Ranjana Mathur Tag: कविता 253 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjana Mathur 14 Sep 2021 · 1 min read "रघुवर हैं भारत के पर्याय". भारत भूमि है सदा राममय रघुवर भारत का पर्याय। ब्रह्मांड के सृजक राम ही आद्योपांत जन-जन में समाय।। असंतोष में संतुष्टि हैं राम सर्वज्ञ भी हैं समष्टि हैं राम। कोटि-कोटि... Hindi · कविता 1 384 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2021 · 1 min read "गणेश वन्दना " देवों के देव शिवसुत हे प्रभु हे सिद्धि विनायक गणेशा सर्वप्रथम जो पूजे तुझको सर्वसुख पाए वह हमेशा। हे विघ्नहर्ता हे सुखकर्ता मोदकप्रेमी तेरी जय हो तव भक्त जो आवे... Hindi · कविता 1 2 396 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2021 · 1 min read हम नारियाँ आओ आज कुछ कर जाएं नीलाभ व्योम पर बिखर जाए उलीच डालें हम आज पयोधि नदियों का प्रवाह बदल डालें मुरझाएं पुष्पों को दे सुरभि वेग मारुति का हम थामें... Hindi · कविता 2 2 419 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read समय समय समय से न टक्कर लेना समय बड़ा ही शक्तिमान। संग चलने में ही सार है समय है प्रबल गतिमान। सूर्य चन्द्रमा सारी प्रकृति समय चक्र की दासता से मुक्त... Hindi · कविता 2 1 551 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read बचपन की बारिश सावन का महीना, न धूप न पसीना। आ गई तू बरखा प्यारी, रिमझिम रिमझिम तेरी फुहारी। तेरे आने पर हर बार, जाग उठती हैं यादें सारी। वो नन्हे से दोस्त... Hindi · कविता 2 339 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read अब तो जागो कविता शीर्षक - "अब तो जागो" उमड़ घुमड़ घिर आते बादल फिर धुंआधार बरसाते बादल अन्तहीन करते जलवृष्टि हाहाकार मचाते बादल हुआ है चहुंदिश जलप्लावन बाढ़ से ग्रसित हुआ जन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 417 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तुम आए हो शीर्षक - " तुम आए हो?" उमड़- घुमड़ श्यामल मेघावरि दमक रही तड़ तड़ित दामिनी शोर हुआ घनघोर घटा का झर - झर बुंदियाँ बरसाए हो सुना है कि तुम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 289 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read आया सावन कविता शीर्षक - आया सावन पर्ण-पर्ण हरीतिमा खिली है मौसम क्या मनभावन है छाया। शु हर हृदय की कली खिली है सौंधी माटी ने है मन भरमाया। झनन झनन झन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 361 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तब मानूँ मैं ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तब मानूँ मैं" प्राणी के तन की ही नहीं उठती मन की भी उमस क्लांत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 327 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तू नीर बहा दे ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तू नीर बहा दे" प्रावृट् की आ गयी है बेला मेघवृत्त हुआ है अम्बर उड़त-... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 308 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 1 min read गीता छंद गीता छंद डाली नभ रक्तिम चूनर,धरणी सजी वधु वेश। मंद मंद मारुत प्रवाह,रश्मिरथी का प्रवेश।। खगवृंद का सुखद विचरण,गौ धन चरण शुचि धूल। भिनसारे निरखी बेला,हृदय जाता दुख भूल।। माँ... Hindi · कविता 722 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 1 min read कहीं मौका न निकल जाए ?????????? पत्नी ने कहा जी सुनते हो बेटी की उम्र बढ़ रही है। लेकिन यह महामारी है कि रोज नये बहाने गढ़ रही है। लड़के वालों का आया फोन लड़के... Hindi · कविता 1 330 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 2 min read मेरी पहली हास्य कविता मेरी पहली हास्य कविता बहना का आदेश हुआ कल, हास्य की कविता पढ़नी ही है। मन में सोचा आए न आए, चुरा चुरु के गढ़नी ही है।। उठा डायरी पकड़... Hindi · कविता 1 651 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read क्यों हताश रे मानव जीवन रथ के दो हैं चक्र और एक दूजे के हैं पूरक, तुम प्रज्वलित जीवनदीप मैं बाती जिजीविषा सूचक। सृष्टि के दो अंग अभिन्न तुम पुरुष और मैं नारी हूँ,... Hindi · कविता 575 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read ताटंक छंद यह एक चार चरणों का मात्रिक छंद है ।प्रत्येक चरण में कुल 30 मात्राएँ होती हैं जिसमें 16-14 मात्रा भार के क्रम से यति निश्चित होती है । ताटंक छंद…... Hindi · कविता 1 339 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read त्रिलोकी छंद उगते रवि को नमन,नियम संसार का। स्वार्थी है यह जगत,मोल क्या प्यार का।। (2) बोलो मीठे बैन,बने बिगड़े काज। बात प्रेम से बने, बोल मनुहार का।। (3) बैरी अपना बने,... Hindi · कविता 384 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read बुढ़ापा ?बुढ़ापा ? बुढ़ापा न है कोई बीमारी फिर क्यूँ इससे घबराती दुनिया फिर क्यूँ इससे हारी सृष्टि के संचालन का यह है अंतिम पड़ाव यह माना कि इसमें गति नहीं... Hindi · कविता 427 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read पंचचामर छंद पंचचामर छंद ✔️ शिल्प~ [रगण जगण रगण जगण रगण](गुरुलघु ×7 "सरस्वती वंदना" नमो सरस्वती करूं प्रणम्य मातु भारती। करूँ उपासना चढ़ा प्रसून शुभ्र आरती।। कृपानिधान वत्सला प्रसीद ज्ञान दायिनी। अज्ञानमर्दिनी... Hindi · कविता 2 632 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 2 min read एक बार फिर "एक बार फिर" वाह रे मानव किया कार्य बहुत महान तेरी कुत्सित ज़िद से एक बार पुनः तपोवन बना श्मशान बरपा है कुदरत का कहर उत्तराखंड में फिर एक बार... Hindi · कविता 2 2 383 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read कुकुभ छंद कुकुभ छंद - 30 मात्राएं,16-14 पर यति , चरणांत 2 गुरु । बिखरी है क्षितिज में लालिमा, रवि मरीचि अम्बर छाई। उठ कर सुमिरन कर ले प्रभु का,भोर सुहानी है... Hindi · कविता 1 273 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read माहिया छंद माहिया छंद…….. 12-10-12 घट-घट वो बसता है हम पर प्रति पल ही प्रभु प्रेम बरसता है। जग का वो स्वामी है कष्ट निवारक है प्रभु अन्तर्यामी है। जाको राखे सांई... Hindi · कविता 1 446 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read क्यूँ तू हताश रे मानव क्यूँ तू हताश रे मानव जीवन रथ के दो हैं चक्र और एक दूजे के हैं पूरक, तुम प्रज्वलित जीवनदीप मैं बाती जिजीविषा सूचक। सृष्टि के दो अंग अभिन्न तुम... Hindi · कविता 1 286 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read सरस्वती वंदना सरस्वती वंदना हे श्वेत वसनी पद्मासना माँ जय हो जय हो जय हो तिहारी। कृपाहस्त से हर लो तिमिर अब हो ज्ञानमय लेखनी हमारी।। मातु शारदा श्री चरणों में पीतपुष्प... Hindi · कविता 1 2 392 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read बीती दास्तान बीती दास्तान सूरत ही बता रही है कि इमारत बुलंद थी इक बीती दास्तान मेरे दिल में ही बंद थी। इस झील के किनारे कभी रौनक की थी दुनिया किस्से... Hindi · कविता 1 503 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2020 · 1 min read पापा होते अद्भुत "पापा होते हैं अद्भुत " माँ का वात्सल्य टपकता है टप-टप परन्तु पिता का प्यार अदृश मगर होता महसूस रहता सदा ठोस ढाल के भीतर किन्तु नहीं माता से कम... Hindi · कविता 1 1 349 Share Ranjana Mathur 11 Sep 2020 · 1 min read जय श्री राम जय श्री राम भारत भूमि है सदा राम मय, राम है भारत का पर्याय। ब्रह्मांड के सृजक राम ही, आद्योपांत जन जन में समाय।। असंतोष में संतुष्टि हैं राम, सर्वज्ञ... Hindi · कविता 2 375 Share Ranjana Mathur 28 Jun 2020 · 1 min read प्यारी बेटियाँ स्वर्ग से उतरी परी हैं बेटियाँ पुष्पों की पंखुरी है बेटियाँ। जहाँ नहीं बिटिया का वास वहाँ न खुशियों का आवास। पावन दुर्गा माँ हैं बेटियाँ हर परिवार की जां... Hindi · कविता 4 292 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read हे अब्धि! तुम कुपित न होना।" हे अर्णव ! सरिता के प्रियतम तटिनी के बहाव के विराम हो तुम। नीर संग स्वीकारते हो तुम नदियों के सकल खुशियाँ और गम। हे समुद्र! कहलाते नीरनिधि और इसीलिए... Hindi · कविता 2 237 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read याद आया वह गुज़रा ज़माना आज फिर वही काली घटा आई क्यूँ फिर यादों की बदली छाई चाय तो महज़ बहाना होता था माँ से अपनी मनवाना होता था। रिमझिम बरखा कच्ची ख्वाहिशें माँ से... Hindi · कविता 1 250 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read अनुभव अनुभव का पिटारा है मस्तिष्क के भंडारगृह का वह कोना जो भरा है खचाखच उन बेशकीमती यादगार लम्हों से जो समय की रेत पर फिसल-फिसल कर रगड़ खा-खाकर आज इतने... Hindi · कविता 1 479 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 2 min read प्यारा भारत देश मेरा युगों-युगों से जगत् गुरु है भारत का सुन्दर परिवेश। आदिकाल से विजय दुंदुभि बजा रहा है भारत देश।। गणित और विज्ञान का उद्भव भारत है यह स्मरण कराएं। प्यारे भारत... Hindi · कविता 1 2 593 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read प्रभु आशीष कोई ऐसी रात नहीं है जिसका हुआ न हो सवेरा दुख जाएगा सुख आएगा चाहे दुख तेरा हो या मेरा रोने से दुख कम होता हो तो अश्रु बहा ले... Hindi · कविता 1 1 557 Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read कौन फैलाता प्रदूषण कहर भले ही जीवाणु का है सागर नदियाँ ताल हो रहे स्वच्छ। घट तट तीरे सब श्वास ले रहे रेत में लोटते कछुए मगरमच्छ। पारदर्शी है सरित सलिल यूँ मानों... Hindi · कविता 1 206 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 2 min read ये क्या हुआ हुए मंदिर के पट क्यों बंद बहुत नाराज़ हैं अम्मा, कभी अस्सी बरस में न देखा ऐसा आया यह कोविद निकम्मा। लाॅक डाउन में बाऊ जी के तो रुतबे भी... Hindi · कविता 2 2 457 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 1 min read कर्त्तव्य बोध है कर्तव्य पथ निर्मित विधि द्वारा चलना है जीवन पर्यन्त प्राणी को चलना है अनवरत बिन कर्त्तव्य से हुए विमुख शिशु का है अधिकार कि माता उसकी क्षुधा मिटाए कर्तव्य... Hindi · कविता 2 1 426 Share Ranjana Mathur 15 Mar 2020 · 1 min read मर्यादा पुरुषोत्तम भारत है वह देश जिसको करता सकल विश्व प्रणाम। यह वो पावन देश है जिसमें जन्मे मर्यादा पुरुषोत्तम राम। थे श्री राम मर्यादा के सागर नियमबद्ध चरित्र की मिसाल आज... Hindi · कविता 442 Share Ranjana Mathur 11 Mar 2020 · 1 min read कदम मिलाकर चलना होगा हमारे प्यारे भारत देश की अब तकदीर बदलना होगा संकटमोचक विघ्नहर्ता बन कदम मिलाकर चलना होगा। क्योंकर ये विषाक्त हवाएँ आज हुई चहुँ दिश विस्तीर्ण देश की संस्कृति और सभ्यता... Hindi · कविता 1 249 Share Ranjana Mathur 11 Mar 2020 · 1 min read आगाज़ होली का होली का आगाज़ चलो न चलते हैं रंगों ने दी आवाज़ चलो न चलते हैं बैर शत्रुता भेदभाव सबको दें भुला हर चेहरे पर प्रेम का रंग हम मलते हैं।।... Hindi · कविता 1 1 240 Share Ranjana Mathur 11 Mar 2020 · 1 min read होली की मस्ती सब रंगों के मेल से जैसे सज उठती रंगोली। वैसे ही सतरंगी- सी होती है प्यारी होली।। सब मिल जाते भुला कर निज जाति धर्म और बोली। भारत में होली... Hindi · कविता 266 Share Ranjana Mathur 6 Mar 2020 · 1 min read सफ़र ये सफ़र ही तो हो जन्म से मृत्यु तक अबाध अनोखा सफ़र पल की भी न किसी को खबर कि होगा क्या बाद पल भर यहाँ खबर नहीं पल की... Hindi · कविता 1 1 254 Share Ranjana Mathur 6 Mar 2020 · 1 min read प्रहलाद रूपी सत्य है होली नन्ही-सी नवल-धवल नूतन अँखिंयों में कौंध रहे थे अनबूझे से प्रश्न कई नन्हा बोल उठा सुन मैया ! क्या होती है होली ? माँ ने कहा रंगों का मेला जिसमें... Hindi · कविता 391 Share Ranjana Mathur 6 Mar 2020 · 1 min read पावन त्योहार रंग उड़ाती होली आई रस बरसाती होली आई। चलो खूब रंगों से खेलें झूमती गाती होली आई। मस्ती में है सबका हाल टेसू फूले हैं डाल डाल। हर प्रसून पर... Hindi · कविता 267 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read मिलन मीत मिलन की महती महिमा मिलो मोहब्बत से मन मीत संग मालिक की माया मोहे मोरा मन मन मचले मोहन से मिलन को मिलन में है मिली मिठास मधुमय मुग्ध... Hindi · कविता 1 230 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read आलिंगन छायी देखो बसंत की मस्ती चली मदिर वासंती बयार। विटप संग लिपटी है वल्लरि आलिंगन संग निखरा प्यार। इन्हें बांहों का झूला कह दें या नाम दें स्नेह अकिंचन। जब... Hindi · कविता 1 242 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read "मतलबी " बिना स्वार्थ न पूछे कोई बिन काम के कोई न यार मतलब का हर इंसा बन्धु मतलबी है सारा संसार। आज समय वो है जग में। मतलब की साथी संतान... Hindi · कविता 2 259 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read सपने में विरह के उठते धुंए में शनैः शनैः, तुम्हारे चेहरे का धुंधलाना। स्मरण कर-करके तुम्हारा, साँसों का मेरी रुक-रुक जाना। दिवास्वप्नों के सतरंगी झूलों में, अब और न मुझे झुलाना। सचमुच... Hindi · कविता 1 1 243 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read करना होगा विश्वास कई अजूबे इस दुनिया में तुम मानो या न मानो हर शह परखी नहीं है जाती इशारों में ही पहचानो। घड़ी की सुई है समय को चलाती कभी समय को... Hindi · कविता 283 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read क्या परिभाषा प्रेम की प्रेम! पर टिकी है सृष्टि तनिक इस जग पर डालो तो दृष्टि। उर्वी! ने निज उर पर धारे सरित सुमेर और सिन्धु सारे वसुधा है करती इनसे प्यार तभी उठाया... Hindi · कविता 263 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read रंग रंगीला फागुन रंग रंगीला फागुन बहारें ले कर आ गया। संतरगी रंगों की फुहारें ले कर आ गया। न करना बरजोरी सुन ओ सांवरे कन्हैया कहीं मुड़ न जाए प्यारी राधे की... Hindi · कविता 1 384 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read दुविधा बता गये हैं संत महात्मा असमंजस का क्या अंजाम। दुविधा में दोनों ही जाते माया मिलती और न राम।। यदि चाहते हैं हम कि सदा पक्ष में हो हर परिस्थिति।... Hindi · कविता 408 Share Page 1 Next