NIRA Rani 63 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid NIRA Rani 12 Sep 2017 · 1 min read यादों की गठरी सपनो के ताने बाने है कुछ अरमान पुराने है इक यादों की गठरी है जिसमे जज्बात पुराने है कुछ वादो की टूटन है कुछ ख्वाबों की किरचन है सब देख... Hindi · कविता 1 330 Share NIRA Rani 2 Sep 2017 · 1 min read जहॉ पसरा हो मेरा नाम आओ सौंप दूं तुम्हे अपनी हसरते अपने अरमान अपने सपने अपना मकाम बस तुम लिख दो अपनी हथेली कुछ ऐसा पैगाम जहॉ पसरा हो सिर्फ मेरा नाम मेरी चाहते .मेरी... Hindi · कविता 290 Share NIRA Rani 8 Jul 2017 · 1 min read मै क्या लिखूं कुछ हास लिखूं परिहास लिखू या मन के कुछ जज्बात लिखूं अम्बर का विस्तार लिखूं या सूरज की चमकार लिखू रात्री का अंधकार लिखूं या चंदा का रोमांच लिखूं अब... Hindi · कविता 510 Share NIRA Rani 7 Jul 2017 · 1 min read दोस्तो से भी मिला करो सबके अपने दुख सुख है सबकी अपनी पीड़ा है जीवन चक्र के पहिए मे सबकी अपनी लीला है समय की धार प्रबल पर है कुछ लय मे तुम भी चला... Hindi · कविता 273 Share NIRA Rani 4 Jun 2017 · 1 min read तूफॉ मे कश्ती न मॉझी न हमसफर न हक मे हवॉए तूफॉ मे कश्ती बर्फीले सदाए चाहतो के झोंके क्यू मुझको डराए गजब है ये मंजर ..न राहे दिखाए पाना नामुमकिन ..डर खोने... Hindi · कविता 437 Share NIRA Rani 19 May 2017 · 1 min read पापा तुम तस्वीर मे रहते हो कहते है पापा घर मे रहते है पर वो कमरे मे नही तस्वीरो मे रहते है अक्सर उनके साए से बात कर लेता हूं चुपचाप उन्हे अपनी आगोश मे भर... Hindi · कविता 555 Share NIRA Rani 14 May 2017 · 1 min read मॉ मॉ तुझे कुछ शब्दो मे व्यक्त कर दू ..... कभी हो नही सकता तेरी अनमोल ममता का हिसाब... कभी हो नही सकता बेचैन होती हूं मै ....तो रोती है तेरी... Hindi · कविता 1 2 330 Share NIRA Rani 7 May 2017 · 1 min read बूढ़ी उम्मीदे चौखट पर रोज दिया जलाती है बूढ़ी उम्मीदे चौखट पे रोज चिराग जलाती है मन मे न जाने कितने सपने सजाती है जानकार होकर भी अबूझ पहेली सी नजर आती है सब पर बेटे के अफसर... Hindi · कविता 429 Share NIRA Rani 4 May 2017 · 1 min read तू मुझमे है मैतुझमे हूं प्रथम मिलन की बेला मे कुछ ऐसा अपनापन सा था कुछ नजर नजर की चाहत थी कुछ बेबस दिल की धड़कन थी कुछ पल अपने साथ मे थे कुछ सॉसों... Hindi · कविता 311 Share NIRA Rani 17 Apr 2017 · 1 min read कौन किसे पनाह देताहै कौन किसे पनाह देता है पेड़ भी सूखे पत्ते गिरा देता है वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से दिल भरते ही हर कोई ठुकरा देता है जिंदगी का एक... Hindi · कविता 311 Share NIRA Rani 1 Apr 2017 · 1 min read मुहब्बत के व्यापार मे आज मुहब्बत का अजब फरमान आया जिंदगीको रगंमच और मुझे कठपुतली बताया खुदा की रहमत ने गजब का नूर लाया प्यार और धैर्य की प्रतिमूर्ति नारी का अक्स लाया स्रष्टी... Hindi · कविता 407 Share NIRA Rani 8 Mar 2017 · 1 min read नारी दिवस की बधाई ईश्वर की खूबसरत संरचना हूं मै एक नारी हूं गुरूर है खुद पर खुद के वजूद पर छू लेना चाहती हू आसमान को उसमे उगे चॉद को मुट्ठी मे भर... Hindi · कविता 1 1 631 Share NIRA Rani 16 Feb 2017 · 1 min read कचरे मे जीवन तलाश रहा था कॉधे पर उसके एक थैला था ऑखें उसकी स्याह / मुख मलिन और मैला था नंगे पॉव चुपचाप चलरहा था कचरे के ढेर पे न जाने क्या कर रहा था... Hindi · कविता 286 Share NIRA Rani 14 Feb 2017 · 1 min read समसामयिक घटना पे वार कर रही हूं तीर शब्दो के बना कर लेखनी मे धार कर रही हूं कुछ नही बस सम सामयिक घटना पे वार कर रही हूं न जाने क्यूं? और कब तक ? अशिक्षा... Hindi · कविता 296 Share NIRA Rani 28 Jan 2017 · 2 min read मॉ....सचमुच मॉ पत्थर सी हो गई है . कहते है दिल की बात जुबॉ पर न लाओ तो दिल पर अंकित हो जाती है दिल पत्थर का हो जाता है शायद सच ही है ...80 वर्ष की उम्र... Hindi · लघु कथा 577 Share NIRA Rani 25 Jan 2017 · 1 min read तुम्हे एक लम्तुहात गुजरने से पहले इश्क के जज्बात मे पिघलने से पहले न जाने ये ख्याल आया है .... न तुम्हे पाया है न पाने का इरादा पर तुझे खो... Hindi · शेर 244 Share NIRA Rani 14 Jan 2017 · 1 min read मकर संक्रान्ति मुबारक बच्चे जब से परिंदों ने खुद के शौक को जामा पहनाया है तब से हमारी जिंदगी मे ठहराव आया है अब सुबह उठकर टिफिन बनाने की जद्दोजहद नही होती स्टॉपेज पे... Hindi · कविता 616 Share NIRA Rani 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियॉ बेटियॉ .. वेदों की माने तो गाथा हैं वो किसना के साथ भोली राधा हैं वो घर पे है तो मर्यादा है वो युद्ध स्थल पे वीरांगना है वो शत... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share NIRA Rani 1 Jan 2017 · 1 min read नव वर्ष मुबारक ऊषा की पहली किरण मुस्कराई आज फिर एक नया सबेरा लाई कुछ नई सौगाते और सपने साथ लाई कण कण मे उजाला भरती हुई आई भगवान ये उजाला नित नये... Hindi · कविता 416 Share NIRA Rani 20 Dec 2016 · 1 min read .. या खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे शिद्दत से ख्वाहिश है दिल की खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे पर गुनाह जो तुझसे हुए याखुदा उनका कौन हिसाब करे रिवाजो रस्मो की अाड़ मे न मालुम कितने... Hindi · कविता 1 303 Share NIRA Rani 3 Dec 2016 · 1 min read जिंदगी मुझ पर लिखती है मै जिंदगी पर लिखती हूं जिंदगी मुझ पर लिखती है कभी वो मुझ पर अौर कभी मै उस पर हंसती हूं मै मॉगू फूलों सी हंसी तो वो कॉटें भी... Hindi · कविता 1 365 Share NIRA Rani 1 Dec 2016 · 1 min read जी लेना चाहती हूं मै भी देखना चाहती हूं एक अलसाई सी गुलाबी सुबह .. रजाई मे खुद को भीचे ऑखें मीचे महसूस करना चाहती हूं कोहरे मे ढकी सूरज की गुलाबी लालिमा बिस्तर... Hindi · कविता 395 Share NIRA Rani 26 Nov 2016 · 1 min read चट्टानों पे चलकर मै आज यहॉ तक पहुची हूं चट्टानों पे चलकर मै आज यहॉ तक पहुंची हूं अंगार अधर पे धर कर ज्वला को होंठों से पीकर दाह हसरतों का करके मै आज यहं तक पहुंची हूं फूलों... Hindi · कविता 399 Share NIRA Rani 17 Nov 2016 · 1 min read अपने वजूद की पहचान कर चला है आज दिल फिर से मुकम्मल हो चला है तेरे यादो की गली से मुह मोड़ के चला है उधार की खुशिया ..जो तुझसे होकर गुजरी किसी जमाने मे जो थी... Hindi · कविता 445 Share NIRA Rani 12 Nov 2016 · 1 min read लो काला धन बचाय कहे कबीरा आज तक धन को रहत लुकाय पल भर मे घोषित करो सब कोई अपनी आय मोदी जी ने जो कही कर लो संतो भाई सी ए के तुम... Hindi · दोहा 464 Share NIRA Rani 12 Nov 2016 · 1 min read गैरो मे कहॉ दम है ..अपने ही चोट दे जाते हैं क्या हुआ कुछ वक्त के थपेड़ो ने कमजोर कर दिया टूटा तो वो पहले ही था हालातों ने ढेर कर दिया गुमा होता है कि जिंदगी मुस्कराएगी एक बार फिर... Hindi · कविता 559 Share NIRA Rani 7 Nov 2016 · 1 min read धुंध की चादर मे शहर सिसक रहा है न जाने क्यू दिल मे कुछ हलचल हो रही थी द्वार पे जाकर देखा तो इक पेड़ पे बनी थी नश्तर लिए हाथो मे पत्ते कतर रहे थे जी जान... Hindi · कविता 626 Share NIRA Rani 5 Nov 2016 · 1 min read गरीबी गरीबी गरीबी … गरीबी भी कितनी अजीब है शायद ये ही उनका नसीब है गरीबी भी दो किस्म की देखा किसी को मन का तो किसी को तन का गरीब... Hindi · कविता 293 Share NIRA Rani 27 Oct 2016 · 1 min read दिया जलता रहा दिया जलता रहा सचमुच दिया जलता रहा घनघोर स्याह रात थी हॉ अमावस की रात थी वो दिया जलता रहा शायद उम्मीदो का दिया था फक्र से जलता रहा कही... Hindi · कविता 596 Share NIRA Rani 27 Oct 2016 · 1 min read अश्को का अक्स नजर आया है अक्सर खुद को खुद से फरेब करते पाया है दिल मे कुछ जुबॉ को कुछ और कहते पाया है ओस की बूंदो को जो देखा जी भर के तो खुद... Hindi · कविता 372 Share NIRA Rani 21 Oct 2016 · 1 min read बर्फ का गोला आज फिर वही तपती दोपहर थी वही पगडंडी थी .वही गर्म रेत थी नही थे तो बस तुम!!! याद है ...हम दोनो घंटों उस पगडंडी पे बर्फ के गोले वाले... Hindi · कविता 1k Share NIRA Rani 20 Oct 2016 · 1 min read जीने के बहाने ढूढ़ लेती है जिंदगी एक जिदगी कई फसाने ढूढ़ लेती है . कुछ अच्छे तो कुछ बुरे अफसाने गढ़ लेती है कभी किसी उम्मीद मे घुलकर रंगीन हो जाती है जिंदगी तो कभी किसी... Hindi · कविता 410 Share NIRA Rani 15 Oct 2016 · 1 min read रंगों केअर्थ बदलते है .. रिश्तों के रंग बदलते है कुछ गहरे कुछ फीके पड़ते है मन की तरंगो से रिश्तों की उमंगो से रंगो के अर्थ बदलते है .. प्रेम की बरसात मे भीगे... Hindi · कविता 491 Share NIRA Rani 12 Oct 2016 · 3 min read सशक्त होती आज की नारी स्वयं की शक्ति को संगठित कर सशक्त होती आज की नारी .... संस्कारो मे नही दायित्वो मे लिपटी है आज की नारी .दायित्व निर्वाह मे अगर्णी निर्मला नारी अपनी शारीरिक... Hindi · लेख 1k Share NIRA Rani 6 Oct 2016 · 1 min read कुछ वक्त साथ ले आउँ !! फुर्सत हो तो मैं आउँ कहो तो कुछ वक्त साथ ले आउँ तुम्हे वक्त नही है जमाने से मुझे फुर्सत नही तेरी यादों की झडी़ लगाने से तुम कहते हो... Hindi · कविता 624 Share NIRA Rani 5 Oct 2016 · 1 min read कोई आज ..कोई चार दिन बाद जिंदगी जितनी गुजरी है कुछ कमाने मे उससे कहीं ज्यादा गुजरी है बहुत कुछ गवॉने मे खून के रिश्ते जो बहुत प्यारे थे जिंदगी जीने के सहारे थे वो बेवक्त... Hindi · कविता 338 Share NIRA Rani 3 Oct 2016 · 1 min read फौजी की बीवी .....दे दो वक्त को मात क्या हुआ जो बिछड़ गई तुम क्या हुआ जो बिखर गई तुम क्या हुआ जो छूटा पति का साथ वो शहीद सरहद पे हो गए दे दुश्मन को मात ..... Hindi · कविता 680 Share NIRA Rani 1 Oct 2016 · 1 min read लाल बिंदी ... माथे पर मॉ लाल बिंदी लगाती थी बस उसी से मॉ समर्पित दिखलाती थी बिंदी के श्रंगार से उसका चेहरा झिलमिलाता था बिन मेकअप के लालिमा जगाता था मॉ के... Hindi · कविता 834 Share NIRA Rani 1 Oct 2016 · 1 min read सच्चे प्रहरी हो ... चैन से हम सो सके इसलिए तुम गश्त लगाते हो शेर की मॉद मे घुसकर के तुम गीदड उसे बनाते हो भारत के सच्चे प्रहरी हो हर त्योहार वही मनाते... Hindi · कविता 366 Share NIRA Rani 30 Sep 2016 · 1 min read रहते हो दिल के करीब ..रहते हो दिल के पास रहते हो दिल के करीब रहते हो दिल के पास अजनबी सा लगने लगा हर शय जब से तुम हो रूह के रेशे के पास जानते हो ... इन हवाओ... Hindi · कविता 398 Share NIRA Rani 25 Sep 2016 · 1 min read हसरतें घायल और दायित्व मजबूत हो रहें है हसरते घायल और दायित्व मजबूत हो रहे आस्तित्व की खोज मे खुद से गुम हो रहेहै... प्रौढता की चादर ओढे हसरत मुसकुरा रही है भीगी पलकों से शबनम गिरा रही... Hindi · कविता 409 Share NIRA Rani 23 Sep 2016 · 1 min read हालात अपने हालात की नुमाइश अच्छी नही होती क्यूकि हर रिश्ते की खनक सच्ची नही होती Hindi · शेर 272 Share NIRA Rani 19 Sep 2016 · 1 min read भीगी पलकों के मुरीद हो शायद मेरी भीगी पलकों के मुरीद हो शायद ... जब भी मिलते हो रुला देते हो प्यार पर जाने क्यूं पहरा बिठा देते हो पर जब भी रोती हूं तो गले... Hindi · कविता 780 Share NIRA Rani 17 Sep 2016 · 1 min read दान' हुई हकदार बदल गए बिन तेरी मर्जी के बापू कभी कही नही जाती थी घर ऑगन मे चहक चहक बस तेरा हुक्म बजाती थी पर सहसा … ‘दान ‘ हुई हकदार बदल गए !... Hindi · कविता 513 Share NIRA Rani 6 Sep 2016 · 1 min read दस्तक ..वक्त और उम्र की दस्तक ! वक्त और उम्र की .. अचानक वक्त और उम्र की दस्तक से हैरान हो गई किसे मिलूं किसे समझूं परेशान हो गई मैने कहा आओ बैठो ... वक्त... Hindi · कविता 4 1k Share NIRA Rani 4 Sep 2016 · 1 min read सपनों के महल को अपना घर बता रहे हैं क्या खो रहे है क्या पा रहे है अनजानी सी होड मे बस दौडे जा रहे है जो मिल गया वो मुक्कद्दर नही तो बद किस्मती बता रहे है सपनों... Hindi · शेर 265 Share NIRA Rani 31 Aug 2016 · 1 min read _इलाहाबाद इलाहाबाद की मिट्टी की खुशबू कुछ खास है क्यूंकि यहॉ गंगा जमुना सरस्वती का वास है लेटे हनुमान जी की महिमा अपार है तभीतो गंगा जी उनके चरण छूने को... Hindi · कविता 456 Share NIRA Rani 30 Aug 2016 · 3 min read नायलॉन का मोजा/या एक साधारण ग्रहणी सुबह सुबह आठ बजे घंटी बजी ..जाकर दरवाजा खोला तो देखा सफाई वाला मजदूर था .. माह मे एक बार आकर घर की सफाई कर जाता है . .खैर मै... Hindi · कहानी 2 571 Share NIRA Rani 29 Aug 2016 · 1 min read मजहब के रंग हजार देखे हैं सुना है मजहब के रंग भी हजार होते है कभी कभी हम भी इन्ही से दो चार होते है ....... कान्हा का पीताम्बर कोई जावेद सीते है राधा की माला... Hindi · कविता 409 Share NIRA Rani 27 Aug 2016 · 1 min read एक बार फिर संयमित हो रही हूं सांकेतिक व्यंग एक बार फिर ...... आज फिर संयमित हो रही हूं संगठित होकर सारगरभित हो रही हूं स्वयं की लेखनी को स्फुटित कर भीगे लफ्जो को अल्फाज दे रही... Hindi · कविता 409 Share Page 1 Next