुम ना किसी भ्रम में, ना किसी और की परछाई में, बस मेरे… ख़यालों में, ख्वाबों में, दिल की सबसे गहरी... Hindi · कविता 2 103 Share Suneel Pushkarna 22 Aug 2025 · 1 min read पत्र धूमिल स्मृति के साथ स्वच्छ अंतर्मन से लिख रहा हूँ पाती... तुम्हारे परिवर्तन का नाद हूँ मैं तुम्हारे स्पंदन का संगीत हूँ मैं तुम्हारे उद्विग्नता की तन्द्रा हूँ मैं तुम्हारे... Hindi · लेख 1 129 Share Suneel Pushkarna 19 Aug 2025 · 2 min read कुंवारापन “प्रेम” कर बैठती है प्रायः एक विवाहिता स्त्री.. यद्यपि भरा होता है उसके मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र पैरों में अंदु नूपुर… फिर भी जुड़ जाती है किसी की... Hindi · कविता 2 85 Share Suneel Pushkarna 19 Aug 2025 · 3 min read मातृ प्रेम मैं जब भी गोरखपुर वाले घर में जाता था, तो सबसे पहले गेट नहीं खोलना पड़ता था घर के गेट पर ही कोई न कोई स्वागत करने वाला अवश्य मिल... Hindi · लेख 1 100 Share Suneel Pushkarna 19 Aug 2025 · 1 min read कहो... तुम आओगी ना?? नीम की शाखों में चुपके से उतर आई हरियाली, जैसे किसी पुराने गीत में घुल गई हो ताज़ा धुन। बरसों से रूठी गंध लौट आई गीली मिट्टी के संग, और... Hindi · कविता 1 114 Share Suneel Pushkarna 17 Aug 2025 · 3 min read मेरा प्रेम मेरा प्रेम जिसे मैं शब्दों में, वाक्यों में, पंक्तियों में, उक्तियों में, और कविताओं में अभिव्यक्त नहीं कर सकता... यह एक ऐसा बोध है जिसे मैं अति जटिलता से समेट... Hindi · लेख 1 116 Share Suneel Pushkarna 17 Aug 2025 · 1 min read प्रेम के साथ दुर्व्यवहार जर्जर, झुर्रीयों युक्त, झुका हुआ वृद्ध जो जीवन के सा-रे-ग-मा में उलझकर वृद्ध होने का जो जोखिम भी नहीं उठा सकता... सोचता है मुझे भी समय के वर्तमान चलन के... Hindi · कविता 1 94 Share Suneel Pushkarna 17 Aug 2025 · 1 min read अरण्य, कानन की बयार में नष्ट कर रहा था मैं स्वयं को, अरण्य, कानन की बयार में आए तुम, अर्जित किया मैंने स्वयं को अरण्य, कानन की बयार में... आगमनानन्तर पश्चात तुम्हारे ये चक्षु, दृग,... Hindi · कविता 2 75 Share Suneel Pushkarna 16 Aug 2025 · 1 min read प्रेम पाती हे श्री, प्रिया, प्रियतमा, वल्लभा, सजनी, सहचरी "कुशल क्षेम संग" यह प्रेम पाती सुरक्षित रखना, जिन क्षणों में, जिन पलों में हो अवसाद और वेदना व्यथा हो जब तुम्हें बारम्बार... Hindi · कविता 1 101 Share Suneel Pushkarna 13 Aug 2025 · 1 min read स्तब्ध प्रेम जिसे मैं वर्षों से करता आया प्रेम वह मेरे पास आई, बैठी दूर कहीं देखती रही और बोली, मैं नहीं करती तुमसे प्रेम... मैं अचंभित स्तब्ध, हतप्रभ देखता रहा मौन,... Hindi · कविता 1 59 Share Suneel Pushkarna 11 Aug 2025 · 1 min read प्रेम अनादर जर्जर, झुर्रीयों युक्त, झुका हुआ वृद्ध जो जीवन के सा-रे-ग-मा में उलझकर वृद्ध होने का जो जोखिम भी नहीं उठा सकता... सोचता है मुझे भी समय के वर्तमान चलन के... Hindi · कविता 1 77 Share Suneel Pushkarna 11 Aug 2025 · 2 min read प्रेम कविता जब भी लिखता हूँ, कोई प्रेम कविता समर के संघर्ष में, टूटा हुआ, ठूंठ हुआ, पुराना वृक्ष समय के घिसे-पिटे ढाँचे पर, जीवन के उतार-चढ़ाव पर, पुनः होने लगता है... Hindi · कविता 1 83 Share Suneel Pushkarna 10 Aug 2025 · 1 min read प्रेम प्रतीक्षा नील नीलम, नीलवर्ण अंबर तले, दुग्ध जल मिश्रित शर्करा रहित पर्वतीय बूटि संग करो प्रेम प्रतीक्षा बसंत, ऋतुराज, मधुमास की श्यामवर्ण गोधूलि में सुगंधित, सुवासित, सौरभमयि रमणीय, चित्ताकर्षक, वन कानन... Hindi · कविता 1 99 Share Suneel Pushkarna 9 Aug 2025 · 2 min read "प्रेम में होता है परिवर्तन" "प्रेम में होता है परिवर्तन" होता नहीं कोई अनुकर्षण, ना ही कोई सम्मोहन, बनकर लहर, हिलोर सा काया, कलेवर में हो जाता है सम्मिश्रण... बसंत, ऋतुराज, की पहली बयार का... Hindi · कविता 1 100 Share Suneel Pushkarna 9 Aug 2025 · 1 min read प्रेम विडंबना क्योंकि:- "प्रेम"... होता नहीं प्रेम होती है मात्र विडंबना... किसी को देखा:- लगा वो चित्त को सुमनोहर, सुहावना उसका व्यवहार, उसका बोलना चाहता है अब अंतःकरण बार बार उसे देखना,... Hindi · कविता 1 124 Share Suneel Pushkarna 5 Aug 2025 · 1 min read प्रेम मृत्यु प्रेम का यथासंभव: नहीं होता अवसान, प्रेम की नहीं होती मृत्यु, होती है आंशिक मृत्यु… जब भी प्रेम टूटता है, किसी प्रिय का साया भी दूर होता है, हमारे भीतर... Hindi · कविता 1 101 Share Suneel Pushkarna 5 Aug 2025 · 2 min read चेतना और प्रेम “चेतना” और “प्रेम” एक है प्रज्ञा का प्रवाह, दूसरा अंत:करण की ध्वनि, मानव अधिकांशत: डरता है प्रज्ञा के प्रवाह, से न देहावसान से, न विनाश, से, न ही विध्वंस से…... Hindi · कविता 1 73 Share Suneel Pushkarna 4 Aug 2025 · 1 min read सम्बंध क्या है...? सम्बंध क्या है...? सम्बंध का अर्थ है कि जो समान रूप से किन्ही दो व्यक्तियों के मन को प्रत्येक परिस्थिति में हर समय बाँध कर रख सके... साथ ही संबंध... Hindi · लेख 290 Share Suneel Pushkarna 4 Aug 2025 · 1 min read प्रेम क्या है प्रेम क्या है…? क्या वो पंख:- जो एक-दूजे को खुले आकाश में उड़ने का हौसला दे...? या वो वसुधा:- जो शिलाखंडों सी दृढ़ता दे और थाम ले जीवन की जड़ों... Hindi · कविता 110 Share Suneel Pushkarna 4 Aug 2025 · 1 min read प्रेम क्या है प्रेम क्या है…? क्या वो पंख:- जो एक-दूजे को खुले आकाश में उड़ने का हौसला दे...? या वो वसुधा:- जो शिलाखंडों सी दृढ़ता दे और थाम ले जीवन की जड़ों... Hindi · कविता 70 Share Suneel Pushkarna 3 Aug 2025 · 1 min read प्रेम क्या है प्रेम क्या है…? क्या वो पंख:- जो एक-दूजे को खुले आकाश में उड़ने का हौसला दे...? या वो वसुधा:- जो शिलाखंडों सी दृढ़ता दे और थाम ले जीवन की जड़ों... Hindi · कविता 2 118 Share Suneel Pushkarna 2 Aug 2025 · 1 min read प्रेम मर्यादा "प्रेम" एक वर्ण नहिं, उक्ति नहिं, पंक्ति नहिं.... गद्यांश नहिं, पद्यांश नहिं… कोई ग्रंथ नहिं, कोई जाति नहिं, कोई धर्म नहिं, कोई कर्म भी नहिं… "प्रेम" पवित्र वंदना है, आराधना... Hindi · कविता 1 100 Share Suneel Pushkarna 31 Jul 2025 · 2 min read पुरुष प्रेम "प्रेम" भावना मात्र नहीं, अनुभूति नहीं, संवेदना नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण विद्यमानता की पुनर्रचना है... पुरुष जब, "स्त्री प्रेम" में होता है तो वह संवेदना मात्र एक संबंध का नहीं,... Hindi · कविता 2 88 Share Suneel Pushkarna 31 Jul 2025 · 2 min read तुम जब सब कुछ शांत, निर्मल, स्थिर, और मौन होता है, बाहर की दुनिया, कमरे की दीवारें, रात की चुप्पी— तब मस्तिष्क के भीतर एक शोर उठता है, यह कोई साधारण... Hindi · कविता 1 98 Share Suneel Pushkarna 31 Jul 2025 · 3 min read प्रेम यात्रा जब भी "मैं" जीवन की आपाधापी, भागदौड़, होड़, और भगदड़ से थक जाता हूँ, शब्द खोखले लगने लगते हैं, अन्तर्मन की बेचैनी एक अज्ञात दिशा की ओर मुझे खींचने लगती... Hindi · कविता 1 68 Share Suneel Pushkarna 29 Jul 2025 · 2 min read अन्तर्मन कर बैठती है "प्रेम" प्रायः एक विवाहिता स्त्री यद्यपि भरा होता है उसके मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र फिर भी जुड़ जाती है किसी की अनुभूति से.... किसी अपरिचित,... Hindi · कविता 1 86 Share Suneel Pushkarna 27 Jul 2025 · 1 min read प्रेम सुनील है प्रेम गोपाल, प्रेम कान्त प्रेम अनल, प्रेम वीणावादिनी प्रेम दीपक, प्रेम रुचिका प्रेम संध्या, प्रेम बृजनंदनी प्रेम बड़ा अनमोल है, इसका ना कोई माप ना कोई तोल है... प्रेम संघर्षों... Hindi · कविता 79 Share Suneel Pushkarna 25 Jul 2025 · 1 min read जिस्म एक जान वर्ष, माह, दिन, पल समय, काल, अवधि, मुहूर्त, और अवसर सब बदलेगा, पथ, राह, डगर, मुड़ेंगे, ऋतु भी बदलेगी सूरत अपनी, पर हम…. हम-- हर रूप में, वर्ण में, हर... Hindi · कविता 1 66 Share Page 1 Next