meenu yadav Language: Hindi 57 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid meenu yadav 16 Jun 2022 · 1 min read बापू- तेरी लाडली बापू तेरी लाडली के लाड़ कोई न करता.... तू थकने पर कंधे पर खूब घुमाया करता, अब कोई एक गिलास पानी की भी न पूछता, आँखों मे आँसू झलकते, कोई... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 4 285 Share meenu yadav 13 Nov 2021 · 1 min read बचपन... बचपन... माँ का सुबह जल्दी उठाना, हमारा बस पाँच मिनट… पाँच मिनट…, कह कर फिर से सो जाना, घड़ी के काँटे का अपनी गति से बढ़ना… एक दम से हमारा उठना... Hindi · कविता 1 1 441 Share meenu yadav 30 Jul 2021 · 2 min read कहानी एक घर की एक ही दिन में तीन-चार छोटी-छोटी घटनाएँ घट गई । झलक ने सुबह उठते ही बताया ,"पापा कल मेरी फीस जाएगी ।अजय एक मिनट तो खबर सुनकर शांत कुरसी पर... Hindi · कहानी 1 349 Share meenu yadav 12 Jul 2021 · 1 min read इस बार पछुआ कुछ ऐसी चली, इस बार पछुआ कुछ ऐसी चली, यादों की मानो साँसे चली, जो दबा था बरसों से दिल की गली, उसे देख जीवन में हलचल मची। इस बार पछुआ कुछ ऐसी... Hindi · कविता 1 2 308 Share meenu yadav 9 Jul 2021 · 3 min read इंसान कभी रुकती नहीं प्रस्तावना -समय हर घाव भर देता है , कितना ही गहरा क्यों न हो ! करोना के इस कुचक्र में न जाने कितनों को जख्म दिए पर सभी गुजरते वक्त... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 491 Share meenu yadav 14 Jun 2021 · 1 min read गुलाब की दास्तां गुलाब का फूल , काँटो के बीच पलता-बढ़ता और पनपता है , सुंदरता और सुगंध से सारा गुल महकाता है । सभी के मन को भाता है ... सीख यही... Hindi · कविता 1 2 703 Share meenu yadav 4 Jun 2021 · 1 min read जीवन की अवस्थाएँ... शैशवावस्था की हँसी, देख दौड़े सभी, कोई चाहे गोद में उठाना, तो कोई प्यार से सहलाना । बाल्यवस्था की शरारतें , जिससे आए दिन आए शिकायतें । माँ-बाप का दुर्भर... Hindi · कविता 1 1 410 Share meenu yadav 2 Jun 2021 · 1 min read नारी तू स्वाभिमानी है .. नारी तू स्वाभिमानी है .. भारत की गौरव-गाथा में तू, इतिहास की रानी है ! कभी लड़ाई के कारण में तू, तो कभी वीरता की निशानी है ! नारी तू... Hindi · कविता 1 4 674 Share meenu yadav 2 Jun 2021 · 1 min read हमारा अन्नदाता कोई रिक्शा चला कर पेट भरता है, तो कोई हाथ फैलाकर । कोई व्यापार कर घर चलता है , तो कोई चाकरी कर । भूखा तो कोई नहीं रहता !... Hindi · मुक्तक 1 2 338 Share meenu yadav 1 Jun 2021 · 1 min read मैं ..... जब से माँ की उंगली छूटी, बहुत रोई हूँ, मैं !! अकेले चलते-चलते, बहुत डरी हूँ, मैं !! ज़िन्दगी की राह में, हमेशा आगे ही बढ़ी हूँ, मैं !! खुली... Hindi · कविता 1 418 Share meenu yadav 31 May 2021 · 1 min read पति मेरा सयाना, पति मेरा बड़ा सयाना, हर घड़ी मारे मुझे, पैसों का ताना । न दिन को चैन , न रात को दाना । देर से आने पर करता, हरदम वो नया... Hindi · कविता 1 306 Share meenu yadav 31 May 2021 · 1 min read वार्ता बातें तो सब करते हैं, कुछ शोर करते हैं, तो कुछ लोगों को बोर करते हैं । हम तो उनमें से हैं, जो लोगों को आत्मविभोर करते हैं । -... Hindi · मुक्तक 280 Share meenu yadav 29 May 2021 · 1 min read जेठ में बरसात जेठ के माह में, तपती दुपहरिया में, खेत बीच खड़ा किसान, तक रहा था आसमान । जेठ के माह में किसान …. शरीर से बहा रहा पसीना, चीरने को धरती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 510 Share meenu yadav 28 May 2021 · 1 min read इंतज़ार में इन्तहा के पल 1. एक झलक को, बरसों किया इंतज़ार, इन्तहा हुई , जब वो आए किसी के साथ !! 2. बेदर्द वो ही नहीं , ज़माना भी है । हर ज़ख्म पर... Hindi · शेर 3 3 356 Share meenu yadav 28 May 2021 · 3 min read ऐसी गलती फिर न होगी (बचपन की सीख से) रामनिवास सपरिवार नई दिल्ली से सट्टे एक छोटे से गाँव दौलतपुर में रहता था। उसका दुनिया अपने बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती थी । मीना उसकी चहिती बेटी थी । वह... Hindi · कहानी 1 310 Share meenu yadav 27 May 2021 · 1 min read ये वक्त 1. न कल किसी ने देखा, न कल कोई देखेगा, ये वक्त है भाई ! जो इसे समझेगा, वही जीतेगा !! 2. न इसने किसी को रोका है , न... Hindi · मुक्तक 2 5 564 Share meenu yadav 27 May 2021 · 1 min read जब मैं छोटा बच्चा था, जब मैं छोटा बच्चा था, बड़ी शरारत करता था । जब में छोटा बच्चा था , दादा जी लाठी लेकर, बड़ी जूत्तियाँ पहनकर , नकल उनकी करता था । जब... Hindi · कविता 1 3 5k Share meenu yadav 25 May 2021 · 1 min read फ्लेशबैक मैं भी कभी बच्ची थी, बड़ी नाज़ों से पली थी । हर इम्तिहान में , बिलकुल खरी उतरी थी । हारने का डर सताता था, इसलिए जीत के लिए लड़ी... Hindi · कविता 2 2 421 Share meenu yadav 22 May 2021 · 1 min read वो यार कहाँ से लाऊँ...... वो यार कहाँ से लाऊँ ??? स्कूल में जिन संग , आँखमिचौली खेली थी । इसकी अब्बा ,इसकी कुट्टा, वही सब सखी सहेली थी । खेल का मैदान हो या... Hindi · कविता 1 638 Share meenu yadav 21 May 2021 · 1 min read बरसात की इक रात वह रात अभी भी याद है जब कारी बदरिया छाई थी । मैं अपने पिया संग , लॉन्ग ड्राइव पर गई थी । रात के आठ बजे थे, रास्ते में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 480 Share meenu yadav 21 May 2021 · 1 min read पति बेचारा कोरोना का मारा पति बेचारा कोरोना का मारा जब से आया कोरोना वाइरस , पति बेचारे हो गए है , सीरियस । काम- धाम सब छूट गया है, अब तो बस घर ही... Hindi · कविता 1 3 958 Share meenu yadav 19 May 2021 · 1 min read ऐसी देखी बरसात जब मैंने आकाश की ओर देखा, बादल गहरा रहे थे । प्रभात की बेला,रात्रि की कालिमा में बदल रही थी ... वसुधा पथराई अंखियों, सूखे अधरों से आसमाँ तक रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 11 1k Share meenu yadav 9 May 2021 · 1 min read माँ और हम माँ वो होती हैं जो जन्म देती हैं, उंगली पकड़ हमारी पग -पग चलना सिखलाती हैं। अपनी गोद में बैठकर प्यार भरा निवाला खिलाती है । हमारी आँखों में आँसू... Hindi · कविता 2 6 373 Share meenu yadav 15 Jan 2020 · 1 min read हम बच्चे कब बड़े होंगे ??? हम बच्चे कब बड़े होंगे ??? हम बच्चे कब बड़े होंगे ...... मन मर्ज़ी का काम करेंगे , परीक्षा से हम नहीं डरेंगे .. मार्क्स पर मारनहीं खाएँगे l हम... Hindi · मुक्तक 1 272 Share meenu yadav 24 Dec 2018 · 1 min read पुष्प का अभिमान पुष्प का अभिमान मैं वो पुष्प हूँ ; जो महकता हैं अपने लिए .. दूसरे की परवाह नहीं , उपवन की खूबसूरती उनसे नहीं l मैं वो पुष्प हूँ.... मुझसे... Hindi · मुक्तक 1 1 465 Share meenu yadav 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ऐसी ही होती हैं..... माँ ! माँ हैं !जगत जननी हैं ! कहने को ब्रह्मा - रचयिता , विष्णु पालनहार और शिव संहारक हैं .... लेकिन माँ इन तीनों देवों से ऊपर हैं ....... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 42 530 Share meenu yadav 7 Dec 2017 · 1 min read मेरा सपना एक दिन मैंने सपना देखा , उसमे मैंने खुद को देखा .. मैं भारत की वीर सिपाही , पहनी थी मैंने खाकी भाई ! एक हाथ बंदूक लिए , दूजे... Hindi · कविता 596 Share meenu yadav 7 Dec 2017 · 1 min read विश्वास विश्वास आँखों से छलकता है , दिल में धड़कता है , रिश्तों में जकड़ता है , अपनों को पकड़ता है , विश्वास ! विश्वास !... धोखों से बचता है ,... Hindi · कविता 1 521 Share meenu yadav 7 Dec 2017 · 1 min read क्या है कविता ??? कविता कविता ! क्या है कविता ??? कवि की कल्पना..... या जीवन का सार है कविता ! ज़मीन का फलक से मिलन है कविता ! सावन की पहली बारिश सर्दी... Hindi · कविता 596 Share meenu yadav 6 Dec 2017 · 1 min read नन्हा मेहमान बड़ी मुद्द्तों के बाद .. हैं दिन यह आया ... कोई नन्हा मेहमान है घर मेरे आया ... किलकारी से उसकी , भर उठा मेरा आँगन.. जहाँ आज तक था... Hindi · गीत 2 580 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read ये बच्चे!! ये बच्चे नादान.... गुरु की महिमा ये न जाने , अपने को भी न पहचाने बिन बात मुस्काते हैं .. आकर्षण से भर जाते हैं जीवन की डगर समझे बिन... Hindi · कविता 467 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read हम बच्चे कब बड़े होंगे ????? हम बच्चे कब बड़े होंगे ????? मन मर्जी का काम करेंगे .. परीक्षा से हम नहीं डरेंगे .. मार्क्स पर मार नहीं खाएँगे... हम बच्चे जब बड़े होंगे .. ढेर... Hindi · मुक्तक 2 593 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read आकाश में स्वछंद विचरते ये पंछी ! आकाश में स्वछंद विचरते ये पंछी ! धरती से अंबर को नापते ऊँची और ऊँची उड़ान भरते अक्सर मुझे नींद से जगाते हैं इनके मधुर गीतों से जीवन का एहसास... Hindi · मुक्तक 1 516 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read ये कलम ! ये कलम ! हरदम कुछ कहती हैं .. हाथ में आने पर लिखने को मचलती है l भावों के मनको को कागज़ पर उकेरती है ये कलम ! कुछ ....... Hindi · कविता 349 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read बारिश की झडी टिप टिप बारिश की झडी -सी लगी हैं मौसम की एक ये हैं कड़ी शाख को छुं नवल कर देती भू की सुगंध नथुनों तक भर देती रोम रोम को... Hindi · कविता 1 476 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read बुलंद हौसला दौड़े तो हम भी इस कदर , पैरों में छाले पड़ गए छलाँगे लगाई चट्टानों से , घुटने छिल गए आकाश की तो छोड़ो दोस्तों ! ज़मी के भी लाले... Hindi · कविता 1 473 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read ये साख से झड़ते पत्ते ये साख से झड़ते पत्ते ये साख से झड़ते पत्ते कुछ कहना चाहते है ,मुझसे शायद फलसफा जिंदगी का सुनना चाहते है ,मुझको ये साख से झड़ते पत्ते यौवन की... Hindi · मुक्तक 1 483 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read मेरा मन मेरा मन कविता करने को मचलता है , क्या लिखूँ ! यही सोच घबराता है सोचा मुख्य अध्यापिका पर लिखूँ , उनके चलने के ढंग पर, उनकी साड़ी के रंग... Hindi · कविता 551 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read दादा जी दादा जी किताब मँगा दो , मैं भी पढ़ने जाऊँगी l सेक्टर पाँच में स्कूल खुल गया , अपना नाम लिखाऊँगी l पढ़ -लिखकर में दादा जी , डॉक्टर बन... Hindi · कविता 580 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read किताबें बोलती हैं ... किताबें बोलती हैं .... किताबें बोलती हैं .... छिपी कहानियाँ हज़ारों इसमें डोलती है .. कहीं है दर्द की आहें , कहीं है प्यार की राहे! कहीं है ज्ञान की... Hindi · कविता 516 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read माँ माँ माँ में गर्भ से निकलकर देखूँगी संसार न लो जीवन मेरा तुम .. होगा बड़ा उपकार ! उठो ,लड़ो इस दुष्ट समाज से करो इसका संहार मैं हूँ अंश... Hindi · मुक्तक 1 630 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read सपनों की उड़ान सपनों की उड़ान मुट्ठी बंद कर ली कल्पना की उड़ान की पहली मुट्ठी खोल ली स्कूल के नाम की खान पढ़ूँगी? गाँव या शहर ! क्या पढ़ूँगी ? हिंदी ,... Hindi · कविता 575 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read कभी कभी मेरे दिल में .. ये ख्याल आता है कभी कभी मेरे दिल में .. ये ख्याल आता है माँ न होती इस दुनिया में .. तो क्या होता !!!!! न गुल खिलते ... न बगिया महकती ... बेरंग... Hindi · मुक्तक 1 1 435 Share meenu yadav 5 Dec 2017 · 1 min read बड़ा शुभ दिन है आज बड़ा शुभ दिन है आज मेरे घर में है लक्ष्मी का वास.. शुभ कदमों से उसके .. मेरा जीवन हुआ आबाद .. बड़ा धन वान हूँ मैं ! वो घर... Hindi · मुक्तक 1 1 323 Share meenu yadav 30 Nov 2017 · 1 min read अक्सर याद आता है..... अक्सर याद आता है..... वो ममतामयी अचपन ! माँ का आँचल , बाबुल की डांट.. वो रूठना ..मटकना ... बिन बोले माँ का .. सब कुछ समझ लेना .. अक्सर... Hindi · कविता 536 Share meenu yadav 22 Nov 2017 · 1 min read गर्मी की छुट्टियाँ बीती ..... गर्मी की छुट्टियाँ बीती , अब पड़ने की है बारी, कभी प्रोजेक्ट ,तो कभी है परीक्षा , अंकों की है मारामारी गर्मी की छुट्टियाँ बीती....... बड़ा व्यस्त हो गया सेडियूल... Hindi · कविता 467 Share meenu yadav 21 Nov 2017 · 1 min read एक गुल . एक गुल बगीचे में गुलज़ार हुआ गुल .. ज़्यादा ही खिला ,मुस्कुराया .. पूछते सखा उसके - क्यों खिले हो इस कदर ????? जीवन तो दो पल का है... Hindi · मुक्तक 1 1 387 Share meenu yadav 21 Nov 2017 · 1 min read अक्सर याद आता है अक्सर याद आता है अक्सर याद आता है..... वो ममतामयी अचपन ! माँ का आँचल , बाबुल की डांट.. वो रूठना ..मटकना ... बिन बोले माँ का .. सब कुछ... Hindi · कविता 333 Share meenu yadav 20 Nov 2017 · 1 min read नई किरण रोशनी की .... नई किरण रोशनी की .... जब गरम हवाएँ गालों को सहलाने लगे , नन्हें कदमों को जलाने लगे , चिड़ियाँ उड़ने की बजाएँ.. बसेरे में छिपने लगें, नदी ,तालाब सूखने... Hindi · कविता 511 Share meenu yadav 20 Nov 2017 · 1 min read सर्दी के दिन आए रे . सर्दी आई रे ..... गर्मी बीत गई रे भइया .. सर्दी के दिन आए रे .. सूटकेस में बैठे स्वेटर .. ज़ोर -ज़ोर चिल्लाए रे l कैप्री, शॉर्ट्स से काम... Hindi · कविता 474 Share Page 1 Next